Friday 28 October 2016

मूर्छा विभाग की तो है यही पुकार
हमें बेहोशी से तो पहले करो बाहर
पूरे हों हमारे छोटे बड़े ये हथियार
तभी तो कर पाएंगे मरीज उपचार

Wednesday 26 October 2016

NEW HEALTH SCHEME LAUNCHED IN HARYANA

Monday, 30 December 2013 | PNS | Chandigarh | in Chandigarh
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A new health scheme will be launched in Haryana in the New Year to provide essential health care services free of cost in its all health institutions from primary to tertiary level at an estimated cost of Rs 261.1 crore.
Called Mukhyamantri Muft Ilaaj Yojana, the scheme would cover surgery, drugs, investigations or diagnostic services, ambulance or referral transport services, indoor services and dental treatment. It would benefit 2 crore persons visiting various Government hospitals in the state and about 1 lakh surgery patients. Haryana Health Minister, Rao Narender Singh said that in case of free surgeries, these would be provided under surgery package programme to all the residents of Haryana coming at the Government health institutions as well as the Government medical colleges of the State. There would be package rates for tertiary level surgeries at Government medical colleges of Haryana, he added.
The Minister said that as health department now intends to widen the scope of the scheme, there would be a provision of all types of surgeries under surgery package programme. Also, packages, on the pattern of surgery package programme, shall be prepared for tertiary level surgeries being done at the Govt medical colleges of Haryana.

AIR POLLUTION

विश्व में 92 प्रतिशत लोग दूषित वायु में सांस लेने को मजबूर: डब्ल्यूएचओ


World-Breathing-Polluted-Airविश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने 27 सितंबर 2016 को प्रदूषण से सम्बंधित एक रिपोर्ट जारी करते हुए बताया कि विश्व में वायु गुणवत्ता अत्यधिक चिंताजनक हालत में है. रिपोर्ट के अनुसार विश्व की 92 प्रतिशत जनसंख्या प्रदूषित वायु में सांस लेने को मजबूर है. इसके अनुसार 10 में से प्रत्येक 9 व्यक्ति प्रदूषित वायु की चपेट में है.

डब्ल्यूएचओ में सार्वजनिक स्वास्थ्य और पर्यावरण विभाग की अध्यक्ष मारिया नीरा ने इस रिपोर्ट को सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल बताया. उन्होंने यह भी कहा कि सरकारों को सड़कों पर वाहनों की संख्या कम करने, कचरा प्रबंधन तथा स्वच्छ ईंधन की व्यवस्था करनी चाहिए.

डब्ल्यूएचओ की यह रिपोर्ट विश्व के 3000 से भी अधिक स्थानों से एकत्रित किये गये डाटा के आधार पर तैयार की गयी. रिपोर्ट के अनुसार विकसित देशों की अपेक्षा विकासशील देशों में वायु अधिक प्रदूषित है.

रिपोर्ट कैसे तैयार की गयी

यह रिपोर्ट डब्ल्यूएचओ के वायु गुणवत्ता मॉडल पर आधारित है जिसे उपग्रह द्वारा तैयार किये गये पैमाने, हवाई परिवहन मॉडल तथा स्टेशन मॉनिटरों द्वारा एकत्रित आंकड़ों के आधार पर तैयार किया गया. इस पैमाने को इंग्लैंड स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ़ बाथ के साथ मिलकर तैयार किया गया.

वायु प्रदूषण का मनुष्य स्वास्थ्य पर प्रभाव

विश्व भर में प्रतिवर्ष लगभग 30 लाख लोग वायु प्रदूषण के कारण जान गंवाते हैं. घरेलू वायु प्रदूषण भी जानलेवा साबित होता है. एक अनुमान के अनुसार, वर्ष 2012 में 6.5 मिलियन लोग बाहरी एवं घरेलू प्रदूषण के कारण मारे गये.

वायु प्रदूषण से होने वाली मौतों में 90 प्रतिशत मौतें निम्न आय वर्ग अथवा विकासशील देशों में होती हैं. इनमें दक्षिण-पूर्व एशिया तथा पश्चिमी पसिफ़िक क्षेत्र प्रमुख हैं. 

डब्ल्यूएचओ के अनुसार इनमें 94 प्रतिशत मौतें गैर-संचारी रोगों के कारण होती हैं जिनमें हृदय रोग, पक्षाघात, फेफड़े के रोग तथा फेफड़े का कैंसर. वायु प्रदूषण से श्वसन संक्रमण भी फैलता है.

वायु प्रदूषण के स्रोत

प्रदूषण का सबसे बड़ा स्रोत सड़कों पर चलने वाली गाड़ियां हैं, साथ ही घरेलू ईंधन, कचरा जलाना, कोयला आधारित उर्जा संयंत्र तथा औद्योगिक इकाइयां भी शामिल हैं. वायु प्रदूषण के लिए केवल मनुष्य ही दोषी नहीं है क्योंकि धूल भरे तूफ़ान एवं चक्रवात भी जिम्मेदार हैं.