Wednesday 11 April 2018

डेंगू

डेंगू की महामारी और सार्वजनिक स्वास्थ्य रक्षा व्यवस्था का अंत - डॉ. अमित सेनगुप्त

डेंगू की महामारी और सार्वजनिक स्वास्थ्य रक्षा व्यवस्था का अंत
अमित सेनगुप्त
एक से ज्यादा निजी अस्पतालों की उदासीनता के शिकार, सात वर्षीय बच्चे अविनाश के डेंगू के बुखार से दम तोडऩे के बाद, उसके माता-पिता के आत्महत्या कर लेने तक के बहुत ही दु:खद घटनाक्रम ने, दिल्ली में स्वास्थ्य रक्षा सेवाओं की दयनीय अवस्था की पोल खोल दी है। इस पूरे घटनाक्रम पर हुए हंगामे के बाद जरूर दिल्ली सरकार ने इस समय दिल्ली में चल रही डेंगू की महामारी पर अंकुश लगाने के लिए कई कदमों की घोषणा की है। डेंगू की महामारी के दुष्प्रभाव सामने आते देखकर, बहुत से लोगों का मन यह कहने को जरूर करता होगा कि यह तो होना ही था। वास्तव में हर तीन से पांच साल में राजधानी में डेंगू बुखार का प्रकोप फूटता है। हर बार इसके चलते दिल्ली निवासियों के बीच बड़े पैमाने पर दहशत फैलती है। हर बार शहर की स्वास्थ्य सेवाएं इस संकट के सामने पूरी तरह से नाकाफी साबित होती हैं। और हर बार ही प्रशासन महामारी के असर को कम करने के लिए देरी से, ऊपर-ऊपर से कुछ कदम उठाती है।

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