
जन संकल्प

हम भारत के अलग–अलग हिस्सों से आये हुए लोग, जो 11 और 12 दिसंबर, 2025 को जन स्वास्थ्य अभियान के राष्ट्रीय सम्मेलन में देश एकत्र हुए हैं, निम्नलिखित बातों पर सहमत हैं और स्पष्ट तौर पर रखना चाहते हैं :
- हम जन स्वास्थ्य अभियान की ऐतिहासिक यात्रा की सराहना करते हैं, जिसने सभी लोगों के स्वास्थ्य के अधिकार को साकार करने के लिए संगठित होते हुए 25 महत्वपूर्ण वर्ष पूरे किए हैं।
- हम उन सभी आंदोलनों, नेटवर्कों, समुदायों और कार्यकर्ताओं के उल्लेखनीय प्रयासों को सलाम करते हैं जिन्होंने इन ढाई दशकों के दौरान विभिन्न तरीकों से JSA में योगदान दिया है।
- हम JSA की 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर हुए विशाल सम्मलेन से प्रेरणा और ऊर्जा पाते हैं, क्योंकि इस आधार पर हम सबके लिए स्वास्थ्य के आंदोलन को और तेज करेंगे ।
- हम स्वीकार करते हैं कि वैश्विक स्तर पर और भारत में, जमीनी आंदोलनों ने लोगों के स्वास्थ्य के अधिकार के लिए सरकारों को जवाबदेह ठहराने के लिए संघर्ष किया है । यह इसके बावजूद है कि राज्य अपनी जिम्मेदारियों से पीछे हटता गया है, और वह निजी संस्थाओं व कंपनियों के मुनाफाखोरी हितों को बढ़ावा दे रहा है।
- हम भारत सरकार और तमाम राज्य सरकारों द्वारा सार्वजनिक अस्पतालों और स्वास्थ्य सेवाओं के निजीकरण के प्रयासों का कड़ा विरोध करते हैं, और पूरे देश में स्वास्थ्य सेवाओं के निजीकरण को रोकने के लिए आंदोलन को व्यापक और तेज करने का संकल्प लेते हैं ।
- हम स्वास्थ्य क्षेत्र पर सार्वजनिक खर्च बढ़ाने (कम से कम GDP का 3.5%) और इसके साथ-साथ सभी स्तरों पर सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने और विस्तार करने की मांग करते हैं।
- हम व्यापक स्वास्थ्य अधिकार आंदोलन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हैं, जिसमें सभी के लिए मुफ्त और अच्छे दर्जे की सेवाएं, मरीजों के अधिकारों की रक्षा, सभी स्वास्थ्य कर्मियों के नियमित रोजगार और सामाजिक सुरक्षा का अधिकार, और स्वास्थ्य सेवा प्राप्त करने और प्रदान करने वालों की गरिमा शामिल है।
- हम लोगों के हितों की रक्षा के लिए निजी अस्पतालों और स्वास्थ्य सेवाओं के प्रभावी नियमन की मांग करते हैं, साथ ही दवाओं की सस्ती व योग्य कीमतें और जन-केंद्रित औषधि नीति की भी मांग करते हैं।
- हम जोर देते हैं कि स्वास्थ्य अधिकार आंदोलन को केवल स्वास्थ्य सेवाओं के प्रावधान तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि उभरते जलवायु संकट और सामाजिक न्याय के मुद्दों को भी संबोधित करना चाहिए, और सार्वजनिक स्वास्थ्य को विभिन्न सामाजिक निर्धारकों से जोड़ना चाहिए। इसमें शामिल हैं पर्याप्त भोजन और पोषण, साफ़ हवा और पानी, स्वच्छता और पर्यावरण की स्थितियां, तथा लोगों की साझा संसाधनों और प्राकृतिक संसाधनों तक पहुंच।
- हम संकल्प लेते हैं कि आने वाले वर्षों में स्वास्थ्य अधिकार आंदोलन को देश के हर हिस्से में आगे बढ़ाएँगे, जिसमें समुदाय और जमीनी स्तर पर कार्यवाही, जन आंदोलनों के साथ गठबंधन और एकजुटता, तथा राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर जन-केंद्रित स्वास्थ्य प्रणालियों और नीतियों के लिए लामबंदी शामिल है। हम भारत के सभी लोगों के स्वास्थ्य और जीवन के अधिकार की मांग को दोहराते हैं, विशेषकर ग्रामीण और शहरी मेहनतकश लोगों तथा हाशिए पर रहने वाले सभी समुदायों के लिए।
- हम सभी राजनीतिक दलों, भारत की संसद, राज्य विधानसभाओं, कार्यपालिका और न्यायपालिका से आह्वान करते हैं कि वे कानून, नीति, संसाधन और ठोस कार्रवाई के आधार पर लोगों के स्वास्थ्य के अधिकार को मान्यता दें और उसे अमल में लायें।
- हम समझते हैं कि स्वास्थ्य आंदोलन, संवैधानिक न्याय और लोकतंत्र की रक्षा के आंदोलन से गहराई से जुड़ा हुआ है, खासकर इन कठिन समयों में जबकि राजसत्ता, कंपनियों और असमान व्यवस्थाओं को चुनौती देना आवश्यक है।
- हम सभी लोगों, सामाजिक संगठनों और प्रगतिशील राजनीतिक ताकतों से आह्वान करते हैं कि वे स्वास्थ्य के अधिकार को गहराई और मजबूती देने के आंदोलन में शामिल हों।
सबके लिए स्वास्थ्य की ओर, हमारे बढ़ते कदम!
एक स्वस्थ और लोकतांत्रिक भारत की ओर, जहां भेदभाव और सामाजिक विभाजन न हों, और कोई वंचित न रहे !
स्वास्थ्य हमारा अधिकार – मत करो इसका व्यापार !
