Sunday 4 March 2012

एमपी की कंपनियों में यूपी के घोटाले का पैसा


एमपी की कंपनियों में यूपी के घोटाले का पैसा

उत्तरप्रदेश के बहुचर्चित एनआरएचएम घोटाले के करोड़ो रूपए मध्यप्रदेश की करीब दो दर्जन कंपनियों में लगे हुए हैं। ये कंपनियां प्रदेश के गृह राज्यमंत्री नारायण सिंह कुशवाह के रिश्तेदारों की है। मालूम हो कि यूपी के एनआरएचएम घोटाले के बाद बाबूसिंह कुशवाह को मुख्यमंत्री मायावती ने अपने मंत्री मंडल से बाहर कर दिया था। सत्ता और संगठन से बाहर होने के बाद बाबूसिंह को भाजपा की सदस्यता दी गई जिसके बाद तो भाजपा के भीतर ही घमासान मच गया। इन्हीं बाबूसिंह कुशवाहा और मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार के गृह राज्य मंत्री नारायण सिंह के बीच पारिवारिक और व्यावसायिक रिश्तों के सामने आने से भाजपा सरकार मुश्किल में पड़ती दिखाई पड़ रही है। गृह राज्यमंत्री के दामाद और भाई पहले से ही पुलिस रिकार्ड में वांटेड हैं, करोड़ों की ठगी के आरोप में ग्वालियर पुलिस ने इन पर ईनाम भी घोषित कर रखा है।
शिवराज सरकार के कई मंत्रियों ने सत्ता और संगठन को पहले से ही काफी परेशान कर रखा है। इन्हीं मंत्रियों की फेहरिस्त में एक नाम और गृह राज्यमंत्री नारायण सिंह कुशवाह का जुड़ गया है। सूत्रों का दावा है कि यूपी की माया सरकार में मंत्री रहे बाबूसिंह कुशवाह से इनके रिश्ते हैं। रिश्तेदारी का फायदा उठाकर ही बाबूसिंह ने एनआरएचएम घोटाले से कमाए गए करोड़ों रूपए मध्यप्रदेश में खपाए हैं। ये पैसा नारायण सिंह के दामाद बालकिशन कुशवाह और बड़े भाई बनवारी लाल कुशवाह तथा शिवराम कुशवाह की कंपनियों में निवेश किया गया।
मालूम हो कि बालकिशन, बनवारी और शिवराम कुशवाह पर गिरफ्तारी के लिए ग्वालियर पुलिस ने ईनाम भी घोषित कर रखा है। ये गरिमा चिटफंड कंपनी के नाम से करोड़ों की ठगी के आरोपी है। इन आरोपियों ने गिरफ्तारी से बचने के लिए अपनी कुछ कंपनियों के नाम भी बदल दिए हैं। गजाली सीमेन्ट और गरिमा सीमेन्ट कंपनी का नाम कर लिया गया है ताकि गरिमा चिटफंड कंपनी के नाम पर की गई ठगी के आरोपों से बचा जा सके।
विदित हो कि पिछले साल विधानसभा सत्र के दौरान कांग्रेस विधायक गोविंद सिंह ने प्रदेश में चल रही फर्जी चिटफंड कंपनियों का मामला उठाया था। इसके बाद भोपाल, इंदौर, जबलपुर आदि शहरों में ऐसी कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी लेकिन इस कार्रवाई की आंच कुशवाह परिवार तक नहीं पहुंची। बताया जा रहा है कि बालकिशन कुशवाह करीब दर्जन भर कंपनियों का डायरेक्टर है। बनवारीलाल कुशवाह लगभग डेढ़ दर्जन कंपनियों में डायरेक्टर है। शिवराम कुशवाह आधा दर्जन से ज्यादा और पूर्व मंत्री बाबूसिंह की भतीजी शोभा रानी कुशवाह एक दर्जन कंपनियों में डायरेक्टर है।
कुल मिलाकर, इस परिवार की दो दर्जन के आसपास कंपनियां हैं जिनमें एक हजार करोड़ रूपए से ज्यादा का निवेश है। कहा जा रहा है कि ये पैसा यूपी के एनआरएचएम घोटाले का ही पैसा है जिसे इन कंपनियों में खपाया गया है। सूत्रों की माने तो यूपी के एनआरएचएम घोटाले की जांच की जद में प्रदेश का ये कुशवाह परिवार भी आ सकता है। इधर, यूपी घोटाले के तार एमपी से जुडऩे और बाबूसिंह से नारायण सिंह कुशवाह के संबंधों के खुलासे के बाद भाजपा सरकार की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है।
पहले कोयला खरीदी, फिर बिजली, मीटर, ट्रांसफार्मर खरीदी, इसके बाद खनिज घोटाले में शिवराज सरकार के मंत्रियों तक आरोपों के छीटें उछलते रहे हैं। इसी कड़ी में नारायण सिंह कुशवाह का नाम भी जुड़ गया है