Monday 2 January 2023

मांगें

1. प्राथमिक और सेकेंडरी स्तर की स्वास्थय सेवाओं के ढांचे को बढाने और मजबूत करने के लिए 4000 करोड़ का अलग बजट होना चाहिए 
2  टर्सरी स्तर की स्वास्थय संस्थाओं जैसे पी जी  आई एम एस रोहतक का बजट भी काम से कम 50 प्रतिशत बढ़ाया जाना चाहिए 
3 आयुष्मान भारत योजंना के लिए बजट अलग से सरकारी अस्पतालों के लिए आंवटित किया जाना चाहिए 
4 प्राइवेट क्षेत्र के लिए मापदंड तय किये जाएँ और नए मेडिकल कालेज यदि खोलने हैं तो वे सरकारी खाते में खोले जाएँ

Health Vision

VISION
P r o v i d i n g a ff o r d a b l e , accessible, equitable and quality health services to all.
MISSION

 Improvement in all health indicators of the State - Expanding and strengthening of health care services at primary, secondary and tertiary levels - Promoting and strengthening the preventive health care system to reduce the incidence of communicable and non-communicable diseases.
MAJOR OBJECTIVES
Universal access to primary health care for all - Improvement of maternal & child health - Reduction in burden of communicable and non-communicable diseases - Capacity-building of medical and para-medical staff - Strengthening of e-governance initiatives in the Health Department.
Key Schemes and Focus Areas

National Health Mission
 Ayushman Bharat Haryana Health Protection Mission 
Mukhyamantri Muft Ilaaj Yojana 
 Benefit to 12 lakh families under Ayushman Bharat Haryana Health Protection Mission - 
15.50 lakhs of IPDs under Mukhyamantri Muft Ilaaj Yojana - Improvement and expansion of 3359 health centres

23 का शहीदी दिवस

निम्नलिखित मांगो को लेकर यह 23 का शहीदी  दिवस मनाएं ; 22 मार्च को जनता कर्फ्यू के दिन  
1 - अधिकतम लोगों की जांच की जाये खासकर उनकी जिनमे जुखाम, बुखार और खांसी जैसे लक्षण दिखाई दे रहे हैं।  
2 -  सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा को मजबूत करने और मुफ्त में जांच की सुविधा के विस्तार, अस्पतालों की सुविधाओं, आइसोलेशन वार्डस और वेंटिलेटर्स की व्यवस्था के लिए खर्चे में बढ़ोत्तरी की जाये।  निजी अस्पतालों को भी कोरोना वायरस के मरीजों की मुफ्त चिकित्सा के काम पर लगाया जाए।  
3 - समस्त जनधन खातों और बीपीएल लाभार्थियों के खाते में 5000 रूपये डाले जाएँ ।  राज्य सरकारों को यह राशि केंद्र सरकार दे।  
4 - सभी एपीएल/बीपीएल परिवारों, आप्रवासी मजदूरों के परिवारों को महीने भर का राशन मुफ्त में दिया जाये।  इसके लिए एफसीआई के गोदामों में जमा साढ़े सात करोड़ टन खाद्यान्न का उपयोग किया जाए।  
5 - मनरेगा (ग्रामीण रोजगार गारंटी) के काम के दिन बढ़ाकर 150 दिन किये जायें और जो भी उसमे काम मांगे उसे काम दिया जाए।  .
6 -सार्वजनिक वितरण प्रणाली का विस्तार कर सभी आवश्यक वस्तुयें उसके जरिये उपलब्ध कराई जाएँ। 
7- स्कूलों में मध्यान्ह भोजन की जगह बच्चों के घरों/परिवारों में राशन किट पहुंचाई जाएँ।  
8 - इस आपदा से प्रभावित सभी क्षेत्रो के लिए वित्तीय पैकेज लाया जाए। यह वित्तीय सहयोग इस शर्त पर होना चाहिए कि ये कंपनियां और संस्थान अगले तीन महीने तक किसी को भी काम से बंद (लेऑफ़) नहीं करेंगे और किसी को भी रोजगार से नहीं हटाएंगे।  
9 - अनौपचारिक और असंगठित क्षेत्र के मजदूरों की जिंदगी पर पड़ने वाले प्रभावों में आर्थिक मदद देने के लिए एक कोष की स्थापना की जाए। 
10 - जो मजदूर कर्मचारी कोरोना वायरस के चलते काम पर नहीं जा पा रहे हैं उन्हें सवैतनिक बीमारी की छुट्टी दी जाए। 
11 - सारे खुदरा व्यापारियों और छोटे मंझोले उद्यमों के बैंक कर्जों में एक साल का स्थगन दिया जाए।

13 अप्रैल 2020

*ये आंकड़े उस  रोज के लगभग आंकड़े हैं इस रागनी में ***
गायक अमित रोहणा
दुनिया मैं कोरोना का आज हिसाब लगाया रै।।
ग्यारा लाख मरीज होगे दिमाग चकराया रै।।
1
उनसठ हजार प्राणी मौत का शिकार होगे
हिसाब दुनिया का सुनकै होस हवास खोगे
घणे डॉक्टर पैदा होगे यो समाज उलझाया रै।।
ग्यारा लाख मरीज होगे दिमाग चकराया रै।।
2
कष्ट अमरीका और इटली घणा झेल रहे
अपने प्रयासों के म्हं सारा हांगा पेल रहे
डॉक्टर नर्स बाकी स्टाफ जोर खूब लगाया रै।।
ग्यारा लाख मरीज होगे दिमाग चकराया रै।।
3
आज पौने तीन लाख अमरीका मैं बीमार सैं
एक लाख बीस हजार इटली के मैं शिकार सैं
साढे चौदह हजार मरे इटली मैं बताया रै।।
ग्यारा लाख मरीज होगे दिमाग चकराया रै।।
4
बत्तीस सौ म्हारे देश मैं मरीज आज गिनाए
थोड़े साधनों के साथ ये लॉक डाउन लगाए
कई करोड़ जनता देखो दुख घना उठाया रै।।
ग्यारा लाख मरीज होगे दिमाग चकराया रै।।

हरयाणा में आयुष्मान योजना

हरयाणा में आयुष्मान योजना 
हरियाणा सरकार ने 1लाख 80 हजार रुपये तक वार्षिक आय वाले परिवारों का ''आयुष्मान भारत कार्ड'' बनाने का निर्णय लिया है. इस योजना के तहत आने वाले परिवार प्रत्येक वर्ष 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज करवा सकते हैं. इसका सारा खर्च हरियाणा सरकार (Haryana Government) वहन करेगी
Chandigarh-City News in Hindi

चंडीगढ़. हरियाणा सरकार ने 1लाख 80 हजार रुपये तक वार्षिक आय वाले परिवारों का ''आयुष्मान भारत कार्ड'' बनाने का निर्णय लिया है. इस योजना के तहत आने वाले परिवार प्रत्येक वर्ष 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज करवा सकते हैं. इसका सारा खर्च हरियाणा सरकार (Haryana Government) वहन करेगी. हरियाणा सरकार में स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज (Anil Vij) ने लोगों को ट्वीटर के जरिए ये जानकारी दी है. स्वास्थ्य मंत्री ने हितग्राहियों को ट्वीटर के जरिए ही बताया कि वे यह कार्ड '' अटल सेवा केंद्र '' (Atal Seva Kendra) पर बनवा सकते हैं. मंत्री ने ट्वीटर पर लिखा,  '' अपना "परिवार पहचान पत्र" बनवाएं, अगर आपकी आय 1.80 से कम है तो कार्ड आपके घर पहुंच जाएगा. ''

गौरतलब है कि ''आयुष्मान भारत योजना'' (Ayushman Bharat Yojana) के तहत प्रत्येक परिवार सालाना 5 लाख तक मुफ्त में इलाज करवा सकता है. इसके तहत लाभूक देश भर के ऐसे किसी भी निजी या सरकारी अस्पताल में कैशलेस इलाज करवा सकता है जो सरकार के पैनल में शामिल हैं.
23 सितम्बर को मनाया जाएगा ''आयुष्मान भारत दिवस''

उधर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन (Dr. Harshvardhan) ने सूचना दी है कि आगामी 23 सितम्बर को '' आयुष्मान भारत दिवस '' के रूप में मनाया जाएगा. 15 से 30 सितंबर तक ''आयुष्मान भारत पखवाड़ा'' मनाया जाएगा. इस दौरान देश भर के राज्यों में इस सरकारी योजना के बारे में जागरुकता फैलाने कि लिए कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा.

बता दें कि पिछले एक साल में '' आयुष्मान भारत योजना '' से 45 लाख मरीज लाभान्वित हुए हैं. इन सभी मरीजों ने अस्पताल में भर्ती होकर सरकारी स्वास्थ्य योजना का लाभ उठाया. इस योजना के तहत अबतक 10 करोड़ ई-कार्ड (e-cards) जारी किए जा चुके हैं. साथ ही पैनल में देश भर के 18,000 अस्पताल शामिल किए गए हैं.

आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएम-जय);
हरियाणा स्वास्थ्य सुरक्षा मिशन 
कार्यान्वयन का तरीका     ट्रस्ट 
SECC / RSBY डेटा के अनुसार पीएम-जय पात्र परिवारों की संख्या-------15,51,798x 500000 = 775899000000 



स्वास्थ्य लाभ पैकेजों की संख्या (एचबीपी 1.0)------1384 

सरकारी अस्पतालों के लिए आरक्षित पैकेजों की संख्या-----146

राज्य स्वास्थ्य एजेंसी का नाम (रा.स्वा.अ. )-----   हरियाणा स्वास्थ्य संरक्षण प्राधिकरण


रा.स्वा.अ. की ईमेल आईडी---------ayushmanbharatharyana@gmail.com



रा.स्वा.अ. के मुख्य कार्यकारी अधिकारी का नाम-------श्री। अशोक कुमार मीणा



रा.स्वा.अ. का टोल फ्री नं-----------6239504471/72




























INDRANILImpoverishing Lockdown

Impoverishing Lockdown
•Around forty crorespeople have been pushed to poverty due to the lockdown
•Around 12crores of them reside in urban areas and another 28crores in rural areas
•More than 62crore (47.5%) people living in extreme poverty
•Most of them working in informal works or are self-employed

Indispensability of a strong public health system
•The global crisis in the wake of Covid-19 pandemic has underscored the indispensability of a strong public health system.
•Due to systemic challenges, the response of the government health system has been grossly inadequate.
•Private sector has completely failed to respond to the crisis,

•Majority of private providers have been either incapable of or unwilling to help in overcoming the national crisis, despite much hype created by PMJAY.

Public Health response to Covidhas come at the cost of routine health care
•The response of the Union and State governments in trying to manage the procurement of equipment, kits and setting aside facilities for Covidmanagement has come at the cost of compromising routine health services –
•Affecting people’s access to routine maternal and child health, family planning services, TB, dialysis, cancer care etc.
•Severe long term consequences.

•All these clearly point out the lack of comprehensive primary care, particularly in the urban areas.

•Significant efforts from frontline health workers across the country working overtime and
•putting aside threats to personal safety, family interests, and
•Stigma to provide the best possible care despite limited resources,
•Lack of protective equipment, testing kits and other necessary resources.
•Several frontline health workers such as nurses, doctors, ASHA workers became victims of the disease while fighting against it.

•There are also reports of ASHA workers being beaten up or harassed while performing their duties during the pandemic


PMJAY exposed: Abandon PMJAY, Use public resources to Strengthen Public SystemsThePMJAYauthorities,whoweresofarveryvocalabouthandingoverhealthcaredeliverytotheprivatesector,

PMJAYasaschemeandprivatesector,ingeneral,havefailedmiserablyinprovidingdesirablequalitycaretosignificantsectionsofthepopulationduringthepandemic

Public system strengthening with World Money?
•In its first response in April, Centre announced Rs. 15,000 croreas Covid-19 emergency response and health system preparedness package. Centre is to release Rs. 7,774 crorefor immediate use and Rs7226 crorefor medium term support till 2024.
•This amounts to less than 0.1% of country’s GDPand even less than the amount of money spent on health by some States currently.
•USD 1 Billion funds for Covid--19 Emergency Response and Health System Preparedness from World Bank-explicit privatisation

•The Rs. 15,000 crorepackage is probably out of this loan grant and not a provision from own resources as is being projected by the Centre.

Inverse relationship between public spending and OOPs across 155

countries: 2010

Global trends show clearly that as public spending on health
increases share of out of pocket expenditure in total health
expenditure decreases. India’s position at the top left shows that
people bear a huge share of health care expenses at the time of

health needs in India.

Expenditure on health by union and state governments (% of GDP)

Since 2005-06 state governments have increased their investment on health:
From 0.62% of GDP in 2005-06 this had increased to 0.91% in 2014-15

Union government expenditure of 0.23% of GDP in 2015-16 is lowest in the last three decades-this is even lower than what was being spend during the early 1990s.

Stronger public system could prevent the pandemic: experience from Kerala
•Invested substantially in strengthening primary care, preventive and public health services over a long period of time.
•Most other States have neglected preventive services beyond a few services related to maternal and child health.
•Failure of resource rich states such as Maharashtra and Gujarat weak public health and primary care in urban areas in these States.

•Community based model in Kerala
Strengthen public sector manufacturing of medicines and equipment:
•It was expected that the government would provide considerable support to pharmaPSUs through the relief package.
•However, last year the government shut down IDPL and its subsidiary Rajasthan Drugs and Pharmaceuticals Limited and put HAL and BPCL on strategic sale.
•It is of utmost importance that self-reliance in equipment manufacturing is achieved through robust investment in pharmaand medical equipment manufacturing industries.
•Centralised and transparent procurement, and decentralised distributionto ensure regular availability of good quality generic medicines in public facilities both for national programmes and State systems, as we have in Tamil Nadu, Rajasthan and Kerala.

•Compulsory licensing for ARV drugs

Rights of health workers
Considerableshortageofskilledhumanresourcesinruralareasandhighdensityofmedicalprofessionalsinmetropolitancities
createshugedistortionsinthequalityandrationalcareprovidedinbiggercities.
Alllevelsofpublichealthsystemstaffshallbeprovidedwithadequateandcontinuedskilltraining,
Fairwages,socialsecurityanddecentworkingconditions.

All contractual health workers, an overwhelming majority of whom are women, should be regularised and receive protection under the entire range of labour laws.

Invest in health research

•Health research budget has been a meagre 3% of the total budget of MoHFW.
•For some of the sub heads aimed at strengthening the surveillance for Zoonotic Diseases and other neglected tropical diseases the utilisation of the already meagre budgets has been as low as 15% (in 2018-19).

•Public investment on health research needs to increase manifold to be able to meet the upcoming public health challenges



छोटी माता

 
छोटी माता
Chicken Pox
यह एक संक्रामक रोग है, जिसके दाने विशेष प्रकार से फैलते हैं और यह एक स्थान पर समूह के रूप में होते हैं । यह रोग सामान्यत: बच्चों को होता है, परंतु यह वयस्कों को भी हो सकता है ।
कारण (Causes )
यह एक वायरस ( Virus) द्वारा फैलता है।
इनक्यूबेशन काल ( Incubation period )
अनुमानत: 17 दिन परंतु 12 से 21 दिन भी हो सकता है।
रोग फैलने के कारण(Mode of spread):
1 रोगी से सीधे संपर्क में आने या उसके द्वारा प्रयुक्त वस्तुओं (Fomites) में आने से बहुत शीघ्र फैलता है।
2 इसका वायरस रोगी की थूूूक या दानों की पपड़ियों में भी होता है।
चिन्ह और लक्षण (Signs and Symptoms )
1. बुखार
2. पीठ में दर्द
3. शरीर की थकावट ।
24 घंटे के बाद शरीर पर दाने निकल आते हैं । यह चेहरे और टांगों, बाजुओं की अपेक्षा धड़ के ऊपर अधिक होते हैं । यह दाने हाथों की हथेलियों और पैरों के तलवों पर नहीं निकलते। यह दाने एकाएक ही निकल आते हैं और इनमें जलन होती है। 4 से 7 दिन में दानों पर पपड़िया scales बननी आरंभ हो जाती हैं । दाने ( पित्तिकाएँ ) ( Rash) से 14 दिन बाद पपडियां उतरने लगती हैं ।
इलाज और देखभाल (ट्रीटमेंट एंड केयर ) :
1. बुखार के लिए एपीसी की गोलियां दें ।
2. कैलामाइन लोशन लगाएं ।
3. बच्चे को अलग कमरे में रखें।
4. बच्चे को पीने के लिए अधिक मात्रा में तरल पदार्थ और खाने के लिए नरम भोजन दें ।
5. थूक और बलगम को लकड़ी के बुरादे में मिलाकर जला दें।
6. स्वस्थ बच्चों को रोगी बच्चे के पास न जाने दें ।
7. इलाज 2 दिन तक जारी रखें , यदि ठीक हो जाए तो 3 दिन तक और इलाज करें ।
8. यदि ठीक ना हो तो बच्चों को घर में अलग रखें और डॉक्टर को बुलाएं।
9. यदि आपको संदेह हो कि बच्चे को शीतला (Small Pox) है तो रोग के फैलने से बचने के लिए सभी सावधानियां अपनाएं , डॉक्टर को बुलाएं ।रोगी का इलाज स्वयम करने की जिम्मेदारी न लें
10. ने बच्चों द्वारा प्रयोग सभी वस्तुओं को कीटाणु रहित करें

सवाल --1 -- मेरी उम्र 25 साल है। मैं पिछले 6 दिनों से चिकन पॉक्स से

neglect cases

 Tribune News Service   Faridabad, May 6

The district health authorities sealed a private hospital here on charges of gross negligence in matter related to a Covid positive case.

According to Nodal officer, Health department, Dr Sanjiv Bhagat the accused medical service provider has been identified as Lotus Hospital located on Sohna road. It had referred a woman patient found as Covid positive to a diagnostic centre for ultrasound test, thus violating the guidelines for treating such patients and putting life of several others at risk.

It was further claimed that the hospital owner had also failed to inform the authorities on the admittance of such a patient who was later shifted to ESI hospital for treatment.

While this is first such hospital to face an action, the department has already issued a detailed circular and notification to all private clinics and hospitals regarding observance of the guidelines issued to keep a check on the spread of the disease, as told by Civil Surgeon Dr Krishan Kumar.


COVID की दूसरी लहर पर जन स्वास्थ्य अभियान का बयान -

 

Pgims situation

 विषय: पीजीआईएमएस, रोहतक में परामर्शदाताओं( कंसल्टेंट डॉक्टरों) और नर्सिंग स्टाफ की कमी।

1998 में कुल बिस्तर..1314
वर्तमान में बिस्तरों की संख्या..2325 पीजीआईएमएस में नर्स
पीजीआईएमएस, रोहतक में कंसल्टेंट्स और नर्सिंग स्टाफ की स्टाफिंग स्थिति।
नर्सिंग स्टाफ:-
स्वीकृत नर्स पद-- 1150
भरे हुए पद-- 950
इनमें से 100 अन्य उद्देश्य से छुट्टी पर रहती हैं।
आईसीयू की स्थिति और नर्सें:
A. निम्नलिखित आईसीयू हैं जिनके लिए नर्सिंग स्टाफ को स्वीकृत (सैंक्शन) करने की आवश्यकता है।
1. कार्डिएक आईसीयू वार्ड 25....12 बिस्तर एसएससी....8 बिस्तर
कुल..20 बिस्तर
2. न्यूरोसर्जरी आईसीयू..8 बेड
3. न्यूरोलॉजी आईसीयू..8 बेड
4. डे केयर आईसीयू..10 बेड
5.बाल चिकित्सा सर्जरी आईसीयू..10 बिस्तर कुल बिस्तर: 56
नर्सिंग स्टाफ की आवश्यकता :56x 4=224 नर्सिंग सिस्टर्स : मानदंडों के अनुसार प्रत्येक पाली में 1  + प्रत्येक इकाई के लिए आरक्षित अवकाश के लिए,
इसलिए 5x4=20 नर्सिंग सिस्टर्स
आवश्यक सहायक नर्सिंग सिस्टर्स मानदंड के अनुसार ...1 सहायक नर्सिंग सिस्टर 2 इकाइयों के लिए +छुट्टी आरक्षित=4
5 आईसीयू बेड के लिए आवश्यक कुल नर्सिंग स्टाफ 224+20+4=248 . बनता है

B .ओल्ड ओटी कॉम्प्लेक्स तीसरी मंजिल
1. कोविड मरीजों के लिए पीआईसीयू..36 बेड 2. नॉन कोविड पीआईसीयू..8 बेड
कुल बिस्तर 44
नर्सिंग स्टाफ की आवश्यकता..44x4=176 नर्सिंग सिस्टर्स=8
सहायक नर्सिंग सिस्टर्स.2
कुल नर्सिंग स्टाफ की आवश्यकता..176+8+2=186
C. नया ओटी केयर आईसीयू कॉम्प्लेक्स..215 A+B+C =248+186+215=649
वर्तमान स्थिति और भविष्य की महामारी की स्थितियों से निपटने के लिए नर्सिंग स्टाफ के कम से कम 600 और पदों की स्वीकृति की तत्काल आवश्यकता है।

     क्लीनिकल(नैदानिक) ​​विभागों में सलाहकार:
विभिन्न क्लीनिकल(नैदानिक) ​​विभागों में सलाहकारों की कमी है। ये पद 10-15 साल पहले या उससे भी पहले स्वीकृत किए गए थे, जबकि तब से पीजीआईएमएस रोहतक का कार्यभार कई गुना बढ़ गया है। बिस्तरों की संख्या दोगुनी हो गयी है।स्वीकृत पदों में से भी प्रमुख विभागों में कई पद रिक्त पड़े हैं। कुछ उदाहरण इस प्रकार हैं:

विभाग         सं.     भरे हुए    खाली
एनेस्थ.        57.        37.     17
ब्लड बैंक     03.       00.     03 
मेडिसिन      25.       15.      10
चेस्ट&टीबी   05.       03.      02
हॉस्पिटल
एडमिनिस्ट्रेशन04.     01.     03
इमरजेंसी        04.     00.    04
मेडिसिन
पल्मोनरी       04.    02.     02
&क्रिटी.केयर
शल्य चिकित्सा   26.    10.  16
निओनाटो          05.     01.  04
लोजी
न्यूरोलॉजी          02.    00.   02
नेफ्रोलॉजी.         02.    00.   02
सीनियर रेजिडेंट्स:-
सर्जरी--- सैंक्शनड --30 भरी हैं 18 , खाली 12
मेडिसिन..सैंक्शनड --20 भरी हैं 12 , खाली 8

      ये वर्तमान सेट अप के लिए हैं। कोविड महामारी के लिए, हमें अतिरिक्त सलाहकारों की आवश्यकता है ताकि रोगियों की नियमित देखभाल प्रभावित न हो।
2011 और 2019 में पीजीआईएमएस का कार्यभार इस प्रकार है:-

पीजीआईएमएस 2011 डेटा
1. बिना आपात विभाग के ओपीडी में उपस्थिति..1298710
2. आपात विभाग ओपीडी उपस्थिति 221916
3. कुल ओपीडी उपस्थिति ..1520626
4. दैनिक औसत ओपीडी उपस्थिति ..5148 5. आईपीडी उपस्थिति ..96201
6. औसत दैनिक प्रवेश..264
7. कुल मौतें ..6954
8. कुल जन्म..9166
9.% बेड ऑक्यूपेंसी..90.44
10. औसत प्रवास (स्टे)..5.58 दिन
11. प्रमुख ऑपरेशन..35466
12. छोटे ऑपरेशन..132333
13.कुल संचालन..167799

पीजीआईएमएस 2019 :-
1. बिना आपात विभाग के ओपीडी में उपस्थिति..1743495
2. आपात विभाग की ओपीडी उपस्थिति 390074
3. कुल ओपीडी उपस्थिति ..2133569
4. दैनिक औसत ओपीडी उपस्थिति ..7081 5. आईपीडी उपस्थिति ..123403
6. औसत दैनिक दाखिले.. 337
7. कुल मौतें ..8010
8. कुल जन्म..12796
9.% बेड ऑक्यूपेंसी..82.33
10. औसत प्रवास(स्टे)..5.75 दिन
11. प्रमुख ऑपरेशन..25976
12. छोटे ऑपरेशन..158641
13.कुल ऑपरेशन.184617


जन स्वास्थ्य हरियाणा का अधिकारियों से विनम्र अनुरोध है कि मामले को तत्काल आधार पर उठाएं और रिक्त पदों को भरें और आवश्यकता के अनुसार पदों को स्वीकृत करें।
डॉ सतनाम सिंह
संयोजक जेएसए, हरियाणा

Sunday 1 January 2023

RADIO -- DIAGNOSID

 


Situation in Radio diagnosis department and other departments in PGIMS, Rohtak.
30.08.2022 workload details in Radio Diagnosis Deptt.
MRI...........41
CT Scan....85
USG...........560
Plain xray..975
IVP.............03
Mammography..04
CT guided FNAC..01
USG guided fnac..02
Total faculty posts sanctioned are (20 yrs back)..Eleven(11)
At present faculty working is 3 (three). 8 posts are ling vacant.
Similarly other main departments are having less number of consultants and senior residents . Few examples are as follows.
Consultants
Deptt Sanct. filled vacant
Surgery. 26.    18.     8
Medicine 25.   13.    12
Anaesthesia 54 42.  12
Radio             11.  3.    8.
Diagnosis
The same is condition of senior residents as follows.
Surgery.  30.  04.   26
Medicine 20. 04.  16
Anaesth.  50. 16. 34
Obst.        22.   11. 11
Gynae.
Paed.       12.  04.     08
The daily average opd attendance is about 7000--8000.
The MBBS course seats are 250 students per year . Addition work load
       Many times we criticize long waiting raws before radio-diagnosis department, but we do not want to know above things which are responsible for long raws.
      Jan Swasthya Abhiyan Haryana appeal to the general public to take note of this and make an agenda to pursue at different levels.
1.The vacant posts of consultants and Senior Residents should be immediately filled in these departments.
2. The work load has increased much more, so more posts should be created in all these  departments.
R.S.Dahiya
State core group member
JSA ,Haryana.

PGIMS 2

 PGIMS ROHTAK DATA --2018--2019

                                                  
                                 2018             2019
1. ओपीडी इमरजेंसी के अलावा------
                        1861306 --------1743495
2.  इमरजेंसी ---------------------------   
                           336836----------390074
3. कुल ओपीडी----.2198142-----2133569
4.रोजाना औसतन ओपीडी  
                                   7386-------7081
5. दाखिल कुल मरीज 117018----123403
6.रोजाना दाखिले औसतन 321-------337
7.कुल डेथ ----------.   7074-----------8010
8.कुल जन्म--------11222--------------12796
9.% बिस्तर ऑक्युपेंसी 83.66--------82.33
10. औसतन स्टे(दिन)----5.73---------5.75
11.मेजर सर्जरी ------------24653------25976
12.माइनर सर्जरी---158825--------158641
13कुल ऑपरेशन---183478--------184617

#पीजीआईएमएसरोहतक
**पीजीआईएमएस का साल 2019 का लेखा जोखा**
1.इमरजेंसी विभाग के अलावा ओपीडी की हाजरी...1743495
2.इमरजेंसी विभाग की ओपीडी हाजरी..390074
3. कुल ओपीडी हाजरी..2133569
4.रोजाना की औसतन ओपीडी की हाजरी..7081
5. कुल दाखिल हुए मरीज..123403
6. औसतन रोजाना के दाखिल मरीज..337
7. कुल मृत्यु-- 8010
8. कुल पैदा हुए बच्चे-- 12796
9. मेजर ऑपरेशन.. 25976
10.माइनर ऑपरेशन..158641
कुल ऑपेरशन..184617
पिछले 8 या 9 साल में यह वर्कलोड काफी बढ़ गया है।
इसके मुताबिक जितने सीनियर रेजिडेंट, टीचर्स, सीनियर प्रोफेसर चाहियें उनसे बहुत कम हैं। नर्सेज की भी माड़ी हालत है।
कमलू--क्या किया जाये?
रमलू-- कुछ तो करना ही पड़ेगा।
अपने अपने स्तर पर सोचें कि क्या किया जा सकता है?
एक जन स्वास्थ्य अभियान के तहत ये सब मामले जनता तक लेकर जायें  और फिर मिलकर जोर लगाएं।

पीजीआईएमएस रोहतक के रेडियो डाइग्नोसिस विभाग में 18.8.2018 को 150 xray दाखिल मरीजों के और 863 ओपीडी के मरीजों के किये गए। 19.8.2018 को एतवार के दिन 34 दाखिल मरीजों के और 228 ओपीडी मरीजों के किये गए। 20.8.2018 को 168 दाखिल मरीजों के और 992 ओपीडी मरीजों के xray किये गए। 21.8.2018 को 128 xray दाखिल मरीजों के और 997 ओपीडी मरीजों के किये गए।
इसके अलावा सीटी स्कैन और mri और अल्ट्रासाउंड अलग।
फैकल्टी बहुत कम ।
आज के दिन 7 हैं 3..4 महीने पहले तक 5 ही थी ।
जब mri , ct स्कैन , अल्ट्रासाउंड नहीं आये थे तब विभाग में फैकल्टी 9 थी ।
वर्कलोड बहुत ज्यादा है फैकल्टी बहुत कम है ।
मरीजों की परेशानियां तो बढ़ेंगी ही।
अभी तो xrays का लेखा जोखा है । बाकि फिर कभी ।
डॉ रणबीर सिंह दहिया
जन स्वास्थ्य अभियान , हरियाणा

CONSULTANTS
Surgery..
Sanctioned..26
Working..16
Vacant..10
Medicine..
Sanctioned..25
Working..13
Vacant..12
Anaesthesia..
Sanctioned..54
Working..42
Vacant..12
Radio Diagnosis..
Sanctioned..11
Working..3
Vacant..8
SENIOR RESIDENTS..
Surgery..
Sanctioned..30
Working..4+6=10
Vacant..20
Medicine..
Sanctioned..20
Working..4
Vacant..16
Anaesthesia..
Sanctioned..50
Working..16
Vacant..34
Obst &Gynae
SR
Sanctioned ...22
Filled..11
Vacant ..11

*****************
Pt. B.D.Sharma, PGIMS, Rohtak

Pt. B.D.Sharma, PGIMS, Rohtak is situated at a distance of about 240 km from Chandigarh and about 70 km from Delhi on Delhi-Hissar-SirsaFazilka National Highway (NH-10). It is the  only major Institution for Medical Education and Research and a tertiary care centre for provision of specialized health care services not only to the people of the State of Haryana, but also to those from  Punjab, Rajasthan, Delhi and western U.P.  The Institute was started under the name of Medical College, Rohtak in the year 1960.  For the first three years, the students were admitted to Medical College, Patiala which acted as a host Institution.  In 1963, the students were shifted to Rohtak.  In the subsequent years, multifaceted expansion measures have transformed the Institute into a fully developed center of Medical Education and research in all the major disciplines of Medicine.  In the year 1994, Medical College, Rohtak was renamed as Pt. B.D.Sharma, Medical College, Rohtak and subsequently it was upgraded to a Post Graduate Institute of Medical Sciences in the year 1995.  Today Pt. B.D.Sharma, PGIMS, Rohtak is a famous institution not only for medical education but also for the health care facilities both at the National as well as International level.

**************(***(

JSA and SKS charter

 



haryana jsa

SKS and JSA demand charter 2021

Sabka Haryana <beerdahiya@gmail.com>

Sat, 1 Oct 2022 19:36:42 GMT+0530

[17/06/2021, 9:39 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: *18.06.2021 तारीख को 10.30 बजे जिला कोर्ट्स में पीटीआई साथियों के धरना स्थल पर इकट्ठे होकर dc कार्यालय जाकर ज्ञापन देंगे। आप वक्त पर पहुंचने का कष्ट करें प्लीज।*

[17/06/2021, 9:39 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: *मांग-पत्र* सर्वकर्मचारी संघ हरियाणा और जन स्वास्थ्य अभियान हरियाणा

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★ सभी  नागरिकों का मुफ्त टीकाकरण सुनिश्चित किया जाए। टीकाकरण की गति बढ़ाई जाए। 


★ सभी संक्रमित की जाँच व इलाज पर सरकारी व निजी हस्पतालों में होने वाले खर्च को सरकार वहन करे। 


★ गेर-कोविड सभी स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर व मुफ्त दी जाए। 


★ सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षेत्र में सरकारी निवेश को बढ़ाया जाए। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों अनुसार स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत बनाया जाए। 


★ स्वास्थ्य विभाग से ठेका प्रथा खत्म की जाए। सभी एनएचएम के अनुबंध कर्मियों, आउटसोर्सिंग पोलसी में लगे ठेका कर्मचारियो समेत आशा वर्कर को नियमित कर्मचारी का दर्जा दिया जाए।


★स्वास्थ्य विभाग में काम करने वाले हर नियमित/अनियमित कर्मचारी को कोरोना योद्धा का दर्जा दिया जाए। 


★कोराेना के प्रबंधन में शामिल तमाम स्वास्थ्य कर्मियों व कार्यकर्ताओं को सरकार की और समुचित आर्थिक सहायता एवं बचाव उपकरण जैसे PPE किट, मास्क, सैनिटाइजर, दस्ताने आदि उपयुक्त मात्रा में उपलब्ध कराए जाएं।


★मेडिकल/पैरामेडिकल व स्पोर्टिंग स्टाफ की बढ़ती जनसंख्या के हिसाब से नए पद स्वीकृत कर नियमित भर्ती कर बेरोजगारों को रोजगार दिया जाए। 


★ जिला हस्पतालों और अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं के निजीकरण पर रोक लगाई जाए। स्वास्थ्य बीमा योजनाओं की समीक्षा की जाए। सार्वजनिक क्षेत्र की दवा कंपनियों को पुनर्जीवित किया जाए। 


★ कोविड-19 की सम्भावित तीसरी लहर को रोकने के लिए सभी उपयुक्त कदम शीघ्र उठाए जाएं। बीमारी, मृत्यु दर व टेस्टिंग के पारदर्शिता से विश्वसनीय आंकड़े जारी किए जाए। 


★ स्वास्थ्य सेवाओं को मौलिक अधिकारों में शामिल किया जाए।


*यह मांग पत्र 18 जून को jsa और sks के डेलिगेशन के द्वारा हरेक जिला स्तर पर डिप्टी कमिश्नर के माध्यम से मुख्य मंत्री हरियाणा को भेजा जाएगा। आपकी शिरकत भी इसमें अपेक्षित है जी।  वक्त निकालिएगा प्लीज।*

PGIMS Aurte Haal

 PGIMS , Rohtak Surte Haal....

Orthopedics Deptt.
Sanctioned consultant posts 19
Filled at present 13
Vacant..6
Senior Residents sanctioned posts 20
Filled at present 8
Vacant 12
People should demand that Govt Of Haryana should fill vacant posts urgently so that patients care can be improved.
JSA

PGIMS , Rohtak Surte Haal....
Surgery Deptt.
Sanctioned consultant posts 26
Filled at present 16
Vacant..10
Senior Residents sanctioned posts 30
Filled at present 16
Vacant 14
People should demand that Govt Of Haryana should fill vacant posts urgently so that patients care can be improved.
JSA

*******
Situation in Radio diagnosis department  PGIMS, Rohtak.
30.08.2022 workload details in Radio Diagnosis Deptt.
MRI...........41
CT Scan....85
USG...........560
Plain xray..975
IVP.............03
Mammography..04
CT guided FNAC..01
USG guided fnac..02
रेडियो डायग्नोसिस विभाग में कितने Consultant सैंक्सन हैं और कितने काम कर रहे हैं और कितनी पोस्ट खाली हैं यह भी लिखा जाना चाहिए था। 11 पोस्ट में से 8 खाली हैं। सीनियर रेसिडेंट्स की 13 पोस्ट सैंक्शन हैं और 8 भरी हैं और 5 खाली हैं तो लाइन तो लंबी रहेगी। लाइन में खड़े लोगों को सरकार से मांग करनी चाहिए कि खाली सीट पर भरती करें।
******
PGIMS , Rohtak Surte Haal....
ANAESTHESIA Department ..
Sanctioned consultant post are 54
Filled ...42
Vacant..12
Sanctioned SR post are 50
Filled..27
Vacant..23
The department which gives anaesthesia to the patients of 6..7 departments , is itself in miserable state.
      People should demand that Govt Of Haryana should fill vacant posts urgently so that patients care can be improved.
JSA

कोविड की वापसी या इसकी राजनीति की

 वापसी कोविड के खतरे की हुई है या

उसके राजनीतिक इस्तेमाल की ?
आपकी राय???
0 राजेंद्र शर्मा
क्या भारत में कोविड की वापसी हो गयी है? इस सवाल का जवाब तो बिना किसी अगर-मगर के देना  अभी मुश्किल होगा, पर एक बात पूरे विश्वास के साथ कही जा सकती है-भारत में कोविड की राजनीति या कोविड के राजनीतिक इस्तेमाल की वापसी हो गयी है। राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के पूर्वाद्र्ध के छोर पर राजधानी दिल्ली में प्रवेश करने से पहले ही जिस तरह से यकायक नरेंद्र मोदी की सरकार ने कोविड के खतरे की चिंता का प्रदर्शन शुरू कर दिया; जैसे धड़ाधड़ राज्यों के उच्चाधिकारियों के साथ बैठकें करने से लेकर, एडवाइजरियां जारी करने तक के कदम उठाए गए; जैसे संसद के एक बार फिर समय से पहले ही खत्म कर दिए गए सत्र के आखिरी दो दिनों में, एक दिन मं़ित्रगण बिना मास्क के और दूसरे दिन मास्क से सज्जित नजर आए; उससे सरकार समर्थकों को छोडक़र आम लोगों के बीच इसका खास भरोसा नहीं पैदा हुआ है कि यह सारी कवायद वाकई, कोविड-19 के एक और धावे से देश को बचाने के लिए ही है, न कि ‘भारत जोड़ो यात्रा’ को लेकर लोगों के मन में आशंकाएं पैदा करने के लिए।
हैरानी की बात नहीं है कि कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री, मनसुख मंडाविया की राजस्थान के मुख्यमं़त्री गहलोत तथा राहुल गंाधी को इस या़त्रा के सिलसिले में लिखी गयी इस आशय की एक प्रकार से मीडिया के माध्यम से भेजी गयी चि_ी को नामंजूर कर दिया है कि कोरोना के खतरे को देखते, या तो यात्रा में कोरोना प्रोटोकॉलों का पालन सुनिश्चित करें या फिर देश के हित में या़़त्रा को ही रोक दें! कांग्रेस का स्पष्ट रूप से यही कहना था कि सरकार, उनकी यात्रा के असर से घबराकर, उसे रुकवाने के लिए ही इस समय कोरोना के खतरे का हौवा खड़ा कर रही थी। वैसे इस सिलसिले में एक और नोट करने वाला दिलचस्प तथ्य यह भी है कि कोविड के संभावित खतरे की गंभीरता साबित करने के लिए, केंद्र सरकार द्वारा संसद के शीतकालीन सत्र के छोर पर उठाए गए कदमों को देखते, भाजपा की राजस्थान इकाई ने अपने चुनाव अभियान के हिस्से के तौर पर प्रस्तावित ‘जनाक्रोष यात्रा’ कार्यक्रम को स्थगित करने का एलान भी कर दिया था, लेकिन चंद घंटों में ही इस स्थगन के ही वापस लिए जाने का एलान आ गया! जाहिर है कि भाजपा, चुनाव प्रचार का कोई भी मौका तब तो हर्गिज नहीं छोडऩे वाली है, जब मुख्य विपक्षी पार्टी अपनी कोई गतिविधि जारी रखे रहे, भले ही उस गतिविधि का संबंध सीधे किसी चुनाव या चुनावी राजनीति से नहीं हो।
पर कोविड संबंधी कदमों तथा पाबंदियों का अपने फौरी राजनीतिक नफा-नुकसान के हिसाब से उपयोग करने का वर्तमान सत्ताधारी पार्टी का पिछले करीब तीन साल का जो रिकार्ड रहा है, उसे देखते हुए कोविड की नयी लहर के खतरे को लेकर उसकी गंभीरता पर संदेह होना स्वाभाविक है। यहां यह याद दिला दें कि 2020 के आरंभ में भारत में कोविड-19 की पहली लहर के आरंभ में, पहले दिल्ली के विधानसभाई चुनावों में धुंआधार चुनाव प्रचार और उसके बाद, फरवरी के मध्य में गुजरात में ‘नमस्ते ट्रम्प’ प्रचार के बाद, मोदी सरकार ने लॉकडाउन समेत प्रमुख पाबंदियों के कदम मार्च के तीसरे हफ्ते के बाद, यह सुनिश्चित करने के बाद ही उठाए थे कि मध्य प्रदेश में बड़े पैमाने पर दलबदल के जरिए, कांग्रेस की सरकार गिराने के बाद, दलबदलुओं को संतुष्ट करने वाले फार्मूले के साथ, वहां भाजपा की सरकार का शपथग्रहण कार्यक्रम जो जाए।
इसी प्रकार, 2021 के पूर्वाद्र्ध में, कोरोना की दूसरी भयंकर लहर के बीच, खासतौर प0 बंगाल में चले सबसे लंबे चुनाव में, प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह की जोड़ी ने, अपनी रैलियों में कोरोना की रत्तीभर परवाह नहीं की थी और पहले वाम मोर्चा व कांग्रेस और उसके बाद तृणमूल कांग्रेस द्वारा बड़ी चुनावी सभाएं न करने की घोषणा किए जाने के बाद, आखिरी चरणों में ही कहीं जाकर प्रधानमंत्री की सभाएं भी न करने का एलान किया गया था। और यह सब कोरोना के लिए सहायता के ज्यादा से ज्यादा स्रोत तथा नीतिगत व टीकाकरण आदि के निर्णय केंद्र सरकार द्वारा अपने हाथों में ही केंद्रित करने के जरिए, सारा श्रेय खुद लेने तथा सारी कमजोरियों का दोष विशेष रूप से विपक्षी सरकारों पर डालने के मोदी सरकार के आम खेल के अतिरिक्त था। इस सब को देखते हुए, यह आशंका होना अस्वाभाविक नहीं था कि ऐन क्रिसमस-नव वर्ष की पूर्व-संध्या में कोविड की वापसी का हल्ला, वास्तव में राजनीतिक खेल ही ज्याद लगता है।
फिर भी इन संदेहों के पीछे सिर्फ  भाजपा के राजनीतिक खेल का आशंका ही नहीं है। इसका संबंध, कोरोना की नयी और संभावित रूप से बहुत भयावह लहर के आ रहे होने की अफवाहों के विपरीत, अब तक सामने आये तथ्यों और उनके आधार पर महामारी विशेषज्ञों द्वारा अब तक लगाए गए कच्चे मोटे-मोटे अनुमानों से भी है। वैसे यहां इसका जिक्र करना भी अप्रासांगिक नहीं होगा कि कोविड की नयी भयावह लहर के अनुमानों के पीछे, सिर्फ  मोदी राज के राजनीतिक स्वार्थों का ही नहीं, पश्चिमी शक्तियों तथा उनके प्रचार माध्यमों का खेल भी नजर आता है। दरअस्ल, भारत में नयी जबर्दस्त कोविड लहर के खतरे का प्रचार, दिसंबर के मध्य तक खूब जोर पकड़ चुके पश्चिमी मीडिया के इसके अतिरंजित प्रचार से सीधे जुड़ा हुआ है कि चीन मेें, कोरोना के विस्फोट से हालात बेकाबू हो चुके हैं। दिलचस्प है कि वही पश्चिमी प्रचार माध्यम इससे चंद रोज पहले तक, चीन की कोविड रोक-थाम की पाबंदियों को अतिवादी, दमनकारी, तानाशाहीपूर्ण आदि, आदि बताकर, इन पाबंदियों के खिलाफ  जहां-तहां हुए विरोध प्रदर्शनों का चीन की समाजवादी व्यवस्था के खिलाफ  प्रचार के लिए इस्तेमाल कर रहे थे।
इसी बीच भारत-चीन के बीच सीमा पर वास्तविक नियंत्रण रेखा पर हुई अपेक्षाकृत मामूली झड़प के संबंध में विशेष रूप से संसद में जवाबदेही से मोदी सरकार को बचाने के लिए, कोविड के खतरे का तो इस्तेमाल किया ही गया, इसके साथ ही चीन में कोरोना के विस्फोट के अतिरंजित आख्यानों ने, चीन-विरोधीभावनाओं के प्रदर्शन के लिए एक वैकल्पिक मोर्चे का भी काम किया। हैरानी नहीं कि इसने सिर्फ चीन में कोरोना के वर्तमान विस्प ोट की घातकता को बढ़ाकर चित्रित करने का ही काम नहीं किया है, खुद भारत के लिए इसके खतरे को बढ़ाकर दिखाने का भी काम किया है।
लेकिन, सचाई यह है कि चीन की वास्तविक स्थिति की बात अगर हम फिलहाल छोड़ भी दें तो, क्योंकि पश्चिमी मीडिया के प्रचार के सामने, चीन द्वारा आधिकारिक रूप से दी जाने वाली जानकारियों को बहुत विश्वास के साथ आधार बनाना मुश्किल है और पश्चिमी मीडिया की खबरों पर भी ज्यों का त्यों विश्वास करना संभव नहीं है, भारत में कम से कम फिलहाल कोविड की किसी भयंकर लहर के आसार नहीं हैं। संक्षेप में इसके कारण तीन हैं। पहला यह कि चीन, जापान तथा अन्य पूर्वी देशों में कोविड वाइरस का जो वैरिएंट इस समय अपेक्षाकृत बड़ी संख्या में लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है, वह कोरोना का कोई नया वैरिएंट नहीं है बल्कि अब चल रहे वैरिएंट का ही कुछ और परिवर्तित उपरूप है। इसका अर्थ यह है कि 2021 में आयी भयंकर डेल्टा लहर जैसी किसी लहर के दुहराए जाने की कम से कम अब तक कोई वजह नहीं है।
दूसरे, भारत में और वास्तव मेें चीन में भी, बड़े पैमाने पर आबादी का टीकाकरण दो-खुराकों के साथ हो चुका है और यह टीकाकरण, जैसाकि हमने पिछली लहर में देखा था, वाइरस के संक्रमण से उतना बचाव मुहैया नहीं कराता है, जितना बचाव संक्रमण से गंभीर रूप से रोगग्रसित होने से मुहैया कराता है। चीन के कोविड के टीकों के प्रभावीपन के संबंध में मीडिया में आयीं अनेक अधकचरी टिप्पणियों में अगर सचाई का जरा सा अंश मान भी लिया जाए तब भी, भारत में हुए बड़े पैमाने पर टीकाकरण से, जो प्रमुखत: ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका के टीके, कोवीशील्ड पर पर आधारित रहा है, हमारा देश कोविड की किसी नयी घातक लहर की तबाही से और भी सुरक्षित है।
  तीसरे, और यहीं चीन की स्थिति भारत से काफी भिन्न है, पिछली लहर के दौरान भारत में, आबादी का बहुत बड़ा हिस्सा, कुछ अनुमानों के अनुसार 80 फीसद तक या उससे भी ज्यादा, इस संक्रमण के असर में आने के चलते, इस वाइरस के प्रति प्राकृतिक रोग प्रतिरोधकता विकसित कर चुका है। चीन में चूंकि पिछली डेल्टा वैरिएंट की लहर के दौरान सफलता के साथ आबादी को संक्रमण से बचाया जा सका था, यह प्राकृतिक प्रतिरोधकता वहां आबादी के अपेक्षाकृत कम हिस्से को ही हासिल हुई है और इसलिए मौजूदा लहर में चीन ही नहीं जापान आदि में भी, भारत के मुकाबले बहुत बड़ी संख्या में लोग इस बार की लहर में संक्रमित हो रहे हैं। और जाहिर है कि इस लहर में अस्पताल में भर्ती होने वालों और यहां तक मौतों की संख्या भी, चीन के रिकार्ड के लिहाज से कहीं ज्यादा है। लेकिन, भारत में और चीन में भी, कोविड की नयी लहर की भीषण तबाही की, आशंकाएं कम से कम अब तक के लक्षणों के हिसाब से निराधार हैं।
फिर भी, महामारी के वाइरस के मामले में जोखिम नहीं लिया जा सकता है। सबसे बड़ी बात यह कि वाइरस जब तक बना हुआ है, उसके किसी नये वैरिएंट के आने और तबाही मचाने की संभावना हमेशा ही रहेगी। इसीलिए, टीकाकरण तथा टीकों के बूस्टर के अलावा भीड़-भाड़ की जगहों पर मास्क या अन्य रोगों से पहले ही पीडि़त लोगों के लिए अतिरिक्त बचाव जैसे न्यूनतम बचाव उपाय हमेशा जरूरी हैं। लेकिन, न्यूनतम बचाव उपाय ही, न कि लॉकडाउन जैसे अधिकतम बचाव के उपाय। और सत्ताधारियों के राजनीतिक फायदे के लिए ऐसे राजनीतिक बचाव उपायों की तो हर्गिज जरूरत नहीं है।                 0
देशबंधु अखबार से साभार

795 Tikri Boarder

 ***टिकरी बॉर्डर पिलर 795 पर**

   जन स्वास्थ्य अभियान का एक वर्ष का नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविर* "तन मन धन" के साथ काम करने वाली टीम *डॉक्टर:* 1.डॉ ओपी लठवाल सेवानिवृत्त चिकित्सा अधीक्षक, पीजीआईएमएस, रोहतक। 2. डॉ. बलराम कादियान, सेवानिवृत्त जिला स्वास्थ्य अधिकारी। 3.डॉ आरएस दहिया, जनरल सर्जरी, पीजीआईएमएस, रोहतक के सेवानिवृत्त वरिष्ठ प्रोफेसर। 4. डॉ रणबीर सिंह खासा, जनरल सर्जन, सेवानिवृत्त एसएमओ।

*सेवानिवृत्त फार्मासिस्ट:*
1 आजाद सिंह सिवाच
2. रणबीर सिंह कादियान
3. प्रेम सिंह जून
4. बलवान
5. धर्मवीर राठी
6.मोहिंदर सिंह सिवाच
7.वीरेंद्र सहारन
8. सी पी वत्स
*जेएसए कार्यकर्ता:*
1. मधु मेहरा
2. करण सिंह
3. डॉ सतनाम सिंह संयोजक जेएसए हरयाणा
4. सुरेश कुमार सह संयोजक जेएसए हरियाणा 6.ड्राइवर महावीर करौंथा का विशेष योगदान जो हमेशा हमारी साथ रहे ।

*स्थान :* अखिल भारतीय किसान सभा हरियाणा का 795 पिल्लर पर टेंट
शुरू करने की तिथि -
2 दिसंबर, 2020 प्रतिदिन और फिर अगस्त 2021 से सप्ताह में 3 दिन (सोमवार, बुधवार और शनिवार) 9 दिसम्बर तक।
2 दिसंबर से 31 दिसंबर, 2020 तक---
2130 मरीज
1 जनवरी 2021 से अब तक 9 दिसम्बर तक देखे गए  मरीज: 15440
कुल मरीज :17570
*दवाइयाँ*
असोसिएशनों , कई ग्राम वासियों , व्यक्तियों और मेडिकल स्टोरज द्वारा दान किये गए 350000 रुपये के मूल्य की दवाएं लगी।

*कई प्रकार के मरीज*
यूआरसी, खांसी-जुकाम, पीयूओ, जोड़ों का दर्द, पीठ दर्द, शरीर के सामान्य दर्द, उच्च रक्तचाप, मधुमेह, चिंता, गुम चोट आदि। *विशेष स्थितियां:*
इस अवधि के दौरान तीन मरीज ऐसे थे जिनका रक्तचाप बहुत अधिक था। जो सेरेब्रल स्ट्रोक के लिए उत्तरदायी हो सकता था । तुरंत सबलिंगुअल निफेडिपिन की गोली दी गई और 1 घंटे के लिए  लेट कर आराम करने की सलाह दी गई। रक्तचाप कम हो गया और उन्हें विशेषज्ञ से मिलने की सलाह दी गई।
*एक और मामला* एक महिला का था । 795 पिल्लर पर एक स्कूटी का कार से एक्सीडेंट हो गया और स्कूटी चला रही महिला सुरक्षित थी लेकिन पीछे की सीट पर बैठी महिला नीचे गिर गई और उसे कई खरोंच और गुम चोट लगी। वह सदमे में चली गई। मैंने देखा और तुरंत महिला के पास गया और उसे एक सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित कर दिया। प्राथमिक उपचार किया। उसके दोनों टांगें ऊपर उठाकर रखी और  मैसाज किया। दूसरी महिला से उसे सिविल अस्पताल में शिफ्ट करने का अनुरोध किया। वह परिवार के किसी सदस्य के आने का इंतजार करने लगी। इस बीच मैंने देखा कि घायल महिला ठीक हो रही है। उसकी पल्स रेट को महसूस किया जा सकता था। सांस लेने में भी सुधार हुआ। इसी बीच कार वाला लड़का आया और उसे शिफ्ट कर दिया गया।

*सीमा पर किसान:* सीमा पर लोग बहुत सहयोगी थे और दृढ़ निश्चय के साथ शांति से रह रहे थे। हमारे चाय पानी का पूरा खयाल रखते थे। 800 के लगभग किसानों ने शहादत दी एक साल के आंदोलन में।
महिलाओं की भागीदारी:-
किसान आंदोलन में महिलाओं की भारी भागीदारी रही है।
*दवाओं से मदद :* दवाओं की मदद भी आई
--हुड्डा मेडिकोज शीला बायपास
--प्रदीप बूरा PMJAY दुकान पालिका बाजार रोड।
--सतेंदर दलाल मेडिकोज --नेशनल मेडिकोज
--डॉ राजेश मेडिकोज --जोगिंदर साहिल मलिक ओम मेडिकल स्टोर
--रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन, सेक्टर, 4 एक्सटेंशन, रोहतक एसोसिएशन ने टिकरी बॉर्डर पर जाकर भी जन स्वास्थ्य अभियान हरियाणा के मुफ्त चिकित्सा शिविर के लिए 5060 रुपये की दवाओं का योगदान दिया। किसान आंदोलन की शुरुआत से ही एसोसिएशन जेएसए की मदद कर रही थी। इंद्रप्रस्थ कॉलोनी एसोसिएशन ने दिए 7000 रुपये
इसी तरह व्यक्ति और अन्य संगठन समर्थन के लिए आगे आये।
बहोत से डॉक्टरों ने हमारे इस कदम का तहे दिल से आर्थिक सहयोग और समर्थन किया है। डॉ. आर.एस.दहिया
राज्य कोर सदस्य जेएसए, हरियाणा.

Jan Sawasthaya Abhiyan Haryana started free health check up clinic at Kishan Pura Chaupal in 2014 for three days Tuesday, Friday and Sunday . After some time we kept two days Tuesday and Friday from 9AM-12 AM . BP chek up, Blood Sugar and Hb testing is being done,along with medical consultation .  Distribution of some common medicines is also being done free of cost.
Dr O.P Lathwal Retd Deputy Director Health , Sevices Haryana, Dr R.S.Dahiya read.Sr professor Sirgery PGIMS Rohtak and Mr Ajad Singh Siwach retired pharmacist from HCMS cadre are  regularly running the clinic.
  Since 2015   same type of free health check up clinic is being held in Humayunpur on every Tuesday from 1 pm to 3 pm. It is possible with kind support of Sh.Raj Singh Dhankhar ex vice chancellor of MDU, belonging to Humayunpur Village, in his house itself. Madhu Mehra is helping there and in health Camps  as health activist.
During this period we are organising free health Camps in villages also with help of more doctors and paramedics.
   Dr Ranbir Khasa Surgeon , Dr Ritu Phogat Dentist, Dr Sonia Dahiya Gynaecologist, Dr Poonam, and other doctors are giving their services in these camps. 4 or 5 free health camps yearly are being organised.
The brief details of number of pts who attended in clinics and camps is as follows :
Humayoonpur free health  consultation clinic every Tuesday from 1 pm to 3 pm
2015...486
2016...533
2017...842
2018 -- 1065
2019--1261
2020--227
2021--351
2022--382

Kishan Pura Chaupal free health consumption clinic ..Tuesday, Friday 9 am. to 12 am.
2014. ..204
2015...875
2016. .1372
2017...1145
2018..1887
2019..1682
2020...2606
2021...3615
2022...2950
Health  Camps
1.18.1.2017...Bhiwani Chungi Rohtak..72 pts.
2. 23.4.2017...Sunaria village..115 pts
3. 30.7.2017...Bohar village..189 pts
4. 17.9.2017...Kharak Jatan...134 pts
5. 3-5.10.2017..Hisar...525
6. 22.10.2017...Makdauli kalan
7.16.11.2017...Rainak pura Rohtak...294
Total pts in camps..1587

Our Free Health Services in Historical Kisan Andolan


*One year of Jan Swasthya Abhiyan free health camp at tikri Border Pillar 795.*
Team which is working with "Tan Man Dhan"
*Doctors:*
1.Dr O .P .Lathwal retired Medical Suprintendant,PGIMS , Rohtak.
2. Dr Balram Kadian , retired District Health Officer.
3.Dr R.S.Dahiya, retired Senior Professor of General Surgery,PGIMS ,Rohtak.
4. Dr Ranbir Singh Khasa , General Surgeon , retired SMO.
*Other Dr Visitors for support:*
Dr Amrinder Singh
Dr Vijeta Grewal from Safadarajng
Hospital
*Retired Pharmacists :*
1 Ajad Singh Siwach
2. Ranbir Singh Kadian
3. Prem Singh Zoon
4. Balwan
5. Dharamvir Rathee
6.Mohinder Singh Siwach
7.Virender Saharan
8. C P Vats
*JSA activists :*
1. Madhu Mehra
2. Saumesh
3. Karan Singh
4. Dr Satnam Singh convenor JSA
Haryana
5. Suresh Kumar co-convener JSA Haryana
*Location :*
795 pillar Tent of All India Kisan Sabga Haryana
Starting date :
From 2nd December ,2020 daily and then three days a week from August 2021 three days week (Monday,Wednesday,and Saturday) up to 9 Dec 2021
Patients details:-
2nd December, 2020-31 December 2020
2130 patients.
From 1st January 2021 to 9th December--15440
Total patients :-17570
Medicines :-
Many associations,Medical Stores donated Medicines worth Rs 350000.
*Types of pts :*
URC, Cough-Cold, PUO, Joint pains, Back ache, General Body pains, High Blood Pressure, Diabetes, Anxiety, blunt injury etc.
*Special cases:*
There were three pts during this period who had very high blood pressure. Liable for cerebral stroke. Immediately given sublingual Nifedipine tab was given and adv rest for 1 hr . The blood pressure came down and they were advised specialist advise.
   *Another case* was a lady
On 795 pillar a scooty had accident with a car and the lady who was driving was safe but the lady sitting on back seat fell down and had multiple scratches and blunt injury .She went in to shock. I saw and immediately went to lady and shifted her to a side by safe place. Did first aid. Raised her both legs and messaged. Requested the other lady to shift her to civil hospital. She waited for family member to come. In the meantime I could see that injured lady is recovering . Her pulse rate could be felt. Respiration also improved. In the meantime boy with car came and shifted her.
     *Peasants at border:*
The people at border are very co operative and living with peace with a firm determination .

*Drugs help :*
The drugs help also came from
Hooda Medicos Sheela Byepas
Pardeep Boora
PMJAY shop palika bajar road.
Satender Dalal Medicos
National Medicos
Dr Rajesh Medicos
Joginder Sahil owner Om Medical Store

Resident Welfare Association , Sector , 4 Extension ,Rohtak
The association  contributed medicines worth Rs 5060 for Jan Swasthay Abhiyan Haryana free medical camp at Tikri Border. The association is helping JSA since begining of Kisan Andolan .
Indraprastha colony Association donated Rs 7000
Similarly individuals and other organisations are coming to support.
Many doctors have whole hearted supported our move.
Dr R.S.Dahiya
State Core Member
JSA , Haryana


Free opd data

 Humayoonpur free health  consultation clinic every Tuesday from 1 pm to 3 pm

2015...486
2016...533
2017...842
2018 -- 1065
2019--1261
2020--227
2021--351
2022--382

Kishan Pura Chaupal free health consumption clinic ..Tuesday, Friday 9 am. to 12 am.
2014. ..204
2015...875
2016. .1372
2017...1145
2018..1887
2019..1682
2020...2606
2021...3615
2022...2964

स्वास्थ्य सेवाएं ग्रामीण हरियाणा*

 


स्वास्थ्य सेवाएं ग्रामीण हरियाणा*
हरियाणा में ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति सरकार के मानकों के अनुसार बहुत दयनीय है। भारत की । 5000 की आबादी पर एक उप स्वास्थ्य केंद्र होना चाहिए। 30,000 की आबादी के लिए एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) की आवश्यकता है ।
यह अनुशंसा की जाती है कि एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) होना चाहिए (80000 पहाड़ों के लिए और 1,20000 मैदानों के लिए )
   भारत सरकार के मानदंडों के अनुसार, हरियाणा में प्रत्येक उप स्वास्थ्य केंद्र ,पीएचसी और सीएचसी के लिए निम्नलिखित स्टाफ की आवश्यकताओं की सिफारिश की जाती है।

ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं के आवश्यक कर्मचारी इस प्रकार से होने चाहिएं।
उप स्वास्थ्य केंद्र:-
---1 महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता
--- 1 पुरुष स्वास्थ्य कार्यकर्ता
      ( एमपीएचडब्ल्यू )
--- 1 स्वयंसेवी कार्यकर्ता FHW की मदद करने के लिए
*पीएचसी के लिए आवश्यक स्टाफ :-*
टाइप ए
-- 1. चिकित्सा अधिकारी..1 अनिवार्य 2. चिकित्सा अधिकारी आयुष..1 वांछनीय।
3. डाटा ऑपरेटर..1
4. फार्मासिस्ट ..1 फार्मासिस्ट आयुष..1 वांछनीय
5. नर्स-मिड वाइफ (स्टाफ नर्स) ..3 +1 वांछनीय
6. स्वास्थ्य कार्यकर्ता महिला..1*
7. स्वास्थ्य सहायक पुरुष..1
8. स्वास्थ्य सहायक महिला..1
9. स्वास्थ्य शिक्षक ..1 वांछनीय
10. लैब तकनीशियन..1
11.कोल्ड चेन असिस्टेंट..1 वांछनीय 12. मुक्ति कुशल समूह डी कार्यकर्ता..2 13. स्वच्छता कार्यकर्ता..1
कुल स्टाफ--
.. आवश्यक..13 वांछनीय..18

टाइप बी--

1. चिकित्सा अधिकारी..1 अनिवार्य वांछनीय ..1
2. चिकित्सा अधिकारी आयुष..1 वांछनीय।
3. डाटा ऑपरेटर..1
4. फार्मासिस्ट ..1 फार्मासिस्ट आयुष..1 वांछनीय
5. नर्स-मिड वाइफ (स्टाफ नर्स.)..4 +1 वांछनीय
6. स्वास्थ्य कार्यकर्ता महिला..1*
7. स्वास्थ्य सहायक पुरुष..1
8. स्वास्थ्य सहायक महिला..1
9. स्वास्थ्य शिक्षक ..1 वांछनीय
10. लैब तकनीशियन..1
11.कोल्ड चेन असिस्टेंट..1
वांछनीय
12. मुक्ति कुशल समूह डी कार्यकर्ता..2 वांछनीय..2
13. स्वच्छता कार्यकर्ता..1 वांछनीय..1
कुल स्टाफ
.. आवश्यक..14
वांछनीय..21

*सीएचसी के लिए आवश्यक कर्मचारी:-*
1. प्रखंड चिकित्सा अधिकारी/चिकित्सा अधीक्षक..1
2. जन स्वास्थ्य विशेषज्ञ..1
3. सार्वजनिक स्वास्थ्य नर्स (PHN)..1 वांछनीय..+1
4. जनरल सर्जन ..1
5. फिजिशियन..1
6. प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ..1
7. बाल रोग विशेषज्ञ ..1
8. एनेस्थेटिस्ट..1
9. डेंटल सर्जन.. 1
10. सामान्य ड्यूटी चिकित्सा अधिकारी..2
11.चिकित्सा अधिकारी आयुष ..1
12. स्टाफ नर्स..10
13. फार्मासिस्ट..1 वांछनीय..1 14.फार्मासिस्ट आयुष..1
15. लैब तकनीशियन..2
16. रेडियोग्राफर..1
17.आहार विशेषज्ञ ..1 वांछनीय
18. नेत्र सहायक..1
19.दंत सहायक..1
20. कोल्ड चेन और वैक्सीन लॉजिस्टिक असिस्टेंट..1
21. ओटी तकनीशियन..1
22. बहु पुनर्वास/समुदाय आधारित पुनर्वास कार्यकर्ता..1 वांछनीय ..+1
23. काउंसलर..1
24. पंजीकरण लिपिक..2
25. सांख्यिकीय सहायक /डाटा एंट्री ऑपरेटर ..2
26. खाता सहायक..1
27. प्रशासनिक सहायक..1
28. ड्रेसर/ रेड क्रॉस द्वारा प्रमाणित..1 29. वार्ड बॉय/नर्सिंग अर्दली..5
30. ड्राइवर* ..*1 आउट सोर्स किया जा सकता है। वांछनीय..3
टोटल
..आवश्यक..46
वांछनीय..52
वर्तमान ढांचे की जर्जर हालत :-
वर्तमान में हरियाणा ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं का ढांचा मार्च जून 2020 के अनुसार  जितना होना चाहिए उतना नहीं है और जितना है उसमें भी स्पेशलिस्ट डाकटरों , मेडिकल अफसरों , नर्सों , रेडियोग्राफरों, फार्मासिस्टों तथा लैब तकनीशियों की भारी कमी है। आज  2667 उप स्वास्थ्य केंद्र हैं ,532 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हैं और 119 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हैं।
आज की जन संख्या की जरूरतों के हिसाब से हमारे पास 972 उप स्वास्थ्य केंद्रों की कमी है, 74 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की कमी है और 32 सामुदायिक केंद्रों की कमी है।
    इसी प्रकार से स्टाफ के बारे में देखें तो वर्तमान ग्रामीण प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में 491 मेडिकल अफसर हैं जबकि होने 1064 मेडिकल अफसर चाहियें ।
     एक ग्रामीण सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 6 विशेषज्ञ (एक सर्जन, एक स्त्री रोग विशेषज्ञ, एक फिजिशियन, एक शिशु रोग विशेषज्ञ, एक हड्डी रोग विशेषज्ञ और एक बेहोशी देने वाला विशेषज्ञ ) होने चाहिए। इसके हिसाब से आज वर्तमान सामुदायिक केंद्रों में 714 स्पेशलिस्ट होने चाहिए जबकि आज के दिन 27 स्पेशलिस्ट ही मौजूद हैं ।
     पीएचसी और सीएचसी में नर्सिंग स्टाफ:
इसी तरह पीएचसी और सीएचसी में नर्सिंग स्टाफ की हालत ज्यादा बेहतर नहीं है। हरियाणा की 1.65 करोड़ (2011 सेंसेस) ग्रामीण जनसंख्या  के अनुसार पीएचसी और सीएचसी में स्टाफ नर्सों की संख्या 2333 होनी चाहिए। जबकि मार्च/जून 2020 के उपलब्ध आंकड़ों अनुसार स्टाफ नर्सों की वर्तमान/वास्तविक स्थिति 2193 है। *यानी 140 नर्सों की कमी है।*

   रेडियोग्राफर आज के दिन सीएचसी में एक रेडियोग्राफर की पोस्ट है। आज इनकी संख्या 38 हैं जबकि जरूरत 119 की है। 81 रेडियोग्राफर्स की कमी है।       
                  इसी प्रकार आज के दिन पीएचसी में एक और सीएचसी दो फार्मासिस्ट्स की पोस्ट हैं । आज जरूरत है 770 फार्मासिस्ट्स कि जबकि मौजूद हैं 405 फार्मासिस्ट। आज की जरूरत के हिसाब से 365 फार्मासिस्ट्स की कमी है।
   यदि लैब टेक्नीशियन का जायजा लें तो 770 लैब तकनीशियन की जरूरत है जबकि वर्तमान में 400 फार्मासिस्ट ही हैं। 370 फार्मासिस्ट आज कम हैं ।

हरियाणा ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं के इन हालातों को देखते हुए, जन स्वास्थ्य अभियान हरियाणा के सुझाव और मांग इस प्रकार हैं :
1. हरियाणा के नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं प्रदान करने के लिए और कोविड की पहली लहर के दौर की कमजोरियों के चलते दूसरी लहर के गम्भीर परिणामों के समाधान के लिए और कोविड महामारी की संभावित तीसरी लहर का सामना करने के लिए स्वास्थ्य सेवाओं के सरकारी  बुनियादी ढांचे को तुरंत मजबूत किया जाना चाहिए ।
2. स्वास्थ्य सेवाओं के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए तत्काल अधिक धनराशि आवंटित करें।
3. सभी, कोविड और गैर-कोविड रोगियों के लिए व्यापक, सुलभ, गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं की गारंटी करे सरकार। 4. इसके साथ ही कोविड 19 मानदंड और पोस्ट कोविड 19 स्थितियों का सामना करने के लिए स्वास्थ्य कार्यबल का ऑनलाइन या अन्यथा उचित और तत्काल प्रशिक्षण होना चाहिए।
5.  सरकार को स्वास्थ्य के सामाजिक निर्धारकों पर काम करना चाहिए जिसमें शामिल हैं :
ए) सार्वजनिक वितरण प्रणाली के सार्वभौमिकरण और विस्तार द्वारा खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा देना।
बी) सभी के लिए सुरक्षित पेयजल की व्यवस्था करना।
सी) शैचालय और स्वच्छता सुविधाएं सभी के लिए
डी) सभी को पूर्ण रोजगार
ई) सभी के लिए शिक्षा
एफ) सभ्य और पर्याप्त आवास का प्रबंध करे सरकार।
छ) स्वास्थ्य के लिंग आयामों को भी पर्याप्त रूप से संबोधित किया जाना चाहिए।
6. सभी महिलाओं को उनकी सभी स्वास्थ्य जरूरतों के लिए व्यापक, सुलभ, गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं की गारंटी दें जिसमें मातृ देखभाल शामिल है लेकिन यहीं तक सीमित नहीं है।
7. नवीनतम जनसंख्या आवश्यकताओं के अनुसार सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली में स्वास्थ्य कर्मियों की पूरी श्रृंखला के लिए और अधिक पद सृजित करें।
8. स्वास्थ्य विभाग के सभी संविदा कर्मचारियों को नियमित करना और आशा एएनएम और सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली के सभी स्तरों के कर्मचारियों को पर्याप्त कौशल, वेतन और काम करने की अच्छी स्थिति प्रदान करना।
     स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं तक पहुंच में अत्यधिक असमानता और लोगों की रहने की खराब स्थिति भारत और हरियाणा में भी स्वास्थ्य की खराब स्थितियों के लिए जिम्मेदार है। इसी कारण  जो लोग भुगतान कर सकते हैं वे विश्व स्तरीय उपचार सुविधाएं प्राप्त करने में सक्षम हैं। दूसरी तरफ राज्य में अधिकांश लोगों के लिए परिवार में बस एक बड़ी बीमारी परिवार ही अत्यधिक गरीबी और अभाव में डुबो देती है। कोरोना महामारी के कोविड मामलों के प्रबंधन में इस अमीर गरीब का अंतर और भी दिखाई देता  है जब अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता होती है।
     सरकार को इन असमानताओं के समाधान के लिए भी उपाय देखना चाहिए।
     जन स्वास्थ्य अभियान हरियाणा का यह ईमानदार प्रयास है कि लोगों को इन मुद्दों के बारे में जागरूक किया जाए ताकि लोग स्वास्थ्य को अभियान का एजेंडा बनाएं और इसके लिए सामूहिक रूप से संघर्ष करें और हरियाणा सरकार पर दबाव बनाएं ताकि सरकार तत्काल उपचारात्मक उपाय करने को तैयार हो।

  इस महामारी के दौर में जनता के स्वास्थ्य का संकट और इन सेवाओं में कार्यरत डॉक्टरों , नर्सों , पैरामेडिकल्स की कमी के चलते लोगों के इलाज की अपेक्षाओं पर खरा न उतर पाने की सीमाएं समझ आ सकती हैं ।
जन स्वास्थ्य अभियान हरियाणा का यह ईमानदार प्रयास है कि लोगों को इन मुद्दों के बारे में जागरूक किया जाए ताकि लोग स्वास्थ्य को संघर्ष का एजेंडा बना सकें।
प्रोफेसर सतनाम सिंह संयोजक
+91 94662 90728
सुरेश कुमार सह संयोजक
+91 94162 32339
श्रीमती सविता जेएमएस
+91 94169 74185
श्रीमती सुरेखा सीटू
+91 97283 51260
श्री वीरेंद्र मलिक सीटू
+91 94163 51090 प्रमोद गौरी HGVS +91 98120 44915 डॉ. आर.एस.दहिया HGVS
+91 9812139001
प्रोफेसर श्रीमती अमिता
+91 94163 80762
संदीप कुमार डीवाईएफआई
+91 94673 38550

Data Source :
Rural Health Statistics 2019-20)
And
http://haryanahealth.nic.in/Documents/CHC.pdf
Documents/PHCsubcenter.pdf
http://haryanahealth.nic.in/infrastructure.htm/
Mission https://ejalshakti.gov.in