निम्नलिखित मांगो को लेकर यह 23 का शहीदी दिवस मनाएं ; 22 मार्च को जनता कर्फ्यू के दिन
1 - अधिकतम लोगों की जांच की जाये खासकर उनकी जिनमे जुखाम, बुखार और खांसी जैसे लक्षण दिखाई दे रहे हैं।
2 - सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा को मजबूत करने और मुफ्त में जांच की सुविधा के विस्तार, अस्पतालों की सुविधाओं, आइसोलेशन वार्डस और वेंटिलेटर्स की व्यवस्था के लिए खर्चे में बढ़ोत्तरी की जाये। निजी अस्पतालों को भी कोरोना वायरस के मरीजों की मुफ्त चिकित्सा के काम पर लगाया जाए।
3 - समस्त जनधन खातों और बीपीएल लाभार्थियों के खाते में 5000 रूपये डाले जाएँ । राज्य सरकारों को यह राशि केंद्र सरकार दे।
4 - सभी एपीएल/बीपीएल परिवारों, आप्रवासी मजदूरों के परिवारों को महीने भर का राशन मुफ्त में दिया जाये। इसके लिए एफसीआई के गोदामों में जमा साढ़े सात करोड़ टन खाद्यान्न का उपयोग किया जाए।
5 - मनरेगा (ग्रामीण रोजगार गारंटी) के काम के दिन बढ़ाकर 150 दिन किये जायें और जो भी उसमे काम मांगे उसे काम दिया जाए। .
6 -सार्वजनिक वितरण प्रणाली का विस्तार कर सभी आवश्यक वस्तुयें उसके जरिये उपलब्ध कराई जाएँ।
7- स्कूलों में मध्यान्ह भोजन की जगह बच्चों के घरों/परिवारों में राशन किट पहुंचाई जाएँ।
8 - इस आपदा से प्रभावित सभी क्षेत्रो के लिए वित्तीय पैकेज लाया जाए। यह वित्तीय सहयोग इस शर्त पर होना चाहिए कि ये कंपनियां और संस्थान अगले तीन महीने तक किसी को भी काम से बंद (लेऑफ़) नहीं करेंगे और किसी को भी रोजगार से नहीं हटाएंगे।
9 - अनौपचारिक और असंगठित क्षेत्र के मजदूरों की जिंदगी पर पड़ने वाले प्रभावों में आर्थिक मदद देने के लिए एक कोष की स्थापना की जाए।
10 - जो मजदूर कर्मचारी कोरोना वायरस के चलते काम पर नहीं जा पा रहे हैं उन्हें सवैतनिक बीमारी की छुट्टी दी जाए।
11 - सारे खुदरा व्यापारियों और छोटे मंझोले उद्यमों के बैंक कर्जों में एक साल का स्थगन दिया जाए।
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