1. प्राथमिक और सेकेंडरी स्तर की स्वास्थय सेवाओं के ढांचे को बढाने और मजबूत करने के लिए 4000 करोड़ का अलग बजट होना चाहिए
2 टर्सरी स्तर की स्वास्थय संस्थाओं जैसे पी जी आई एम एस रोहतक का बजट भी काम से कम 50 प्रतिशत बढ़ाया जाना चाहिए
3 आयुष्मान भारत योजंना के लिए बजट अलग से सरकारी अस्पतालों के लिए आंवटित किया जाना चाहिए
4 प्राइवेट क्षेत्र के लिए मापदंड तय किये जाएँ और नए मेडिकल कालेज यदि खोलने हैं तो वे सरकारी खाते में खोले जाएँ
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