Monday, 4 February 2019

PAY SCALE OF DOCTORS

The 2017 rural health statistics report shows that there is a crippling shortage of specialists in the health care system. Of the total 22,496 sanctioned posts of surgeons, pediatricians, physicians and obstetricians/gynecologists, 18,347 were vacant. Of 5,624 pediatrician posts, 4,554 were vacant. There were 4,760 vacancies for physician posts, 4,170 unfilled posts for obstetricians/gynecologists and 4,866 for surgeons. For each kind of specialist, the total number of sanctioned posts in the country is the same. Many CHCs have never seen a specialist being posted there ever since the National Rural Health Mission was launched.
The Health Ministry explains that “these salaries were approved under the National Health Mission (NHM) because that was the only option we had to get specialists in rural areas. Without specialists, it is not possible for NHM to function at capacity. It is understandable that when these doctors get paid much more in the private sector, we will not get good people unless we give competitive salaries. That is why some states even asked doctors to quote their own salaries”. Interestingly, despite the salaries, lack of facilities, lack of good schools and uncertainty about the quality of life make doctors reluctant to go to these postings. Sant Lal Verma, civil surgeon, from Mewat, stated that “We were trying to hire a couple, one of them a gynecologist and the other a pediatrician. We thought hiring the two together would make the decision easier for them. We were paying the gynecologist Rs 2.5 lakh and the pediatrician Rs 2- 2.5 lakh. Earlier, these people were paid anything between Rs 80,000-Rs 1 lakh.” Source: The Indian Express

Simply posting a specialist doctor does not solve this problem. First develop the infrastructure, ensure safety of the medical personnel, develop referral chain and only then this measure will be effective. Otherwise this doctor will be made a scapegoat and become a victim of both administrative and public wrath. To me it appears a shortcut , temporary remedy without going into the root of the problem.

infra structure should be developed in each and every government hospital,good living conditions should be provided to working doctors,good protection should be given,good education facilities are needed for the childeren of working doctors at least with in 10 t0 15km range,regular payment of salaries, government vehicle to move to near by places if good living facilities are not present at the working site,mult ispeciality team should be available when ever needed in near by places,no bond system,8 hours duty,holidays as per medical colleges or city government general hospitals,no political persons involvement in working area hospital ,if these are avilable many young doctors will join.

JSA AGENDA


Suggestion for Agenda of JSA Meeting 23-25 February
23 February
9:30 am.

Condolence on demise of Amit Sengupta

9:40
Review of last NCC meeting at Raipur
To discuss tasks decided
10:00
Follow up of NHA 3
Discussion on recommendations of Plenaries and Sub-plenaries.
11:00
State Reporting
States will be given 5 minutes to report activites undergone after NHA3
12:30
PHA4:
PHA Declaration; Thematic papers; Health Manifesto; sharing tasks decided.
13:15 to 14:15
Break

14:15
JSA Manifesto
Further actions, campaign
15:00
Reporting of PHM Steering Committee meeting
Held at Dhaka and Thailand
15:30 to 15:50
Break

15:40
Patients’ Right


24 February
9:30
Discussion on Organisation
a) Streamlining and a minimum structure building.
b) Sharing of Responsibilities
c) Membership: state, organizations; individuals
d) Communication process
e) Representation in different sectors
11:30
Co-ordiantion with Stearing Committee & sharing of tasks

12:00
Building of Resources
Funds
12:30
Creating centre for regular functioning

13:00 to 14:00
Break

14:00-17:00
Including tea break
Future actions
a) Action on thematic papers of PHM
d) Identification of Campaign programme
b) Planning of Campaign materials
c) Planning IPHU, India
d) Co-ordination/support to States
e) Attending state meetings
f) Planning of national programme (Rally, national convention)



AYUSHMAN BHARAT

  • PM-JAY के दायरे में ग्रामीण इलाके के 8.03 करोड़ परिवार आयेंगे.
  • शहरी इलाके के 2.33 करोड़ परिवार आयुष्मान भारत योजना (ABY) के दायरे में आयेंगे.
  • SECC के आंकड़ों के हिसाब से आयुष्मान भारत योजना (ABY) में लोगों को मेडिकल इंश्योरेंस मिलेगा.
  • मोदी सरकार आयुष्मान भारत योजना (ABY) शुरू कर चुकी है. ABY को प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PM-JAY) भी कहा जाता है. यह वास्तव में हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम है. PM-JAY के तहत देश के 10 करोड़ परिवारों को सालाना 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा मिल रहा है. 

    क्या है आयुष्मान भारत योजना (ABY) का लक्ष्य?प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'प्रधानमंत्री जन आरोग्य' योजना (आयुष्मान भारत योजना यानी ABY) की घोषणा की है. इसे पंडित दीन दयाल उपाध्याय की जयंती पर 25 सितंबर से देशभर में लागू कर .. 
    आयुष्मान भारत योजना (ABY) में हर परिवार को सालाना पांच लाख रुपये का मेडिकल इंश्योरेंस मिल रहा है. साल 2008 में यूपीए सरकार द्वारा लांच राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना को आयुष्मान भारत योजना (PM-JAY) में मिला दिया गया है.
  • ABY में किसे मिल रहा है कवरेज?मोदी सरकार की कोशिश यह है कि महिला, बच्चे और सीनियर सिटीजन को ABY में खास तौर पर शामिल किया जाय. आयुष्मान भारत योजना (ABY) में शामिल होने के लिए परिवार के आकार और उम्र का कोई बंधन नहीं है. 

    सरकारी अस्पताल और पैनल में शामिल अस्पताल में आयुष्मान भारत योजना (ABY) के लाभार्थियों का कैशलेस/पेपरलेस इलाज हो सकेगा. 

    ABY की योग्यता का निर्धारण कैसे होता है?SECC के आंकड़ों के हिसाब से आयुष्मान भारत योजना (ABY) में लोग .. 
    शहरी इलाके में 11 पूर्व निर्धारित पेशे/कामकाज के हिसाब से लोग आयुष्मान भारत योजना (ABY) में शामिल हो सकते हैं. राज्यों में राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना में पहले से शामिल लोग खुद ही आयुष्मान भारत योजना (ABY) में शामिल हो गए हैं.

  • ग्रामीण इलाके के लिए ABY की योग्यता आयुष्मान भारत योजना (ABY) में शामिल होने के लिए मोटे तौर पर ये योग्यता हैं: 

    • ग्रामीण इलाके में कच्चा मकान, परिवार में किसी व्यस्क (16-59 साल) का नहीं होना, परिवार की मुखिया महिला हो, परिवार में कोई दिव्यांग हो, अनुसूचित जाति/जनजाति से हों और भूमिहीन व्यक्ति/दिहाड़ी मजदूर
    • इसके अलावा ग्रामीण इलाके के बेघर व्यक्ति, निराश्रित, दान या भीख मांगने वाले, आदिवासी और क़ानूनी रूप से मुक्त बंधुआ आदि खुद आयुष्मान भारत योजना  .. 

      ABY में अस्पताल में भर्ती की प्रक्रिया आयुष्मान भारत योजना (ABY) का लाभार्थी अस्पताल में एडमिट होने के लिए कोई चार्ज नहीं चुकाएगा. अस्पताल में दाखिल होने से लेकर इलाज तक का सारा खर्च इस योजना में कवर किया जायेगा. आयुष्मान भारत योजना (ABY) के लाभ में अस्पताल में दाखिल होने से पहले और बाद के खर्च भी कवर किये जायेंगे. पैनल में शामिल हर अस्पताल में एक आयुष्मान मित्र होगा. वह मरीज की मदद करेगा और उसे अस्पताल की सुविधाएं दिलाने में मदद करेगा. अस्पताल में एक हेल्प डेस्क भी होगा जो दस्तावेज चेक करने, स्कीम में नामांकन के लिए वेरिफिकेशन में मदद करेगा. आयुष्मान भारत योजना में शामिल व्यक्ति देश के किसी भी सरकारी/पैनल में शामिल निजी अस्पताल में इलाज करा सकेगा.

  • क्या-क्या हैं ABY में शामिल? आयुष्मान भारत योजना (ABY) में तकरीबन हर बीमारी के लिए चिकित्सा और अस्पताल में दाखिल होने का खर्च कवर है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने आयुष्मान भारत योजना (ABY) में 1354 पैकेज शामिल किये हैं. इसमें कोरोनरी बायपास, घुटना बदलना और स्टंट डालने जैसे इलाज शामिल हैं. 

    आयुष्मान भारत योजना (ABY) में इलाज का खर्च केंद्र सरकार की स्वास्थ्य योजना (CGHS) से 15-20 फीसदी कम है. 

    इसे भी पढ़ें: आधार के बगैर नहीं मिलेगा आयुष्मान भारत स्कीम (ABY) का लाभ < .. 
    इसे भी पढ़ें: आयुष्मान भारत योजना के बारे में यहां जानें सब कुछ 

    किस अस्पताल में होगा ABY के लाभार्थी का इलाज? 
    सभी सरकारी अस्पताल में आयुष्मान भारत योजना (ABY) के लाभार्थी इलाज करा सकते हैं. इसके साथ ही सरकार के पैनल में शमिल निजी अस्पताल में भी ABY के लाभार्थी इलाज करा सकते हैं. 

    पैनल में शामिल होने के लिए निजी अस्पताल में कम से कम 10 बेड और इसे बढ़ाने की क्षमता होनी चाहिए. 

    लाभार्थी सरकार द्वारा ABY के लिए जारी हेल्पलाइन नंबर पर भी कॉल कर सकते हैं:  .. 

    14555
  • आयुष्मान भारत योजना (ABY) में कौन सी बीमारियां हो रही हैं कवर?

    आयुष्मान भारत योजना (ABY) या PM-JAY के तहत देश के 10 करोड़ गरीब परिवार के करीब 50 करोड़ लोगों को 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य सुरक्षा कवर दिया जा रहा है 

  • मोदीकेयर के नाम से मशहूर आयुष्मान भारत योजना (ABY) 25 सितंबर से शुरू हो चुकी है. केंद्र सरकार इस योजना के तहत देश के 10 करोड़ परिवारों को सालाना 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध करा रही है. 

    ABY को प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PM-JAY) भी कहा जाता है. यह वास्तव में हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम है. 

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'प्रधानमंत्री जन आरोग्य' (PM-JAY) योजना की घोषणा की है. इसे पंडित दीन दयाल उपाध्याय की जयंती पर 25 सितंबर से देशभर में लागू कर दिया गया है. 

    अमेरिका में पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा शुरू किये गए स्वास्थ्य सुरक्षा योजना ओबामाकेयर की तर्ज पर देश की (ABY) को मोदीकेयर भी कहा जाता है. 

    आयुष्मान भारत योजना (ABY) के तहत देश के 10 करोड़ गरीब परिवार के करीब 50 करोड़ लोगों को 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य सुरक्षा कवर दिया जा रहा है. 
  • कौन-कौन सी बीमारियां होंगी ABY में शामिल? 
    कौन-कौन सी बीमारियां होंगी ABY में शामिल? 
    • आयुष्मान भारत योजना (ABY) में प्रति परिवार हर साल 5 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा मिल रहा है.
    • मोदीकेयर (PM-JAY) में पुरानी बीमारियों को भी कवर की जाती हैं.
    • किसी बीमारी की स्थिति में अस्पताल में एडमिट होने से पहले और बाद के खर्च भी कवर किये जा रहे हैं. PM-JAYमें ट्रांसपोर्ट पर होने वाला खर्च भी शामिल है.
    • किसी बीमारी की स्थिति में सभी मेडिकल जांच/ऑपरेशन/इलाज आदि PM-JAYके तहत कवर होते हैं.
    •  ..
    कौन ले सकता है आयुष्मान भारत योजना (ABY) का लाभ? 
    • देश के 10.74 करोड़ परिवार PM-JAYका लाभ ले सकते हैं.
    • इन परिवार की पहचान गरीब और सुविधाओं से वंचित लोगों के तौर पर हुई है.
    • आयुष्मान भारत योजना (ABY) का लाभ लेने के लिए सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना के आंकड़ों का इस्तेमाल हुआ है.
    • PM-JAY का लाभ लेने के लिए परिवार के आकार या उम्र की कोई सीमा तय नहीं की गई है.

    आयुष्मान भारत योजना (ABY) का लाभ कैसे लें? स्वास्थ्य बीमा के पैनल में शामिल किसी भी अस्पताल से बिना पैसे दिए (कैशलेस) इलाज हो रहा है. योजना के तहत कसौटी पर खरे उतरने वाले निजी अस्पताल ऑनलाइन पैनल में रखे गए हैं. के तहत देश के किसी भी अस्पताल में इलाज कराया जा सकता है. आयुष्मान भारत योजना (ABY) के लिए नीति आयोग कैशलेस या पेपरलेस इलाज के लिए आईटी फ्रेमवर्क विकसित कर चुका है.
  • आयुष्मान भारत योजना (ABY) पर कैसे होगा अमल? राष्ट्रीय स्तर पर आयुष्मान भारत योजना (ABY) को राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा मिशन देख रही है. राज्य स्तर पर PM-JAYकी जिम्मेदारी प्रदेश सुरक्षा एजेंसी के पास है.
  • ABY पर खर्च होने वाली रकम कहां से आएगी? 
    • आयुष्मान भारत योजना (ABY) पर आने वाली लागत राज्य और केंद्र सरकार आपस में बांटे रही हैं.
    • ABY में राज्य की हिस्सेदारी जरूरी है.
    • राज्य की स्वास्थ्य एजेंसी को केंद्र सरकार एसक्रो अकाउंट से सीधे पैसे भेज रही है.
    • ABY की अनुमानित लागत 12 हजार करोड़ रुपये है.

    ABY से क्या होगा फायदा? देश में वंचित तबके के लोगों के लिए PM-JAY बहुत उपयोगी कदम साबित हो सकता है. सरकार का मानना है कि पांच लाख रुपये तक की हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम से देश की बड़ी आबादी की स्वास्थ्य समस्या दूर करने में मदद मिल सकती है.