Friday, 22 November 2024

कैग रिपोर्ट


CAG report reveals BJP government is committing crores of scams in health department:

 The BJP is busy in carrying out scams one after the other, has also done huge scams in health services.


As per CAG (Comptroller and Auditor General), the government has not only looted Crores of public money, but has also played with the lives of people.


 The CAG report has completely exposed the scams of BJP, and made it clear that instead of providing health services and doctors to the citizens, the government is engaged in scams worth crores of rupees. “The report has revealed that many ambulances travelled a distance of just 42 to 209 km for Rs 1,05,000 to Rs 5 lakh.


Ambulances provided their services for about Rs 2500 per kilometer. Not only this, there has been a lot of manipulation in the time taken by the ambulances to reach the patients,” 


The CAG report said that while playing with the lives of the people, the government also purchased medicines and equipment from blacklisted companies. The government has also paid Rs 5.67 crore to 15 such agencies, whose medicines have been proved substandard many times.


 Ever since the BJP has come to power, it has completely ignored the education and health system of the state. “This is the reason that today about 30% of the posts of doctors and 42% of health workers are lying vacant in the state,” 


“Now the CAG report itself has revealed that by March 2023, the state had a debt of Rs 4 lakh crore. Even after that, this government continued to take loans, which has exceeded Rs 4.50 lakh crore today,” 


“All this has happened due to the financial mismanagement and scams of the BJP government. Schemes in which all the money went into the pockets of the scamsters were repeatedly imposed on the public, and the government's revenue decreased.


Due to this, the public was hit by tax and inflation,” .



...............hhh


सीएजी रिपोर्ट से स्वास्थ्य विभाग में करोड़ों रुपये के घोटाले का खुलासा


 "अब कैग की रिपोर्ट से ही पता चला है कि मार्च 2023 तक राज्य पर 4 लाख करोड़ रुपये का कर्ज था। उसके बाद भी यह सरकार कर्ज लेती रही, जो आज 4.50 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है।" उन्होंने कहा, "यह सब भाजपा सरकार के वित्तीय कुप्रबंधन और घोटालों के कारण हुआ है।


 

 भाजपा शासन में घोटालों की झड़ी लगी है। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की ताजा रिपोर्ट :

 सरकार ने न केवल जनता के करोड़ों रुपये लूटे हैं, बल्कि लोगों की जिंदगी से भी खिलवाड़ किया है।  सीएजी की रिपोर्ट ने भाजपा के घोटालों को पूरी तरह से उजागर कर दिया है और यह स्पष्ट कर दिया है कि नागरिकों को स्वास्थ्य सेवाएं और डॉक्टर उपलब्ध कराने की बजाय सरकार करोड़ों रुपये के घोटाले में लगी हुई है। रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि कई एंबुलेंस ने महज 42 से 209 किलोमीटर की दूरी 1,05,000 से 5 लाख रुपये में तय की। एंबुलेंस ने करीब 2,500 रुपये प्रति किलोमीटर के हिसाब से अपनी सेवाएं दीं। इतना ही नहीं, एंबुलेंस के मरीजों तक पहुंचने में लगने वाले समय में भी काफी हेराफेरी की गई है। 

 सीएजी की रिपोर्ट में कहा गया है कि लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ करते हुए सरकार ने ब्लैक लिस्टेड कंपनियों से दवाइयां और उपकरण भी खरीदे। सरकार ने 15 ऐसी एजेंसियों को 5.67 करोड़ रुपये का भुगतान किया, जिनकी दवाएं कई बार घटिया साबित हो चुकी हैं। हुड्डा ने कहा कि जब से भाजपा सत्ता में आई है, उसने प्रदेश की शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया है। यही कारण है कि आज प्रदेश में डॉक्टरों के 30 फीसदी और स्वास्थ्य कर्मियों के 42 फीसदी पद खाली पड़े हैं।       भाजपा ने प्रदेश पर 4.5 लाख करोड़ रुपये का कर्ज लाद दिया है, लेकिन सत्ता में बैठे लोग इसे नकारते रहे। अब कैग की रिपोर्ट ने ही खुलासा कर दिया है कि मार्च 2023 तक प्रदेश पर 4 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है। उसके बाद भी यह सरकार कर्ज लेती रही और आज कुल कर्ज 4.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है। यह सब भाजपा सरकार के वित्तीय कुप्रबंधन और घोटालों के कारण हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया, "जिन योजनाओं का सारा पैसा घोटालेबाजों की जेब में चला गया, उन्हें बार-बार जनता पर थोपा गया और सरकार का राजस्व कम हुआ। इसके कारण जनता पर टैक्स और महंगाई की मार पड़ी।"


CAG Report: हरियाणा के 1421 मरीजों ने एक ही तारीख में कई अस्पतालों में कराया इलाज, कैग रिपोर्ट में खुलासा


सार


हरियाणा में 114 पेंशनभोगियों को भी आयुष्मान भारत स्कीम में शामिल किया गया है। जबकि नियम के मुताबिक लाभार्थी व्यक्ति सिर्फ एक ही इंश्योरेंस स्कीम का लाभ उठा सकता है। यही नहीं, इनमें से कुछ ने आयुष्यमान भारत के तहत इलाज कराया और अस्पतालों को करीब 26 लाख रुपये जारी कर दिए गए।


भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने आयुष्यमान भारत स्कीम की कई खामियों का उजागर किया है। कैग ने सितंबर 2018 से 2021 तक आयुष्यमान भारत की एक समीक्षक रिपोर्ट संसद में पेश की है। रिपोर्ट के मुताबिक हरियाणा के 1421 मरीज ऐसे पाए गए हैं, जिन्हें एक ही तारीख में अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती दिखाया गया है। इस मिलीभगत में राज्य के 134 अस्पताल शामिल थे।


कैग ने जब सवाल उठाया तो नेशनल हेल्थ अथॉरिटी (एनएचए) की ओर से बताया गया कि ऐसे मामलों में महिलाओं की डिलीवरी होने पर शिशुओं को दूसरे अस्पताल में मां की आयुष्यमान आईडी पर दाखिल कराया गया, लेकिन कैग ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि उन्होंने जो डाटा विश्लेषण किया है, उनमें पुरुष और गर्भवती महिलाओं के अलावा दूसरी महिलाएं शामिल हैं। इस तरह के कुल 2662 केस हैं, जिनमें 620 महिलाएं और 801 पुरुष शामिल हैं। कैग के मुताबिक सबसे ज्यादा मामले गुजरात, छत्तीसगढ़, केरल, मध्यप्रदेश और पंजाब में आए हैं।


आधे अधूरे 114 कार्ड पर भुगतान

वहीं, आयुष्यमान के 114 उन कार्ड पर भुगतान किया गया, जो आधे अधूरे थे। उनमें कई त्रुटियां थीं। इन कार्ड पर करीब साढ़े आठ लाख रुपये की राशि जारी की गई है। जांच में यह भी सामने आया है कि हरियाणा में 114 पेंशनभोगियों को भी आयुष्मान भारत स्कीम में शामिल किया गया है। जबकि नियम के मुताबिक लाभार्थी व्यक्ति सिर्फ एक ही इंश्योरेंस स्कीम का लाभ उठा सकता है। यही नहीं, इनमें से कुछ ने आयुष्यमान भारत के तहत इलाज कराया और अस्पतालों को करीब 26 लाख रुपये जारी कर दिए गए। कैग ने सूचना, शिक्षा और संचार योजना के कार्यान्वयन में भी कमियां पाई हैं। आयुष्यमान भारत के तहत लाभार्थियों को पांच लाख रुपये तक इलाज का भुगतान किया जाता है।


मृतकों को जिंदा दिखाकर करवाया भुगतान

कैग ने अपने ऑडिट में यह भी पाया है कि कुछ मरीजों की मौत हो गई थी, लेकिन उन्हें जिंदा दिखाकर उनके इलाज के लिए भुगतान हासिल किया गया। इस तरह के कुल 406 केस थे। इनमें से 354 मरीजों को जीवित दिखाकर इलाज के नाम पर 54 लाख रुपये का भुगतान हासिल किया गया।


विशेषज्ञ नहीं थे, इसलिए दूसरे जिले में कराया इलाज

कैग ने अपनी रिपोर्ट में राज्य में मैन पॉवर की कमी पर भी सवाल उठाए हैं। हरियाणा के विभिन्न जिलों में 14 तरह के अलग-अलग विशेषज्ञ नहीं थे। इससे आयुष्मान भारत के लाभार्थियों को दूसरे जिले में इलाज के लिए यात्रा करनी पड़ी है। वहीं, स्वीकृत पदों के मुताबिक 36 फीसदी डॉक्टर व कर्मचारी कम थे। इसके अलावा 3666500 रुपये की पेनाल्टी में से 1685250 रुपये की वसूली नहीं की गई।


हरियाणा में पानी पीने लायक नहीं:CAG की रिपोर्ट में खुलासा- जल में मेंढक, शैवाल, कौलीफॉर्म बैक्टीरिया; 25 सैंपलों की लैब टेस्टिंग हुई


हरियाणा में पानी पीने के लायक नहीं है। पेयजल को लेकर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है। विधानसभा के मानसून सत्र में पेश की गई CAG की रिपोर्ट में बताया गया है कि राज्य में पीने के पानी में मेंढक, शैवाल, कौलीफॉर्म बैक्टीरिया मिले हैं।


रूलर एंड अर्बन वाटर सप्लाई स्कीम के ऑडिट में CAG ने पब्लिक हेल्थ इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट (13), अर्बन लोक बॉडी (8) हरियाणा अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (4) द्वारा 25 स्थानों पर जल आपूर्ति के नमूने लिए गए।


नमूनों का एक सेट करनाल में सार्वजनिक स्वास्थ्य इंजीनियरिंग विभाग (PHED) प्रयोगशाला में भेजा गया था और दूसरे सेट को विश्लेषण के लिए श्री राम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल रिसर्च (SRI) नई दिल्ली भेजा गया था।



हरियाणा में पानी पीने लायक नहीं:CAG की रिपोर्ट में खुलासा- जल में मेंढक, शैवाल, कौलीफॉर्म बैक्टीरिया; 25 सैंपलों की लैब टेस्टिंग हुई


चंडीगढ़1 वर्ष पहले





हरियाणा में पानी पीने के लायक नहीं है। पेयजल को लेकर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है। विधानसभा के मानसून सत्र में पेश की गई CAG की रिपोर्ट में बताया गया है कि राज्य में पीने के पानी में मेंढक, शैवाल, कौलीफॉर्म बैक्टीरिया मिले हैं।


रूलर एंड अर्बन वाटर सप्लाई स्कीम के ऑडिट में CAG ने पब्लिक हेल्थ इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट (13), अर्बन लोक बॉडी (8) हरियाणा अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (4) द्वारा 25 स्थानों पर जल आपूर्ति के नमूने लिए गए।


नमूनों का एक सेट करनाल में सार्वजनिक स्वास्थ्य इंजीनियरिंग विभाग (PHED) प्रयोगशाला में भेजा गया था और दूसरे सेट को विश्लेषण के लिए श्री राम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल रिसर्च (SRI) नई दिल्ली भेजा गया था।





दूषित पानी से 5 साल में 14 मौतें CAG की रिपोर्ट में कहा गया है कि हेल्थ डिपार्टमेंट द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, 2016-21 के दौरान जलजनित बीमारियों के 2,901 मामले राज्य में आए हैं। इसके साथ ही दूषित जल पीने से सूबे में 14 मौत हो चुकी हैं।


8 चयनित जिलों में से 4 (फतेहाबाद, करनाल, कुरूक्षेत्र और पंचकूला) में 2016-21 के दौरान जल-जनित बीमारियों के 1382 मामले मिले, जिनमें से 12 लोगों की मौत हुई। कालका, असंध, इंद्री और हांसी उपमंडल जल परीक्षण प्रयोगशालाओं में भौतिक और रासायनिक परीक्षण की सुविधा नहीं है।


पानी के 12 सैंपलों में क्लोरीन नहीं मिला रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ है कि 25 में से 12 स्थानों पर पानी के नमूनों में क्लोरीन नहीं मिला। 11 स्थानों पर क्लोरीन निर्धारित सीमा से अधिक पाया गया (0.2 PPM की आवश्यकता के मुकाबले प्रति मिलियन PPM तीन भागों का अधिकतम रेट) और 2 स्थानों पर, क्लोरीन अनुमेय सीमा के भीतर पाया गया। हालांकि SRI प्रयोगशाला में 2 नमूनों में क्लोरीन अनुमेय सीमा से थोड़ा ऊपर पाया गया और बाकी 23 नमूनों में क्लोरीन बिल्कुल भी नहीं पाया गया।



हरियाणा में पानी पीने लायक नहीं:CAG की रिपोर्ट में खुलासा- जल में मेंढक, शैवाल, कौलीफॉर्म बैक्टीरिया; 25 सैंपलों की लैब टेस्टिंग हुई







हरियाणा में पानी पीने के लायक नहीं है। पेयजल को लेकर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है। विधानसभा के मानसून सत्र में पेश की गई CAG की रिपोर्ट में बताया गया है कि राज्य में पीने के पानी में मेंढक, शैवाल, कौलीफॉर्म बैक्टीरिया मिले हैं।


रूलर एंड अर्बन वाटर सप्लाई स्कीम के ऑडिट में CAG ने पब्लिक हेल्थ इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट (13), अर्बन लोक बॉडी (8) हरियाणा अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (4) द्वारा 25 स्थानों पर जल आपूर्ति के नमूने लिए गए।


नमूनों का एक सेट करनाल में सार्वजनिक स्वास्थ्य इंजीनियरिंग विभाग (PHED) प्रयोगशाला में भेजा गया था और दूसरे सेट को विश्लेषण के लिए श्री राम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल रिसर्च (SRI) नई दिल्ली भेजा गया था।





दूषित पानी से 5 साल में 14 मौतें CAG की रिपोर्ट में कहा गया है कि हेल्थ डिपार्टमेंट द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, 2016-21 के दौरान जलजनित बीमारियों के 2,901 मामले राज्य में आए हैं। इसके साथ ही दूषित जल पीने से सूबे में 14 मौत हो चुकी हैं।


8 चयनित जिलों में से 4 (फतेहाबाद, करनाल, कुरूक्षेत्र और पंचकूला) में 2016-21 के दौरान जल-जनित बीमारियों के 1382 मामले मिले, जिनमें से 12 लोगों की मौत हुई। कालका, असंध, इंद्री और हांसी उपमंडल जल परीक्षण प्रयोगशालाओं में भौतिक और रासायनिक परीक्षण की सुविधा नहीं है।


पानी के 12 सैंपलों में क्लोरीन नहीं मिला रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ है कि 25 में से 12 स्थानों पर पानी के नमूनों में क्लोरीन नहीं मिला। 11 स्थानों पर क्लोरीन निर्धारित सीमा से अधिक पाया गया (0.2 PPM की आवश्यकता के मुकाबले प्रति मिलियन PPM तीन भागों का अधिकतम रेट) और 2 स्थानों पर, क्लोरीन अनुमेय सीमा के भीतर पाया गया। हालांकि SRI प्रयोगशाला में 2 नमूनों में क्लोरीन अनुमेय सीमा से थोड़ा ऊपर पाया गया और बाकी 23 नमूनों में क्लोरीन बिल्कुल भी नहीं पाया गया।



इन स्थानों पर मेंढक, शैवाल, कौलीफॉर्म जिन 25 स्थानों से सैंपल लिए गए, उनमें से 7 स्थानों पर क्लियर वॉटर टैंक (CWT) ओवर हेड सर्विस रिजर्वायर (OHSR) का उपयोग किया जा रहा था और 3 स्थानों पर सफाई की स्थिति संतोषजनक नहीं थी। कटेसरा में CWT के अंदर शैवाल मिला है, साहू में CWT में मेंढक और काब्रेल में एक CWT बिना ढक्कन के था।


इस बात को साबित करने के लिए CAG ने अपनी रिपोर्ट में तस्वीरें भी प्रकाशित की हैं। सभी 25 स्थानों पर यह देखा गया कि क्लोरीन की खुराक से संबंधित कोई रिकॉर्ड नहीं रखा गया था। इसकी अनुपस्थिति में यह आंकलन किया गया है कि जल पंप संचालक, जेई क्लोरीनाइजेशन के लिए उचित खुराक के प्रति लापरवाह थे।


6 साल में 2.64 लाख सैंपल लिए गए रिपोर्ट में दिया गया है कि अप्रैल 2016 से मार्च 2021 की अवधि के दौरान 2,64,025 पानी के नमूनों का परीक्षण किया गया, जिनमें से 18,104 नमूने (6.86 प्रतिशत) सही नहीं मिले। अगस्त 2021 से मई 2022 के दौरान, यह पाया गया कि जिन क्षेत्रों में पानी का नमूना लिया गया, वहां के निवासियों को सुरक्षित और पीने योग्य पेयजल सुनिश्चित करने के लिए विभाग द्वारा समय पर कार्रवाई की गई थी या नहीं।

टिकरी बॉर्डर पिलर 795

***टिकरी बॉर्डर पिलर 795 पर** 
   जन स्वास्थ्य अभियान का एक वर्ष का नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविर* "तन मन धन" के साथ काम करने वाली टीम *डॉक्टर:* 1.डॉ ओपी लठवाल सेवानिवृत्त चिकित्सा अधीक्षक, पीजीआईएमएस, रोहतक। 2. डॉ. बलराम कादियान, सेवानिवृत्त जिला स्वास्थ्य अधिकारी। 3.डॉ आरएस दहिया, जनरल सर्जरी, पीजीआईएमएस, रोहतक के सेवानिवृत्त वरिष्ठ प्रोफेसर। 4. डॉ रणबीर सिंह खासा, जनरल सर्जन, सेवानिवृत्त एसएमओ। 

*सेवानिवृत्त फार्मासिस्ट:* 
1 आजाद सिंह सिवाच
2. रणबीर सिंह कादियान 
3. प्रेम सिंह जून 
4. बलवान 
5. धर्मवीर राठी 
6.मोहिंदर सिंह सिवाच 
7.वीरेंद्र सहारन 
8. सी पी वत्स
*जेएसए कार्यकर्ता:* 
1. मधु मेहरा
2. करण सिंह 
3. डॉ सतनाम सिंह संयोजक जेएसए हरयाणा 
4. सुरेश कुमार सह संयोजक जेएसए हरियाणा 6.ड्राइवर महावीर करौंथा का विशेष योगदान जो हमेशा हमारी साथ रहे । 

*स्थान :* अखिल भारतीय किसान सभा हरियाणा का 795 पिल्लर पर टेंट 
शुरू करने की तिथि - 
2 दिसंबर, 2020 प्रतिदिन और फिर अगस्त 2021 से सप्ताह में 3 दिन (सोमवार, बुधवार और शनिवार) 9 दिसम्बर तक। 
2 दिसंबर से 31 दिसंबर, 2020 तक--- 
2130 मरीज
1 जनवरी 2021 से अब तक 9 दिसम्बर तक देखे गए  मरीज: 15440
कुल मरीज :17570
*दवाइयाँ* 
असोसिएशनों , कई ग्राम वासियों , व्यक्तियों और मेडिकल स्टोरज द्वारा दान किये गए 350000 रुपये के मूल्य की दवाएं लगी। 

*कई प्रकार के मरीज*
यूआरसी, खांसी-जुकाम, पीयूओ, जोड़ों का दर्द, पीठ दर्द, शरीर के सामान्य दर्द, उच्च रक्तचाप, मधुमेह, चिंता, गुम चोट आदि। *विशेष स्थितियां:* 
इस अवधि के दौरान तीन मरीज ऐसे थे जिनका रक्तचाप बहुत अधिक था। जो सेरेब्रल स्ट्रोक के लिए उत्तरदायी हो सकता था । तुरंत सबलिंगुअल निफेडिपिन की गोली दी गई और 1 घंटे के लिए  लेट कर आराम करने की सलाह दी गई। रक्तचाप कम हो गया और उन्हें विशेषज्ञ से मिलने की सलाह दी गई।
*एक और मामला* एक महिला का था । 795 पिल्लर पर एक स्कूटी का कार से एक्सीडेंट हो गया और स्कूटी चला रही महिला सुरक्षित थी लेकिन पीछे की सीट पर बैठी महिला नीचे गिर गई और उसे कई खरोंच और गुम चोट लगी। वह सदमे में चली गई। मैंने देखा और तुरंत महिला के पास गया और उसे एक सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित कर दिया। प्राथमिक उपचार किया। उसके दोनों टांगें ऊपर उठाकर रखी और  मैसाज किया। दूसरी महिला से उसे सिविल अस्पताल में शिफ्ट करने का अनुरोध किया। वह परिवार के किसी सदस्य के आने का इंतजार करने लगी। इस बीच मैंने देखा कि घायल महिला ठीक हो रही है। उसकी पल्स रेट को महसूस किया जा सकता था। सांस लेने में भी सुधार हुआ। इसी बीच कार वाला लड़का आया और उसे शिफ्ट कर दिया गया। 

*सीमा पर किसान:* सीमा पर लोग बहुत सहयोगी थे और दृढ़ निश्चय के साथ शांति से रह रहे थे। हमारे चाय पानी का पूरा खयाल रखते थे। 800 के लगभग किसानों ने शहादत दी एक साल के आंदोलन में।
महिलाओं की भागीदारी:-
किसान आंदोलन में महिलाओं की भारी भागीदारी रही है। 
*दवाओं से मदद :* दवाओं की मदद भी आई
 --हुड्डा मेडिकोज शीला बायपास 
--प्रदीप बूरा PMJAY दुकान पालिका बाजार रोड। 
--सतेंदर दलाल मेडिकोज --नेशनल मेडिकोज 
--डॉ राजेश मेडिकोज --जोगिंदर साहिल मलिक ओम मेडिकल स्टोर 
--रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन, सेक्टर, 4 एक्सटेंशन, रोहतक एसोसिएशन ने टिकरी बॉर्डर पर जाकर भी जन स्वास्थ्य अभियान हरियाणा के मुफ्त चिकित्सा शिविर के लिए 5060 रुपये की दवाओं का योगदान दिया। किसान आंदोलन की शुरुआत से ही एसोसिएशन जेएसए की मदद कर रही थी। इंद्रप्रस्थ कॉलोनी एसोसिएशन ने दिए 7000 रुपये 
इसी तरह व्यक्ति और अन्य संगठन समर्थन के लिए आगे आये। 
बहोत से डॉक्टरों ने हमारे इस कदम का तहे दिल से आर्थिक सहयोग और समर्थन किया है। डॉ. आर.एस.दहिया 
राज्य कोर सदस्य जेएसए, हरियाणा

Thursday, 21 November 2024

मुनाफाखोर कम्पनियां

 मुनाफाखोर कम्पनियां नै यो स्वास्थ्य  ढांचा कब्जाया।।

पाणी बिकता खाणा महंगा यो प्रदूषण आज फ़ैलाया।।

1

सरकारी स्वास्थ्य सेवा ढावैं प्राईवेट नै बढ़ावा देवैं

जनता धक्के खा सरकारी मैं प्राईवेट घणे पीस्से लेवैं

दवा मशीन महंगी करदी गरीब मुश्किल तैं खेवैं

पीस्से आले की ज्याण बचै गरीब दुत्कार सेहवैं

बीमारियां का औड़ नहीं कदे डेंगू कदे स्वाइन फ्लू आया।।

पाणी बिकता खाणा महंगा यो प्रदूषण आज फ़ैलाया।।

2

एम्पेनलमेंट पै प्राईवेट का इलाज लेते कर्मचारी

बड़े अस्पतालों मैं जावै अफसरशाही या सारी

लाखों मैं इलाज हर्ट अटैक का बचै जेब जिसकी भारी

प्राइवेट बीमा कंपनी भी भ्रष्टाचार मैं धँसती जारी

घर फूंक तमाशा पड़ै देखना जै चाहते ज्याण बचाया।।

पाणी बिकता खाणा महंगा यो प्रदूषण आज फ़ैलाया।।

3

वातावरण प्रदूषण तैं बढ़ी कैंसर और दमा बीमारी

कीटनाशक बढे गात मैं जिंदगी मुश्किल होती जारी

झोला छाप दवा देसी ये बनी गरीब की लाचारी

ये आर एम पी डॉक्टर स्टीरायड खिलावैं भारी

घणे बढ़गे टोने टोटके बढ़ी अन्धविश्वास की माया।।

पाणी बिकता खाणा महंगा यो प्रदूषण आज फ़ैलाया।।

4

एक तरफ हैल्थ टूरिज्म दूजी तरफ झाड़ फूंक छाये

कितै कमी नर्सों की कितै ये डॉक्टर कम बताये

कितै कमी दवा की कितै औजार कम ल्या पाये

निजी अस्पताल रोज खुलैं ना कोये कानून बनाये

रणबीर सिंह मुनाफे नै म्हारी सेहत का धुम्मा ठाया।।

पाणी बिकता खाणा महंगा यो प्रदूषण आज फ़ैलाया।।

People’s Health Manifesto, 2018

 People’s Health Manifesto, 2018

Remembering the 40th anniversary of the Alma Ata Conference which proclaimed ‘Health for All’ the Jan Swasthya Abhiyan staunchly upholds the Right to Health and Health Care for all people of India . We are opposed to anti-people steps being taken by the current Government in the health sector. We strongly oppose various negative policy trends such as: 

• the failure to move a constitutional amendment to make the right to health a fundamental right in the Indian Constitution

• the recent national health budgets being reduced in real terms, 

• the downgrading of public health services and various retrograde steps concerning the National Health Mission; 

• launching of the ‘Pradhan Mantri Jan Arogya Yojana ’ or National Health Protection scheme which is based on the discredited ‘insurance model’ despite massive evidence against the effectiveness of such insurance based schemes involving major participation of the private sector in service delivery;

• moves for privatisation of district hospitals and other public health services; 

• More corporatization of Medical Education giving scope for more capitation based student enrolment.

• continued refusal to ensure effective regulation of the private medical sector, allowing this sector to continue massive profiteering at the cost of patients, especially by corporate hospitals; 

• unwillingness to effectively control prices of medicines, based on cost of production. Allowing marketing of hundreds of irrational and harmful Fixed Dose Drug Combinations. 

• not bringing a legal code to eliminate unethical marketing practices by the pharmaceutical industry; 

• ongoing exclusion and marginalisation of wide sections of the population related to access to quality health services

आयुष्मान में हेराफेरी पर सख्ती*

 *आयुष्मान में हेराफेरी पर सख्ती* 

आयुष्मान भारत योजना के तहत इलाज के लिए मरीजों से नकद पैसे लेने के आरोप में अग्रवाल नर्सिंग होम, कुरुक्षेत्र के खिलाफ शिकायत पर सख्त कदम उठाते हुए मुख्यमंत्री ने योजना के तहत सूचीबद्ध इस अस्पताल का तत्काल प्रभाव से इम्पैनलमेंट रद्द कर दिया है।

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि यदि कोई अस्पताल मरीजों या उनके परिजनों से नकद पैसे लेते हुआ या एडवांस भुगतान के लिए हस्ताक्षर मांगता हुआ पाया गया तो उसका इम्पैनलमेंट तत्काल रद्द कर दिया जाएगा। राज्य में करीब 45 लाख पात्र परिवारों को प्रति वर्ष पांच लाख रुपये प्रति परिवार का स्वास्थ्य बीमा मिल रहा है। राज्य में कुल 1227 सूचीबद्ध अस्पताल हैं, जिनमें 502 सरकारी और 725 निजी अस्पताल शामिल हैं।  


- अस्पतालों में निशुल्क होंगे मोतियाबिंद के ऑपरेशन

नायब सरकार ने प्रदेश के लोगों की सेहत की देखभाल पर विशेष ध्यान दिया है। प्रदेश के सभी 26 सरकारी अस्पतालों तथा 15 सूचीबद्ध निजी अस्पतालों में मरीजों का मोतियाबिंद का ऑपरेशन निशुल्क किया जाएगा।

स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारियों के साथ विशेष बैठक में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने यह निर्णय लिया। बढ़ती उम्र में मोतिया होना आम बात है। इस उपचार को लेकर लंबे समय से मरीजों व चिकित्सा संस्थानों में फीस व लेंस की कीमत को लेकर दुविधा की स्थिति रही है।

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CAG Report conclusions

  CAG report 

 Conclusion 

There was wide variation in availability of Specialist OPD services across DHs and SDCHs, which was the result of inadequate availability and skewed distribution of Specialist Doctors in Health Department. In the test-checked health institutions, audit observed that availability of doctors was not ensured as per the patient load. In IPD services, specialty wise beds were not allocated. OT facility was not available in any of the selected PHCs/UPHCs. Positive isolation room was not available in DH Panipat, SDCH Narnaund, MCH Nalhar (Nuh) and seven out of 12 selected CHCs/ UHCs. Further, the Bed Occupancy Ratio (BOR) of all the test-checked health institutions were below 80 per cent except DHs Hisar and Panipat. LAMA rate of SDCHs Adampur, Samalkha and Narnaund were higher as compared to other institution which shows that these hospitals could not gain trust of patients. In Emergency services, it was noticed that facility of 24 hours Management of emergency services such as accident, first aid, stitching of wounds etc., were available only in seven out 24 selected PHCs/UPHCs. None of the test-checked hospitals had ICU services except DH, Panipat. In Maternity services, institutional births in public health facility remained at 57.5 per cent during the period 2019-21. Further, there was shortfall in conducting review of maternal deaths and neonatal deaths during 2016-17 to 2020-21. Most of the radiology services were not available in selected SDCHs.



*My comments* 

    This summary report reflects the petty situation of Haryana Health Services.

Specialists deficiency is alarming. Radiology services are reflected in a miserable situation. The govt should seriouslyd take up the deficiencies and take action against inefficient drug compnies for supplying sub standard medicines .

 *These are the recommendations of CAG report.The Govt should respond to these urgently.*

Recommendations 1. Government should ensure that all OPD services, IPD services, emergency services, diagnostic services as prescribed under IPHS norms for different health institutions are made available to the beneficiaries. 2. Government should take steps to improve and strengthen auxiliary and support services so that overall healthcare experience is improved. 3. Government should ensure that doctors and other manpower are provided according to the patient load on health institutions.  4. The health institutions should be instructed to comply with safety norms.

CAG REPORT