*सार्वजनिक स्वास्थ्य*
*"मनुष्य अपनी शुरुआत की आधी जिंदगी में दौलत कमाने के लिए "स्वास्थ्य" खर्च करता है; परंतु बाद की आधी जिंदगी में अपना स्वास्थ्य दोबारा पाने हेतु अपनी सारी दौलत खर्च करता है।"* *मनुष्य प्राणी का यह तात्विक विचार इस बात पर जोर देता है कि स्वास्थ्य , अर्थपूर्ण जीवन बसर करने का एक महत्वपूर्ण घटक है* । *यह भी एक सामान्य अनुभव है कि जब भी हमारा स्वास्थ्य बिगड़ता है तो व्यक्तिगत स्तर पर, हमारा दैनिक कार्य और दैनंदिन कार्य और जीवन स्तर प्रभावित होता है।* *महामारी के दौरान बड़ी संख्या में लोग बीमार पड़ सकते हैं ,अत: पूरे जन समूह का या समुदाय का जीवन स्तर, बड़े पैमाने पर घट सकता है । उसी तरह, अस्वास्थ्य या बीमारी का बारंबार सामना करने से भी समुदाय या जनसमूह का जीवन स्तर बड़े पैमाने पर घट सकता है । गरीबी, भीड़, स्वच्छ पेयजल की कमी, उचित स्वच्छता का अभाव, निजी स्वच्छता के प्रति लापरवाही आदि इसके कारण हो सकते हैं। यह बातें शायद व्यक्ति के नियंत्रण से परे हों परंतु संगठित प्रयास और वैज्ञानिक तकनीक के उपयोग के जरिए हम इसे बड़े पैमाने पर कम कर सकते हैं।* *इसलिए वैज्ञानिक अर्थ में स्वास्थ्य की संकल्पना को समझना आवश्यक है।*
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