आर्थिक रूढ़िवाद की दरिद्रता
एफिडेविट में सरकार ने कहा है कि कोविड-19 से हुई मौतों के लिए अनुकंपा भुगतान करने के लिए उसके पास पैसे ही नहीं हैं। अगर हम केंद्र सरकार के आंकड़ों से ही चलें और इन आंकड़ों को अपडेट भी कर लें तब भी कोविड- 19 के चलते जान गंवाने वालों की संख्या चार लाख से ज्यादा नहीं बैठेगी। 4 लाख प्रति व्यक्ति के हिसाब से हुई मौतों का कुल मुआवजा 16,000 करोड़ रुपये बैठता है। जो सरकार , सेंट्रल विस्टा जैसी आडंबरपूर्ण और गैरजरूरी तथा घोर कलाभजंक परियोजना पर 20,000 करोड़ रुपये खर्च करने के लिए तैयार है, उसके पास कोविड के शिकार हुए लोगों के परिवारों को देने के लिए कोई पैसा ही नहीं है -- इससे इस सरकार की नैतिक प्राथमिकताओं के बारे में बहुत कुछ पता चल जाता है।
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