Wednesday, 15 November 2023

कैंसर

 

कैंसर एक ऐसी खतरनाक बीमारी है, जिससे शरीर के किसी भी हिस्से की कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से विभाजित होने लगती हैं। कैंसर (Cancer) शरीर के एक हिस्से से दूसरे हिस्सों में फैलता है कैंसर के शुरुआती लक्षणों को अगर पहचान लिया जाये तो इसे खतरनाक स्थिति तक पहुंचने से रोका जा सकता है।

[08/11, 4:50 pm] Dr. Ranbir Singh Dahiya: People also ask

कैंसर के तीन प्रमुख कारण क्या है?

कैंसर के कारण क्या है?

तंबाकू खाना या सिगरेट पीना - तंबाकू या उससे बने उत्पाद जैसे सिगरेट, गुटखा या चुईंगम आदि का लंबे समय तक सेवन फेंफड़े या मुंह के कैंसर का कारण बन सकता है।

अल्कोहोल - लंबे समय से शराब पीना लिवर कैंसर को बढ़ावा देता है। ...

जीन - कैंसर के लिए जीन भी एक प्रमुख कारण हैं।

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कैंसर के तीन प्रमुख कारण क्या है?

कैंसर के कारण क्या है?

तंबाकू खाना या सिगरेट पीना - तंबाकू या उससे बने उत्पाद जैसे सिगरेट, गुटखा या चुईंगम आदि का लंबे समय तक सेवन फेंफड़े या मुंह के कैंसर का कारण बन सकता है।

अल्कोहोल - लंबे समय से शराब पीना लिवर कैंसर को बढ़ावा देता है। ...

जीन - कैंसर के लिए जीन भी एक प्रमुख कारण हैं।

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कैंसर क्या है? देखें कैंसर के स्टेज, लक्षण और इलाज - Care Insurance

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शरीर में कैंसर का पहला संकेत क्या होता है?

त्वचा के रंग, बनावट आदि में परिवर्तन त्वचा कैंसर का एक सामान्य पहला संकेत है। अकारण दर्द और थकान: थकावट और दूर नहीं होने वाले दर्द गहन मुद्दों के संकेतक हैं। निगलने में कठिनाई: गहरी पेट और आँत संबंधी समस्याएं निगलने में कठिनाई के रूप में सामने आती है। मुंह में एक पैच या जलन भी जाँच के लायक है।

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पुरुषों और महिलाओं में कैंसर के 18 सामान्य संकेत और लक्षण | नारायणा हेल्थ - Narayana Health

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कैंसर का मुख्य कारण क्या है?

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कैंसर कितने साल की उम्र में होता है?

50 साल की आयु के बाद कैंसर का खतरा ज्यादा होता है. हालांकि, यह बीमारी किसी भी उम्र के लोगों को अपना शिकार कर सकती है. कैंसर की पहचान शुरुआती स्टेज में हो जाने पर उपचार करके मरीज की जान बचाई जा सकती है.

 जब आप घातक बीमारीयों के बारे में बात करते हैं तो आप आमतौर परकैंसरशब्द सुनते हैं। यह शब्द ही एक ऐसी स्थिति को इंगित करता है जिसमें कोशिका वृद्धि अनियंत्रित और असामान्य दर से होती है।

 

कैंसरशब्द अपने आप में यह बताता है यह एक ऐसी वृद्धि है जिसके शरीर के अन्य भागों में फैलने का खतरा रहता है। आपको यह बताना होता है कि कैंसर की वृद्धि कहाँ हुई है। इसके अलावा विकास का चरण, जब इसके बारे में पता चलता है, और प्रत्येक मामले की गंभीरताये सभी विवरण मायने रखते हैं। वे कैंसर पीड़ितों के बचने और ठीक होने की संभावनाओं का निर्धारण करते हैं।

 

आप यह देख सकते हैं कि कैंसर के ट्यूमर को जल्द से जल्द पहचानना महत्वपूर्ण क्यों है? यह तय करने में मदद करता है कि ट्यूमर हानिकारक है या नहीं, और किस तरह के उपचार की जरूरत है। जब ट्यूमर का जल्दी पता चल जाता है और तुरंत उपचार शुरू हो जाता है, तो उसकी वृद्धि को रोका जा सकता है।

 

जैसे ही एक अनियंत्रित वृद्धि का संदेह होता है, यह जांचने के लिए कई तरह के परीक्षण किए जाते हैं कि ट्यूमर कैंसर कारक है या सौम्य है। सौम्य ट्यूमर के शरीर के अन्य भागों में फैलने की क्षमता नहीं होती है।

 

कैंसर की उपस्थिति की पुष्टि करने के लिए अक्सर बायोप्सी आवश्यक होती है।

 

यहाँ तंबाकू के उपयोग से होने वाला कैंसर के बारे में बताना जरुरी है। 20% से अधिक कैंसर के मामले तम्बाकू के कारण होते हैं। अन्य कारण हैं मोटापा, पोषण की कमी, एक गतिहीन जीवन शैली और शराब का सेवन।

 

कैंसर के संकेतक पहली बार में काफी अहानिकर होते हैं। ध्यान रखें कि इसी तरह के लक्षण अन्य सामान्य बीमारियों में भी हो सकते हैं।

 

यहाँ पुरुषों और महिलाओं दोनों में पाए जाने वाले सबसे सामान्य कैंसर के लक्षणों में से कुछ निम्न हैं:

 

अत्यधिक, लगातार खांसी: यह एक ऐसी स्थिति है जिसके लिए फेफड़ों की सूजन (निमोनिया) और गर्दन के कैंसर के लिए जाँच होनी चाहिये।

लार में रक्त: आमतौर पर ब्रोंकाइटिस या साइनसाइटिस का संकेत है, यह लक्षण फेफड़ों के कैंसर का भी संकेत दे सकता है।

मल में रक्त: यह कब्ज, अल्सर और बवासीर से लेकर बृहदान्त्र या मलाशय के कैंसर तक कुछ भी संकेत दे सकता है। 50 वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों के लिए कोलोनोस्कोपी की सलाह दी जाती है।

मल त्याग में बदलाव: अचानक दस्त, कब्ज या पतले दस्त बृहदान्त्र और मलाशय के कैंसर की ओर इशारा करता है। आंतों में जलन और संक्रमण के लिए जांच शुरू की जानी चाहिए।

पेशाब होने के तरीके में बदलावपैटर्न, आवृत्ति: मूत्र का आवेग जो आपके नियंत्रण के बिना धीमा या बंद हो जाती है, इसके कुछ गहन कारण हो सकते हैं।

धब्बे, तिल और त्वचा में बदलाव: पुरुषों और महिलाओं दोनों को त्वचा पर तिल या धब्बों पर गौर करना चाहिए जो अचानक दिखाई देते हैं। त्वचा के रंग, बनावट आदि में परिवर्तन त्वचा कैंसर का एक सामान्य पहला संकेत है।

अकारण दर्द और थकान: थकावट और दूर नहीं होने वाले दर्द गहन मुद्दों के संकेतक हैं।

निगलने में कठिनाई: गहरी पेट और आँत संबंधी समस्याएं निगलने में कठिनाई के रूप में सामने आती है। मुंह में एक पैच या जलन भी जाँच के लायक है।

वजन में अचानक बदलाव: वजन अचानक कम होनाबिना किसी आहार या जीवनशैली में बदलाव केएक चिंताजनक घटना हो सकती है। सबसे अधिक बार, यह इंगित करता है कि थायरॉयड फ़ंकार्यप्रणाली में परिवर्तन हुआ है। लेकिन पेट, बृहदान्त्र या अग्न्याशय में अकारण किसी वृद्धि के लिए भी परीक्षण करने की आवश्यकता हो सकती है।

ऐसे विशिष्ट लक्षण हैं जिन्हें महिलाओं को देखने की आवश्यकता है:

 

निप्पल से खूनी या रंगहीन स्त्राव: रंगहीन स्त्राव आम है क्योंकि हार्मोन संबंधी संतुलन उम्र के साथ बदलता रहता है। लेकिन खूनी या बदबूदार स्त्राव एक निश्चित संकेत है कि चिकित्सक को दिखाना आवश्यक है।

स्तन में गांठ: आपको अपनी स्तन की परीक्षा हर महीने घर बैठे करनी चाहिये और हर साल एक पेशेवर स्त्री रोग विशेषज्ञ द्वारा इसका परीक्षण करवाना चाहिए। एक ही स्तन में महसूस किए गए गांठ को तत्काल ध्यान देने और एमआरआई की संभावित आवश्यकता होती है।

त्वचा में शिकन या गाल का गड्ढा: त्वचा में एक असमान शिकन या अनियमितता को आगे जाँचने की आवश्यकता होती है। इसके परिवर्तन होने पर जाँच करें।

निप्पल की दिशा में अचानक परिवर्तन: निप्पल अचानक पीछे हट सकते हैं। या निप्पल के आसपास दर्द के साथ सूजन हों सकता है और स्तन में बेचैनी लग सकती है। इनकी और जांच की जरूरत होती है।

मासिक धर्म चक्रों के बीच स्पॉटिंग: भले ही माहवारी नियमित हो, मासिक धर्म चक्रों के बीच रक्तस्राव या धब्बा एंडोमेट्रियल कैंसर का संकेतक हो सकता है।

पेट फूलने की समस्या: यह एक बहुत ही सामान्य लक्षण है और महिलाएं स्वाभाविक रूप से पुरुषों की तुलना में अधिक फूली होती है, लेकिन अगर यह मामूली उपचार से दूर नहीं होता है, तो लगातार सूजन से अंडाशय, गर्भाशय, या पेट और आंतों से संबंधित कैंसर हों सकता है।

 परिचय

 कैंसर का इतिहास तो प्राचीन है इतना कि इसका उल्लेख आयुर्वेद में भी मिलता है परंतु इसकी गंभीरता एवं प्रसार आधुनिक है संपूर्ण विश्व में कैंसर से पीड़ित लोगों को की संख्या बढ़ती जा रही है यह एक ला इलाज रोग है जिसमें सदैव उपचार उपलब्ध नहीं होता है एवं प्रसारित  (metastasis)  होने पर मृत्यु लगभग निश्चित होती है। कैंसर से हाल के वर्षों में वेनेजुएला जो एक दक्षिण अमेरिकी देश है के राष्ट्रपति ह्यूगो शावेज एवं एप्पल  कंपनी जो प्रसिद्ध मोबाइल निर्माण कंपनी है के मुख्य कार्यकारी अधिकारी स्टीव जॉब्स की मृत्यु हो गई। इस प्रकार यह स्पष्ट होता है कि कितना भी है अधिक सक्षम व्यक्ति भी इस रोग से नहीं बच पाता है। वहीं युवराज सिंह इस रोग का शीघ्र निदान होने के कारण वर्तमान में क्रिकेट खेल रहे हैं। कैसर को केंकड़े   द्वारा दर्शाया जाता है।

      इस प्रतीक के उपयोग का मुख्य आधार यह है कि जिस प्रकार केकड़ा अपने चारों ओर तीव्रता से गति कर सकता है उसी प्रकार कैंसर रोग भी चारों ओर प्रसारित हो सकता है साथ ही यह बहुत घातक होता है।

 परिभाषा Definition

कैंसर एक रोग है जिसमें शरीर में किसी अंग की कोशिकाओं में अनियंत्रित एवम तीव्र विभाजन होते हैं एवम इस अंग के कार्य अनियंत्रित हो जाते हैं, यह अनियंत्रित वृद्धि अन्य अंगों तक प्रसारित हो जाती है। जिससे मृत्यु हो जाती है।

           या

कैंसर एक गंभीर रोग है जिसमें बॉडी सेल्ज (body cells) में अनियंत्रित एवं तीव्र  विभाजन होते हैं यह प्रसारित हो सकता है एवं अंततः रोगों की मृत्यु हो जाती है।

             या

 कैंसर एक रोग है जिसमें बॉडी सेल्स body cells अनियंत्रित  एवं तीव्र विभाजन कर नवीन कोशिकाओं का गुच्छा (neoplasia)  बनाती हैं

             या

Cancer or carcinoma is a condition characterised by fast and uncontrolled cell division that form neoplasia.

[08/11, 6:56 pm] Dr. Ranbir Singh Dahiya: सामान्य कोशिका विभाजन

एक कोशिका से 8 कोशिकाएं बढ़ाने में चार दिन लगते हैं साथ ही नवनिर्मित 8 कोशिकाएं समानता माथे कोशिका के समान ही होती हैं

[08/11, 6:57 pm] Dr. Ranbir Singh Dahiya: कैसर में कोशिका  विभाजन

एक कोशिका से 64 कोशिकाएं बनती हैं एवं यह 64 कोशिका भी तुरंत विभाजन कर 128 कोशिकाएं बना रही होती हैं। अर्थात इसमें विभाजन अंतराल नहीं होता है।

 कोशिकाओं के तीव्र  विभाजन से निर्मित नवीन कोशिकाओं का समूह (Neoplasm)  कहलाता है। यह कैंसर रहित या कैंसर युक्त हो सकता है

*यदि Neoplasm कैंसर से मुक्त होता है तो इसे Benign स्थिति कहते हैं

*यदि Neoplasm में कैंसर के गुण होते हैं तो इसे Malignant स्थिति कहते हैं।

 कैसर के सामान्य कारण

Common Etiology

कैंसर का वास्तविक कारण अभी तक पता नहीं है, इस पर  खोज अभी भी चल रही है। केवल कुछ परिस्थितियों से इसका संबंध स्थापित किया गया है। यह परिस्थितियों निम्न प्रकार से हैं:--

* धूम्रपान (Smoking)

*शराब का सेवन (Alcholism)

*विशेष दवाओं का सेवन (Certain Drugs)

*पराबैंगनी किरणों से संपर्क यह वर्तमान में ओजोन परत क्षय के कारण अधिक होता है।

* खदान उत्पादन में पीडकनाशियों एवं रसायनों के अधिकाधिक उपयोग

*DDT

*एल्ड्रीन

 *परमाणु हमले (जैसे जापान में)

* विकिरणों से संपर्क( Radiation Exposure)

 रेडिएशन एक्स्पोज़र

-परमाणु बिजली घर में कार्य करना

-X-ray  से अधिक संपर्क *प्रयोगशाला में

*जैव हथियारों का इस्तेमाल (Use of Bio-weapons) -क्लोरोपिक्रीन

-मस्टर्ड गैस और

-एंथ्रेक्स

* अत्यधिक वायु प्रदूषण

-एयरोसोल

-पार्टिकुलेटेड मैटर

-SO2

-CFC (Chori Fluoro Carbon)

 * जल प्रदूषण (वॉटर पॉल्यूशन)

 जैसे पंजाब में मालवा क्षेत्र में -स्टोन बेल्ट एरिया

यूरेनियम होना

*पारिवारिक इतिहास (फैमिली हिस्ट्री)

* स्व: प्रतिरक्षी विकास(Auto immune disorders)

*अत्यधिक तेलीय  भोजन का सेवन

*गुटखा, तंबाकू का सेवन तंबाकू की

*मोटापा (ओबेसिटी)

 *कुछ प्रजातियां  जैसे काले, सफेद ,यहूदी प्रजातियां *लगातार रगड़ण (Chronic irritation)

 * वायरल  संक्रमण(Viral Infection)

-CMV संक्रमण

-HPV संक्रमण

-Hepatitis

 कैंसर के प्रकार

(टाइप्स ऑफ़ कैंसर)

 कैंसर शरीर के किस ऊतक में होता है इस आधार पर कैंसर के निम्न प्रकार हैं:---

1) करसिनोमा ( Carcinoma)

* यह उपकला उत्तक का कैंसर होता है।

* इसका उपचार तुलनात्मक आसान होता है।

जैसे--

-Oral Cancer

-Cervical Cancer

-Skin Cancer

2) सार्कोमा (Sarcoma)

*यह आंतरिक उत्तक या मृदुतक का  कैंसर होता है।

जैसे:-

-अस्थि कैंसर(Osteoma)

- लसिका कैंसर     

     (Lymphoma)

- पेशी के कैसर (Myoma)

: कैंसर के मरीज पीजीआईएमएस रोहतक

पीजीआईएमएस रोहतक में सन 2001 से 2018 तक कैंसर के मरीजों का विवरण कुछ इस प्रकार रहा---

***साल 2001

ओपीडी में कैंसर के मरीज--9131

दाखिल हुए मरीज-- 3919

मरीजों की मृत्यु---102

***साल 2010

ओपीडी में कैंसर के मरीज--23771

दाखिल हुए मरीज-- 7692

मरीजों की मृत्यु---189

***साल 2015

ओपीडी में कैंसर के मरीज--29384

दाखिल हुए मरीज-- 9613

मरीजों की मृत्यु---177

***साल 2018

ओपीडी में कैंसर के मरीज--22942

दाखिल हुए मरीज-- 8519

मरीजों की मृत्यु---135

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