Sunday, 20 June 2021

 कोविड-19 कोरोना वायरस द्वारा फैलने वाला संक्रमित रोग है। चीन के वुहान शहर में पहला केस दिसम्बर 2019 में पाया गया और उस के तीन महीने के छोटे से समय में इस वायरस ने पूरी दुनिया को अपने शिकंजे में जकड़ लिया है। विश्व स्वास्थ्य संघ ने इसको विश्व स्वास्थ्य आपदा घोषित करते हुए इसके लिए पूरे विश्व को एक जुट हो इसकी रोकथाम व उपचार का मार्ग खोजने को कहा है। इस की भयावक्ता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 19 अप्रैल तक विश्व भर में 23.5 लाख से अधिक लोगो को कोरोना वायरस का सक्रमण हो चुका है व 1 लाख 60 हजार से अधिक लोग मौत का ग्रास बन चुके हैं। चीन, अमेरिका व यूरोप जैसे शक्ति सम्पन्न राष्ट्र इस छोटे से वायरस के आगे घुटने टेकते नजर आ रहे हैं। भारत वर्ष में भी कोरोना वायरस का आतंक जारी है। 16 हजार से अधिक संक्रमित लोगों के साथ-साथ यह 500 से अधिक लोगों के प्राण ले चुका है। इस तरह की अबूझ बीमारी के बारे में आमजन में कई सवाल व भ्रांति होना स्वाभाविक है। यह इस बीमारी से जुडे कुछ आम सवालों को सरल भाषा में हल करने का प्रयास है।

प्रश्नः-1 कोविड बीमारी क्या है व इसके लक्ष्ण क्या है?

उत्तरः- कोविड-19 कोरोना वायरस के संक्रमण से होता है। यह माना गया है कि मनुष्यों में कोरोना का यह रूप चमगादडों से आया है। हालांकि इस पर शोध हो रहा है कि इसका वर्तमान स्वरूप इतना भयावह रूप कैसे ले रहा हैै। संक्रमित होने के पांच दिन के भीतर ही लक्षण दिखाई देने लगते हैं। कोरोना वायरस के अधिकांश संक्रमित लोग बुखार, खांसी तथा गला खराब होने की शिकायत से प्रस्तुत होते हैं। इसके अतिरिक्त कुछ लोग सिरदर्द, शारीरिक पीडा, मुंह से खून आना, सांस फूलना या दस्त की भी शिकायत कर सकते हैं। हालांकि कुछ संक्रमित मरीजों को कोई भी लक्षण नहीं होता।

प्रश्नः-2 क्या यह अन्य वायरल या फ्लू बुखार से भिन्न है ?

उत्तरः- मौसमी जुकाम (कॉमन कोल्ड), फ्लू वायरल, स्वाइन फ्लू व विभिन्न प्रकार के एलर्जी वाले मरीज एक समान लक्षणों से आ सकते है। अतः चिकित्सक की मदद लेकर इन का निदान अति आवश्यक है। कामन कोल्ड व एलर्जी में जहाँ मरीज सिर्फ गला खराब एवं नाक बंद होने की शिकायत ही करते हैं व बुखार उनमें नाम मात्र मरीजों में ही होता है। दूसरी तरफ फ्लू, स्वाइन फ्लू व कोविड के मरीज अधिकांश रूप से बुखार के साथ हस्पताल में आते हैं इन सभी में बाकी सभी लक्षण भी हो सकते हैं। फ्लू या इन्फ्लूजा बुखार मियादी तौर पर हर वर्ष मौसम के साथ आता है। अन्य वायरल या फ्लू बुखार के मरीजों को कोरोना मरीजों से सिर्फ लक्षण के आधार पर अलग करना सम्भव नहीं है। स्वाइन फ्लू भी जानवरों से मानव में आया वायरल बुखार है तथा सांस तंत्र को प्रभावित करता है तथा कोरोना वायरस की तरह जानलेवा हो सकता है। कोरोना व स्वाइन फ्लू के फैलने की दर एवं मृत्यु दर अन्य सभी से बहुत ज्यादा है अतः चिकित्सा परामर्श अति आवश्यक है

प्रश्नः-3 क्या सभी को कोरोना की जांच करवानी चाहिए?

उत्तरः- अभी हमारे देश में गले व नाक से RT PCR टैस्ट किए जा रहे हैं। यह टैस्ट इस बीमारी के लिए सबसे प्रभावी है परन्तु इसके परिणाम आने में एक दिन लगता है। त्ंचपक । Rapid Anti Body Test Kit के अब भारत में उपलब्ध होने से Report का समय आधा घंटा रह जाएगा। इसकी लागत भी कम है अतः अधिक से अधिक लोगों का दायरा बढ़ाया जाएगा। अभी तक सिर्फ उन्हीं लोगों के टैस्ट किए जा रहे है जोकि विदेश यात्रा से आए हो, संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में हो, स्वास्थ्य कर्मी जिसमें कोई लक्षण दिखाई दे या ऐसे लोग जो हस्पताल में बुखार व अन्य लक्षणों के साथ दाखिल हो व चिकित्सक को मरीज को कोरोना बीमारी होने का अंदेशा हो।

प्रश्नः-4 किन-किन लोगो में कोरोना बीमारी का खतरा अधिक है?

उत्तरः- यू तो कोरोना वायरस किसी को भी अपनी चपेट में ले सकता है परंतु अगर किसी को पहले कोई सांस की बीमारी हो, मधुमेह, उच्च रक्त चाप अथवा कैंसर हो तो संक्रमण का खतरा व मृत्यु दर कई गुना बढ़ जाता है। 60 वर्ष से अधिक आयु व छोटे बच्चों में भी संक्रमण दर अधिक है। अतः इन सब का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

प्रश्नः-5 क्या कोरोना वायरस से मौत तय है?

उत्तरः- कोरोना वायरस में मृत्यु दर 4-5 %  तक ही है परन्तु उपर बताए गए लोगों में कोरोना मृत्यु दर अधिक हो जाती है अतः विशेष सावधानी की आवश्यकता है।


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