पी जी आई एम एस रोहतक सूरते हाल
1960 में मैडीकल कालेज रोहतक की एम बी बी एस की 50 सीटों पर दाखिले किये गये और विद्यार्थियों को पटियाला मैडीकल कालेज भेज दिया गया। इसी प्रकार 1961 और 1962 के दाखिले भी उसी प्रकार किये गये और 26 जनवरी 1963 को सभी विद्यार्थियों का स्थानान्तरण रोहतक मैडीकल कालेज में कर दिया गया । 3,4,11 वार्ड में मरीजों की भर्ती शुरु हो चुकी थी और कालेज की बिल्डिंग बन रही थी । 1966 में हरियाणा बना तो पूरे हरियाणा में यह इकलौता मैडीकल कालेज था।
1970 के आंकड़े
अत्याहत विभग में कुल 10247 मरीज आये। ओपीडी की कुल संख्या थी-213019। दाखिल हुए कुल मरीजों की संख्या थी 19984। रोजाना के औसतन दाखिले थे 58।कुल मौतों की संख्या थी 960।जन्मे बच्चों की कुल संख्या थी 455 । साल भर में 14319 आपरेशन किये गये।
1980 के आंकड़े
अत्याहत विभग में कुल 21697 मरीज आये। ओपीडी की कुल संख्या थी-380056। दाखिल हुए कुल मरीजों की संख्या थी 32212। रोजाना के औसतन दाखिले थे 88।कुल मौतों की संख्या थी 1852।जन्मे बच्चों की कुल संख्या थी 1617 । साल भर में 29913 आपरेशन किये गये।
1990 के आंकड़े
अत्याहत विभग में कुल 48581 मरीज आये। ओपीडी की कुल संख्या थी-577861। दाखिल हुए कुल मरीजों की संख्या थी 36161। रोजाना के औसतन दाखिले थे 100 । कुल मौतों की संख्या थी 2695 ।जन्मे बच्चों की कुल संख्या थी 3129 । साल भर में 61288 आपरेशन किये गये।
2000 के आंकड़े
अत्याहत विभाग में कुल 84304 मरीज आये। ओपीडी की कुल संख्या थी-903723। दाखिल हुए कुल मरीजों की संख्या थी 57456। रोजाना के औसतन दाखिले थे 157 । कुल मौतों की संख्या थी 3913 ।जन्मे बच्चों की कुल संख्या थी 5593 । साल भर में 89101 आपरेशन किये गये।
2010 के आंकड़े
अत्याहत विभाग में कुल 225158 मरीज आये। ओपीडी की कुल संख्या थी-1536201। दाखिल हुए कुल मरीजों की संख्या थी 96048। रोजाना के औसतन दाखिले थे 263 । कुल मौतों की संख्या थी 6752 ।जन्मे बच्चों की कुल संख्या थी 9381 । साल भर में 158405 आपरेशन किये गये।
2015 के आंकड़ै
अत्याहत विभाग में कुल 324621 मरीज आये। ओपीडी की कुल संख्या थी-1997882। दाखिल हुए कुल मरीजों की संख्या थी 107383। रोजाना के औसतन दाखिले थे 294 । कुल मौतों की संख्या थी 8402 ।जन्मे बच्चों की कुल संख्या थी 9683 । साल भर में 195355 आपरेशन किये गये।
पी जी आई एम एस में कुछ विभागों में कायैरत डाक्टरों पर एक नजर
1 एनेस्थिीजया मतलब बेहोशी विभाग
सीनियर रैंजीडैंट स्वीकृत 56 भरी 07 खाली 49
फैकल्टी मतलब टीचर स्वीकृत 54 भरी 16 खाली 38
2 जनरल सर्जरी
सीनियर रैंजीडैंट स्वीकृत 30 भरी 08 खाली 22
फैकल्टी मतलब टीचर स्वीकृत 19 भरी 13 खाली 06
3 स्त्री रोग विभाग
सीनियर रैंजीडैंट स्वीकृत 19 भरी 12 खाली 07
फैकल्टी मतलब टीचर स्वीकृत 27 भरी 14 खाली 13
4 बर्न एण्ड प्लास्टिक सर्जरी
सीनियर रैंजीडैंट स्वीकृत 04 भरी 1 खाली 03
फैकल्टी मतलब टीचर स्वीकृत 07 भरी 02 खाली 05
कुल मिलाकर फैकल्टी की स्वीकृत पोस्ट 365 के लगभग हैं जिनमें से 148 के लगभग खाली पड़ी हैं।
रेडियोडायग्नोसिस विभाग
सीनियर रैंजीडैंट स्वीकृत 13 भरी 05 खाली 08
फैकल्टी मतलब टीचर स्वीकृत 11 भरी 04 खाली 07
इसी प्रकार सीनियर प्रोफैसरों की 74 के लगभग स्वीकृत पोस्टें हैं जिनमें से 13 के लगभग खाली हैं।
इसी प्रकार नर्सिज की हालत है
नर्सिंग कौंसिल के हिसाब से जितनी पोस्ट चाहिये वे हैं 3010 के लगभग मगर स्वीकृत हैं 915 के लगभग और इनमें से कितनी खाली हैं इसका पता नहीं मगर अन्दाजा लगाया जा सकता है।
1960 में मैडीकल कालेज रोहतक की एम बी बी एस की 50 सीटों पर दाखिले किये गये और विद्यार्थियों को पटियाला मैडीकल कालेज भेज दिया गया। इसी प्रकार 1961 और 1962 के दाखिले भी उसी प्रकार किये गये और 26 जनवरी 1963 को सभी विद्यार्थियों का स्थानान्तरण रोहतक मैडीकल कालेज में कर दिया गया । 3,4,11 वार्ड में मरीजों की भर्ती शुरु हो चुकी थी और कालेज की बिल्डिंग बन रही थी । 1966 में हरियाणा बना तो पूरे हरियाणा में यह इकलौता मैडीकल कालेज था।
1970 के आंकड़े
अत्याहत विभग में कुल 10247 मरीज आये। ओपीडी की कुल संख्या थी-213019। दाखिल हुए कुल मरीजों की संख्या थी 19984। रोजाना के औसतन दाखिले थे 58।कुल मौतों की संख्या थी 960।जन्मे बच्चों की कुल संख्या थी 455 । साल भर में 14319 आपरेशन किये गये।
1980 के आंकड़े
अत्याहत विभग में कुल 21697 मरीज आये। ओपीडी की कुल संख्या थी-380056। दाखिल हुए कुल मरीजों की संख्या थी 32212। रोजाना के औसतन दाखिले थे 88।कुल मौतों की संख्या थी 1852।जन्मे बच्चों की कुल संख्या थी 1617 । साल भर में 29913 आपरेशन किये गये।
1990 के आंकड़े
अत्याहत विभग में कुल 48581 मरीज आये। ओपीडी की कुल संख्या थी-577861। दाखिल हुए कुल मरीजों की संख्या थी 36161। रोजाना के औसतन दाखिले थे 100 । कुल मौतों की संख्या थी 2695 ।जन्मे बच्चों की कुल संख्या थी 3129 । साल भर में 61288 आपरेशन किये गये।
2000 के आंकड़े
अत्याहत विभाग में कुल 84304 मरीज आये। ओपीडी की कुल संख्या थी-903723। दाखिल हुए कुल मरीजों की संख्या थी 57456। रोजाना के औसतन दाखिले थे 157 । कुल मौतों की संख्या थी 3913 ।जन्मे बच्चों की कुल संख्या थी 5593 । साल भर में 89101 आपरेशन किये गये।
2010 के आंकड़े
अत्याहत विभाग में कुल 225158 मरीज आये। ओपीडी की कुल संख्या थी-1536201। दाखिल हुए कुल मरीजों की संख्या थी 96048। रोजाना के औसतन दाखिले थे 263 । कुल मौतों की संख्या थी 6752 ।जन्मे बच्चों की कुल संख्या थी 9381 । साल भर में 158405 आपरेशन किये गये।
2015 के आंकड़ै
अत्याहत विभाग में कुल 324621 मरीज आये। ओपीडी की कुल संख्या थी-1997882। दाखिल हुए कुल मरीजों की संख्या थी 107383। रोजाना के औसतन दाखिले थे 294 । कुल मौतों की संख्या थी 8402 ।जन्मे बच्चों की कुल संख्या थी 9683 । साल भर में 195355 आपरेशन किये गये।
पी जी आई एम एस में कुछ विभागों में कायैरत डाक्टरों पर एक नजर
1 एनेस्थिीजया मतलब बेहोशी विभाग
सीनियर रैंजीडैंट स्वीकृत 56 भरी 07 खाली 49
फैकल्टी मतलब टीचर स्वीकृत 54 भरी 16 खाली 38
2 जनरल सर्जरी
सीनियर रैंजीडैंट स्वीकृत 30 भरी 08 खाली 22
फैकल्टी मतलब टीचर स्वीकृत 19 भरी 13 खाली 06
3 स्त्री रोग विभाग
सीनियर रैंजीडैंट स्वीकृत 19 भरी 12 खाली 07
फैकल्टी मतलब टीचर स्वीकृत 27 भरी 14 खाली 13
4 बर्न एण्ड प्लास्टिक सर्जरी
सीनियर रैंजीडैंट स्वीकृत 04 भरी 1 खाली 03
फैकल्टी मतलब टीचर स्वीकृत 07 भरी 02 खाली 05
कुल मिलाकर फैकल्टी की स्वीकृत पोस्ट 365 के लगभग हैं जिनमें से 148 के लगभग खाली पड़ी हैं।
रेडियोडायग्नोसिस विभाग
सीनियर रैंजीडैंट स्वीकृत 13 भरी 05 खाली 08
फैकल्टी मतलब टीचर स्वीकृत 11 भरी 04 खाली 07
इसी प्रकार सीनियर प्रोफैसरों की 74 के लगभग स्वीकृत पोस्टें हैं जिनमें से 13 के लगभग खाली हैं।
इसी प्रकार नर्सिज की हालत है
नर्सिंग कौंसिल के हिसाब से जितनी पोस्ट चाहिये वे हैं 3010 के लगभग मगर स्वीकृत हैं 915 के लगभग और इनमें से कितनी खाली हैं इसका पता नहीं मगर अन्दाजा लगाया जा सकता है।
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