**पीजीआईएमएस रोहतक पर कमलू -रमलू की चर्चा**
कमलू-- पीजीआईएमएस रोहतक में तो हरियाणा के सबसे ज्यादा बच्चे एमबीबीएस की क्लास में पढ़ते हैं आजकल।रमलू-- कितने ?
कमलू--250 फर्स्ट ईयर में।
रमलू--250??
कमलू--हां।
रमलू-- मैने जब एमबीबीएस की तो 100 सीट थी। और उसी के हिसाब से लेक्चर थिएटर 1, 2, थे।
कमलू-- उसके बाद तो एम एस आफिस के बाद लेक्चर थिएटर बना और कुछ साल पहले एनाटोमी विभाग के बगल में दो लेक्चर थिएटर बने हैं।
रमलू-- इनमें किसी में भी 250 बच्चे बैठने की कैपेसिटी है क्या कमलू।
कमलू-- मेरी जानकारी में तो बस एम एस आफिस के साथ वाले में हो सकती है। मुश्किल से। बाकी में नहीं ।
रमलू-- क्या सीट बढ़ाने से पहले इनके बैठने के लिए क्लास रूम या लेक्चर थिएटर नहीं बनाने चाहिए थे।
कमलू -- एक तो बनाना ही चाहिए था।
रमलू- एक नहीं कम से कम 4 या 5।
कमलू--क्यों ?
रमलू-- साढ़े चार साल का कोर्स नहीं है क्या एमबीबीएस का?
कमलू-- है तो।
रमलू-- तो कम से कम 4 तो चाहियें ही।
कमलू-- बात तो सही है।
रमलू-- एक बात और है।
कमलू-- क्या?
रमलू-- 100 को पढ़ाने वाले जितने अध्यापक चाहियें उससे डेढ़ गुना और अध्यापक भर्ती किये क्या?
कमलू -- उसकी क्या जरूरत है?
रमलू-- 250 को पढ़ाना है या खिलाना है?
कमलू-- बात तो रमलू आप की सही है पर हम क्या कर सकते हैं?
रमलू-- सोचो , क्या किया जा सकता है?
भावी डॉक्टर की क्वालिटी तो बढ़िया होनी ही चाहिए। कि नहीं? और ये तो दो ही पहलू हैं । अच्छा डॉक्टर बनने के और भी कई पहलू हैं,
10 लाख एक साल की फीस आदि, इनपर फिर कभी सही।
कमलू--बात तो सौलह आने ठीक है।
रमलू-- तो चल डायरेक्टर और वाईस चांसलर से मिलकर आते हैं।
कमलू-- हम दो लोगों की कौन सुनेगा?
रमलू--तो फेर तेरे बालकां का हो लिया बढ़िया इलाज!!!
रणबीर 1967 बैच का एक डॉक्टर
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