यह घटना बस्ती जिले में घटित हुयी थी इसे संस्था के तरफ से सोसल मिडिया पर जिन शब्दों में शेयर किया गया था उसे यथा स्थिति आप को प्रेषित किया जा रहा है
घटना विवरण 3 दिसंबर 2016
मेडिकल सेण्टर ने नकद पैसे न होने से दवा देने से किया इनकार जिससे इलाज में देरी की वजह से नवजात की हुयी मौत I जब की परिजन डेबिट कार्ड व इंटरनेट बैंकिंग से पेमेंट करने को थे तैयारI लेकिन मेडिकल के लोग नकद रूपये लेनें को अड़े रहे I बस्ती जिले में एक प्रतिष्ठित चाइल्ड स्पेशलिस्ट के मेडिकल सेण्टर की असवेंदनशीलता के चलते जिस तरह एक नवाजत की जान चली गयी उससे डाक्टरी पेशे और रूपये को लेकर लिए निर्णय से उपजे हालात पर सवाल तो खड़े कर ही दिए है I मामला बस्ती जिले में मालवीय रोड पर स्थित चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ एस पी चौधरी के कर्मचारियों के असंवेदन शीलता से जुड़ा है सिद्धार्थनगर जिले के के त्रिलोकपुर थाना अंतर्गत गनवारिय खुर्द गाँव के निवासी अशोक मिश्रा की पत्नी पूजा को 29 नवम्बर की रात में बच्चा पैदा हुआ तो घर वालों के ख़ुशी का ठिकाना न रहा लेकिन 2 दिन बाद बच्चे की तबियत अचानक बिगड़ गयी और यहाँ के डाक्टरों ने उस बच्चे को चाइल्ड स्पेशलिट डॉ एस पी चौधरी को दिखाने की सलाह दीI जब परिजनों ने डॉ एस पी चौधरी को बच्चे को दिखाया तो उन्होंने कुछ दवाएं लिख दी और वह बाहर निकल गए जब परिजन उन्ही के मेडिकल स्टोर पर दवा लेने गए तो मेडिकल स्टोर वाले ने दवा के कुल 1100 रूपये का बिल बनाया और उसके लिए नकद पैसे की मांग की इस पर अशोक मिश्र ने मेडिकल वाले से नेट बैंकिंग, डेबिट कार्ड ,paytm के जरिये भुगतान करने की बात कही लेकिन मेडिकल स्टोर संचालक किसी भी हालत में खाते में पैसा लेने को तैयार नहीं था उसने कहा की नकद पैसा लेकर आओ तभी दवा मिलेगी परिजन लाख दुहाई देते रहे लेकिन मेडिकल संचालक नहीं माने थक हार कर नवजात के पिता ए टी एम् से पैसा निकालने के लिए लाइन में लगे तब तक परिजनों ने कहा की जब तक नकद पैसा नहीं आ जाता तब तक मेरे परिवार का कोई सदस्य आप के मेडिकल स्टोर पर बैठ जाता है लेकिन दवा दे दीजिये जिससे बच्चे का इलाज शुरु किया जा सके I इस बात पर भी मेडिकल संचालक नहीं माना इसके बाद परिजन हार मान कर दुसरे मेडिकल स्टोर पर दवा लेने गए वहां पर यह कहा गया की यह दवाएं सिर्फ उसी डाक्टर की दूकान पर मिलेंगी I थक हार कर परिवार के लोग पैसे की व्यवस्था में लगे रहे और जब जब पैसे की व्यवस्था हुयी और ये लोग दवा लेने पहुंचे तो मेडिकल संचालक अपनी दूकान बंद करके जा चुके थे ऐसे में दवा न मिलने से इलाज में देरी होने की वजह से नवजात की मौत हो गयी I इस घटना के बाद परिजनों ने भारी आक्रोश देखने को मिला जिसको लेकर परिजनों ने बस्ती कोतवाली में तहरीर भी दी है लेकिन अभी तक दोषियों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हो पायी है I अब सवाल यहाँ यह उठता है की की आज भी लोग अपनी कमाई को छुपाने की कोशिश कर रहें है इस लिए लोग अपने बैंक खातों में पैसे जमा करने से पीछे हट रहें है उन्हें लग रहा है की बैंक में पैसे जमा करने से सरकार को कमाई पता चल जायेगी ऐसे में चाहे कीसी की जान चली जाये पैसे के लिए ये मानवता को भी तार तार करने से पीछे नहीं हटाने वाले है डाक्टरों के कमीशन के चक्कर में ऐसी दवाएं लिखी जा रही है जो सिर्फ उन्ही की दूकान पर मिलती है अब तो जनपद के ज्यादा तर डाक्टरों ने अपने अस्पताल के अन्दर ही अल्ट्रासाउंड, पैथालोजी,एक्सरे , आदि के साथ चाय तक की दूकान खुलवा र है जिससे उनके वहां इलाज के लिए आने वाले लोगों का कोई भी पैसा बाहर न जाए Iरिपोर्ट- बृहस्पति कुमार पाण्डेय ( सचिव ) युवा विकास समिति
प्रवेश - 9235888222धन्यवाद !!हेल्थवॉच फोरम की ओर से
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