Sunday, 7 July 2019

पीलिया ( Infective Hepatitis):-

पीलिया ( Infective Hepatitis):-
1 कारण एक वायरल इन्फ़ेक्शन।
2. मुख्य रूप से चार प्रकार A,B,C,E
3. B एवम C खून या खून के अंश से शरीर में प्रवेश करते हैं।
4. A एवम E खाना या पानी से शरीर में प्रवेश करते हैं ।
पीलिया में सबसे पहले मरीज को थोड़ा बुखार होगा, भूख लगनी कम हो जाएगी। उल्टी आएगी और उसके बाद पेशाब पीला हो जाएगा और आंखों में एवम शरीर में पीलापन आने लगेगा । बीमारी के लिए कोई दवाई नहीं है। बीमारी का अपना समय आमतौर पर एक माह से तीन माह तक है।इस दौरान मरीज की खुराक पानी एवम लवणों की कमी होने को रोकना है। ऐसी खुराक दी जाती है जिसमें वसा बहुत ही कम हो, प्रोटीन ऐसे हों जो उचित श्रेणी के हों और कार्बोहाईड्रेट की मात्रा अधिक हो । जैसे कि- फल ,सीत, उबले चावल, आलू, फलों का जूस इत्यादि। दूध भी मलाई उतरा हुआ ले सकते हैं ।यदि मरीज मूंह से अपनी खुराक पूरी नहीं कर पा रहा तो गुलुकोस चढ़ाना अनिवार्य हो जाता है ।किसी भी प्रकार के जोहड़ में नहाने का कोई फायदा नहीं है।
B एवम C प्रकार का पीलिया कई बार लम्बे समय के लिए शरीर में ग्रस्त कर जाता है। जो आगे जाकर हानिकारक सिद्ध हो सकता है, लेकिन विशेषज्ञ द्वारा इसका इलाज संभव है।
शिक्षा:-
पीलिया होने की स्थिति में पीलिया के प्रकार को जाना जाए। A एवम E में मरीज की खुराक और पानी का खास ख्याल रखा जाए।कभी कभी पीलिया व्यक्ति के दिमाग को भी प्रभावित कर देता है । यहां तक कि व्यक्ति बेहोश हो जाये , और उसकी जान जोखिम में पड़ सकती है।इसलिए नियमित रूप से डॉक्टर को दिखाना जरूरी है।
जन स्वास्थ्य अभियान हरियाणा ।

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