हैपेटाइटिस-ए आमतौर पर मल-मूत्र से दूषित हुए पानी व दूसरे खाद्य पदार्थो के सेवन से फैलता है । हैपेटाइटिस-ए का कोई इलाज नहीं है। परन्तु संक्रमण आमतौर पर अपने आप ही साफ़ हो जाता है और शरीर इस विषाणु (वायरस) से प्रतिरक्षित (इम्यून) हो जाता है।
हैपेटाइटिस-बी आमतौर पर संक्रमित व्यक्ति के रक्त, वीर्य अथवा योनि स्त्राव के किसी अन्य स्वस्थ व्यक्ति के रक्त के सम्पर्क मे आने से फैल सकता है । उदाहरण के लिए यह विषाणु (वायरस) असुरक्षित यौन संबंध के समय एक से दूसरे को तथा प्रसव के समय मां से बच्चे को संक्रमित कर सकता है। यह प्रमुख व्यापक बिमारियों में से एक है और बडी असानी से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को फैलती है।
हैपेटाइटिस-बी से ग्रसित ज्यादातर लोगों में विषाणु (वायरस) अपने आप ही ख़त्म हो जाता है और उनका शरीर इस विषाणु (वायरस) से प्रतिरक्षित हो जाता है। कुछ एक लोगों में यह संक्रमण स्थायी (क्रोनिक) रुप से भी रह सकता है। इलाज से विषाणु (वायरस) के प्रभाव को क्षीण कर सम्भाला जा सकता है। किन्तु उसे पूरी तरह से समाप्त नहीं किया जा सकता।
कनाडा में हैपेटाइटिस-ए और बी से सुरक्षा के लिए वैक्सिन (टीका) व्यापक रूप से उपलब्ध हैं। आप अपने डॉक्टर या स्वास्थ्यकर्ता से वैक्सिन (टीका) टीके लगवाने के लिए परामर्श कर सकते हैं। ओंटारियो में बहुत से लोग इस वैक्सिन (टीका) को निःशुल्क प्राप्त कर सकते हैं
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