कनाडा में बसे अप्रवासियों के लिए हैपेटाइटिस-सी के विषय में जानकारी इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?
हैपेटाइटस-सी कनाडा की आम जनता की अपेक्षा अप्रवासी लोगों मे अधिक पाया गया है। कनाडा में, हैपेटाइटिस-सी के लगभग 20% मामले अप्रवासी समुदाय में ही पाए गये है।
हो सकता है कि आप स्वयँ भी इस विषाणु से संक्रमित हों और आपको पता भी न हो। क्योंकि:
- केवल कुछ ही लोगों को हैपेटाइटिस-सी के संक्रमण से सम्बन्धित खतरों के विषय में जानकारी है। पूरे विशव के लगभग 40% हैपेटाइटिस-सी के मामले असुरक्षित चिकित्सा पद्धतियों का परिणाम हैं, उदाहरण के लिए चिकित्सा के समय संक्रमित रक्त का आदान-प्रदान तथा मादक पदार्थों के सेवन के समय प्रयोग में लाइ गई सुइयों व अन्य उपकरणों की साझेदारी भी इसमें शामिल हैं।
- कनाडा में प्रविष्ट हो रहे अप्रवासियों की हैपेटाइटिस के लिए रक्त की जाँच आवश्यक नहीं है। यद्यपि अप्रवासियों की नियमित तौर पर उपदंश (स्फिलीस), एचआईवी और टीबी (क्षय रोग) के लिए जाँच अवश्य की जाती है, किन्तु हैपेटाइटिस-ए, बी और सी के लिए नहीं।
- अक्सर हैपेटाइटिस-सी के रोगियों में रोग के लक्षण प्रदर्शित नहीं होते। अधिकांश रोगियों को रोग के किसी भी लक्षण का अनुभव नहीं होता। यहाँ तक कि उन्हें तब तक नहीं पता चलता जब तक कि उनका यकृत (जिगर) क्षतिग्रस्त ना हो जाये या कैंसर (क़र्क रोग) में परिवर्तित न हो जाए।
- अप्रवासियों को स्वास्थ्य सेवाएं और परीक्षण सुविधाएं प्राप्त करने के लिए कई बाधाओं कासामना करना पड़ता है। ओंटारियो मे आए नए अप्रवासियों को लगभग तीन महीने तक अपने ओंटारियो स्वास्थ्य बीमा योजना (Ontario Health Insurance Plan, OHIP) के लिए इंतजार करना पड़ता है। इसके अतिरिक्त कनाडा में अप्रवासी स्वास्थ्य सेवाओं का कम ही उपयोग करते हैं तथा आमतौर पर उपलब्ध सेवाओं और जानकारी को प्राप्त करने लिए उन्हें कई सांस्कृतिक और भाषायी बाधाओं का सामना करना पडता है।
- कनाडा में आए नए लोगों के लिए अक्सर स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना कठिन हो जाता है।इस नये जीवन की शुरुवात के संर्घष में कब अन्य चीजें स्वास्थ्य से अधिक प्राथमिक हो जातीं हैं, पता ही नहीं चलता । इन सभी के चलते तथा इससे पैदा हुए मानसिक तनाव का व्यक्ति के आहार और स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ सकता है तथा कोई भी व्यक्ति मादक पदार्थ का सेवन शुरू कर सकता है। एक पारिवारिक चिकित्सक ढूंढने में ही कई साल लग सकते हैं और बहुत से लोग तो केवल आपात् काल में ही स्वास्थ्य सेवाओं का उपयोग करते हैं।
रोग की जाँच तथा शीघ्रता से उसका निदान करवा लेने से स्वास्थ्य बेहतर रहता है तथा मन में शांति बनीरहती है।
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