Friday, 27 February 2015

बचने के नुस्ख़े

‘हेपेटाइटिस सी’ से बचने के नुस्ख़े

हेपेटाइटिस सी से दुनिया भर में हर वर्ष क़रीब 13 करोड़ लोग बीमार होते हैं और उनमें से लगभग पाँच लाख लोगों की तो ये विषाणु जान ही ले लेता है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने हेपेटाइटिस सी के संक्रमण की जाँच-पड़ताल, सावधानी और इलाज के लिए पहली बार नुस्ख़े यानी दिशा-निर्देश जारी किए हैं.
ये विषाणु जिगर पर असर डालता है और गम्भीर अवस्था में व्यक्ति की मौत भी हो जाती है.
ऐसी उम्मीद की जा रही है कि इन दिशा-निर्देशों की बदौलत दुनिया भर में हेपेटाइटिस सी विषाणु के संक्रमण से बचने और इसके इलाज के लिए एक मानक व्यवस्था और प्रक्रिया विकसित की जा सकेगी जिससे बहुत से मरीजों की जान बचाई जा सकेगी.
विश्व स्वास्थ्य संगठन में विश्व हेपेटाइटिस कार्यक्रम के टीम लीडर डॉक्टर स्टीफ़न विक्टॉर का कहना था, “सावधानी के बारे में अगर हम बात करें तो हम जानते हैं कि हेपेटाइटिस सी का संक्रमण दशकों तक छुपा रह सकता है यानी हेपेटाइटिस सी का इलाज करने की ज़रूरत पड़ने में दसियों साल का समय लग सकता है.”
“इस दौरान संक्रमित व्यक्ति ऐसे उपाय कर सकता है जिसमें लिवर यानी जिगर को नुक़सान पहुँचने से रोका जा सके. इन उपायों में शराब पीना या तो बिल्कुल बन्द कर दिया जाए या फिर उसकी मात्रा कम कर दी जाए.”
उन्होंने कहा कि इलाज के बारे में हम ये ठोस सिफ़ारिश करना चाहेंगे कि जो भी व्यक्ति सुइयों के ज़रिए दवाइयाँ लेते हैं, उनकी जाँच-पड़ताल हेपेटाईटिस सी संक्रमण के लिए होनी चाहिए.
“इस बारे में भी सिफ़ारिशें पेश की गई हैं कि हेपेटाईटिस सी के इलाज के लिए जो मौजूदा दवाइयाँ पहले से मंज़ूर की हुई हैं, उनका इस्तेमाल किस तरह असरदार तरीक़े से किया जाए.”
संगठन का कहना है कि हेपेटाइटिस सी के बारे में ये दिशा निर्देश ऐसे समय में दिए जा रहे हैं जब ऐसी असरदार दवाइयाँ भी मुहैया कराई जा रही हैं जिन्हें मुँह के ज़रिए लिया जा सकता है.
साथ ही ये वादा भी किया जा रहा है कि आने वाले चन्द वर्षों के दौरान और नई दवाइयाँ भी मुहैया कराई जाएंगी.
रिपोर्ट प्रस्तुति – महबूब ख़ान

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