सामान्य भ्रांतियां एवं बेबुनियाद डर
1. यह बीमारी संक्रमित देशों से आई वस्तुओं से नहीं फैलती है। क्योंकि अगर उनकी सतह पर वायरस होगा भी तो अपने लम्बे सफर के दौरान यह वायरस खत्म हो चुका होगा।
2. यह बीमारी पके हुए भोजन के माध्यम से नहीं फैलती है जैसा कि सार्स एवं मिडिल ईस्ट सार्स के समय के अनुभव हमें बताते हैं। मंडी से ले सब्जियों और फलों को अच्छी तरह धोकर इस्तेमाल करें |
3. यह बीमारी अंडे या चिकन के खाने से नहीं फैलती। परन्तु फिर भी अच्छी तरह से पके हुए मीट एवं अण्डों का ही इस्तेमाल करे।
4. अदरक, हल्दी, लहसून स्वस्थ भोजन हैं, क्योंकि इनका लम्बे समय तक सेवन शरीर की प्रतिरक्षा क्षमता को बढ़ाता है। परन्तु इनके खाने से इस वायरस के प्रकोप से फौरी तौर पर बचाव के कोई भी सबूत मौजूद नहीं हैं और न ही शराब के सेवन से ही इस वायरस से कोई बचाव हो सकता है।
5. एंटी-बायोटिक दवाओं के सेवन से इसकी रोकथाम नहीं होती है क्योंकि यह दवाएं बैक्टीरिया के खात्में के लिए बनी हैं न कि वायरस के। अभी तक इसके इलाज की कोई दवाई नहीं बनी है।
6. दुनियाभर में इस पर शोध चल रहा है और अनुमान है कि अगले 5 से छह माह में इसकी दवाई बाजार में आ जाएगी। इस बीमारी की वैक्सीन के बनने में एक साल तक का समय लग सकता है।
7. यह भी कहा जा रहा है कि भारत की गर्मी में यह अपने आप ठीक हो जाएगा परंतु गर्मी से इस वायरस के रोकथाम का कोई पुख्ता सबूत अभी तक नहीं है।
8. मच्छरों के काटने से भी यह बीमारी नहीं फैलती है क्योंकि यह सांस संबंधी बीमारी है और यह खांसी एवं छींक से बाहर निकली तरल बूंदों से ही फैलती है।
9. यह वायरस मृत शरीर से कभी भी नहीं फैलता है और न ही यह पालतु जानवरों से फैलता है।
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