ज़हरीली धुंध के कारण नागरिकों को मरने के लिए नहीं छोड़ सकतीं केंद्र और राज्य सरकारें: एनएचआरसी
केजरीवाल ने कहा, राजनीति को दरकिनार कर प्रदूषण का स्थायी समाधान मिलकर तलाशें केंद्र और पंजाब, हरियाणा एवं दिल्ली की सरकारें.
पर्यावरण मंत्रालय ने गठित की उच्चस्तरीय समिति
पर्यावरण मंत्रालय ने दिल्ली और उसके आसपास प्रदूषण ख़तरनाक स्तर पर पहुंचने के मद्देनज़र वायु प्रदूषण के समाधान का सुझाव देने और इसकी निगरानी के लिए एक उच्चस्तरीय समिति गठित की है.
मंत्रालय ने प्रभावित राज्य सरकारों से प्रदूषण से निपटने के लिये ग्रेडेड रिसपॉन्स क्शन प्लान (जीआरएपी) को भी लागू करने को कहा है.
एक आधिकारिक वक्तव्य में कहा गया कि इस योजना में सड़कों और निर्माण से जुड़े धूल, कचरा जलाने, बिजली संयंत्र और औद्योगिक उत्सर्जन और वाहनों की आवाजाही पर नियंत्रण शामिल है.
पर्यावरण सचिव की अध्यक्षता वाली सात सदस्यीय समिति अल्पकालिक और दीर्घकालिक क़दमों पर गौर करेगी. योजना तैयार करने और विभिन्न उपायों को लागू करने के लिए नियमित अंतराल पर इसकी बैठक होगी.
यह फैसला पर्यावरण सचिव सीके मिश्रा के केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और उच्चतम न्यायालय के आदेश पर बने पर्यावरण प्रदूषण रोकथाम एवं नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) के अधिकारियों के साथ बैठक करने के बाद किया गया. यह बैठक हालात का आकलन करने और भावी कार्रवाई की योजना बनाने के लिए आयोजित की गई थी.
वक्तव्य में कहा गया कि समिति के अन्य सदस्यों में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सचिव, नीति आयोग के अतिरिक्त सचिव, दिल्ली के मुख्य सचिव, सीपीसीबी अध्यक्ष और विधि सेंटर फॉर लीगल पॉलिसी के एक प्रतिनिधि शामिल हैं.
वक्तव्य में कहा गया कि यह भी फैसला किया गया कि अन्य निर्देशों के अलावा ईंट भट्ठों, हॉट मिक्स संयंत्रों और पत्थर के टुकड़े करने के काम को बंद किए जाने का सख्ती से पालन शामिल है. साथ ही सार्वजनिक परिवहन के फेरे बढ़ाने और सड़कों पर पानी का छिड़काव और मशीन से उसकी सफाई भी किया जाना शामिल है.
वक्तव्य में कहा गया कि निर्माण, पेट कोक और फर्नेस ऑयल के इस्तेमाल पर प्रतिबंध को सुनिश्चित करना है. इसके लिए संबंधित कार्यान्वयन करने वाली एजेंसियों को जवाबदेह बनाया जाएगा. वक्तव्य में कहा गया, सीपीसीबी से हालात की लगातार निगरानी करने को कहा गया है.
दिल्ली में प्रदूषण के पिछले कुछ दिनों में ख़तरनाक स्तर पर पहुंचने के मद्देनज़र सरकार ने रविवार तक स्कूलों को बंद करने, निर्माण गतिविधियों को रोकने और शहर में ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध की घोषणा की थी.
वक्तव्य में कहा गया कि बैठक में यह भी फैसला किया गया कि मंत्रालय, सीपीसीबी और ईपीसीए द्वारा जारी निर्देशों का सभी संबंधित एजेंसियां कार्यान्वयन सुनिश्चित करें और हालात का आकलन करने के लिए नियमित रूप से हॉटस्पॉट का दौरा करें.
(समाचार एजेंसी भाषा से सहयोग के साथ)
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