पर्यावरण स्वास्थ्य का एक प्रमुख निर्धारक
भारत के 20 राज्यों के लगभग 6 करोड लोग फ्लोराइड सॉल्यूशन के कारण दांत फ्लोरोसिस कंकाली प्रक्रिया जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित है घुटनों के लड़ने और उनके मरने के कारण विकलांगता के साथ-साथ आर्थिक कठिनाइयां जैसी स्थितियां उत्पन्न होती हैं पेयजल में प्रोवाइड की मात्रा की अधिकता से अस्थि विकास के लिए जरूरी कैल्शियम का अवशोषण बंद हो जाता है और इसी कारण अस्थि में विरुद्ध उत्पन्न हो जाती है
प्राय रोग की उत्पत्ति पर्यावरण, रोगजनक कारक और होस्ट( परपोषी) से जुड़े कारकों की पार्श्विक क्रियाओ के परिणाम स्वरुप होती हैं । पर्यावरण को व्यक्ति के परिवार के भौतिक, रासायनिक और जैविक कारकों के साथ-साथ सभी संबद्ध व्यवहारों के रूप में परिभाषित किया जा सकता है। पर्यावरण में उपस्थित इन कारकों के प्रभाव से मानव स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ता है। चूंकि, इनमें से अधिकांश कारक मानव निर्मित हैं , अतः पर्यावरण को बचाना न केवल मानव हित में है बल्कि स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से भी एक उत्तम निवेश है। इस आलेख में पर्यावरण से जुड़े सामान्य खतरे वाले कारकों का वर्णन है जो मानव स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं।
पर्यावरण: स्वास्थ्य का एक प्रमुख निर्धारक
प्रत्येक वर्ष 1.3 करोड़ मौतें या दुनिया में होने वाली एक चौथाई मौतें पर्यावरणी कारणों से होती हैं जिनमें मुख्यतया पानी, स्वच्छता एवं हाइजीन; घरेलू एवं बाहरी प्रदूषण पेस्टीसाइड्स जैसे रसायनों का हानिकारक प्रयोग और जलवायु परिवर्तन जैसी स्थितियां सम्मिलित हैं। ये सभी ऐसे खतरे हैं जिन्हें रोका सा सकता है । विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार 80 प्रतिशत से अधिक रोगों में इनकी कुछ न कुछ भूमिका रही है। विशेषतया निर्धन परिवार के बच्चे इन रोगों के कारण रोगों और मौतों के प्रति अत्यंत संवेदनशील होते हैं। हालांकि , सरल और सस्ते उपाय उपलब्ध हैं , जिन्हें यदि शुरुआत में ही और प्रभावी ढंग से लागू किया जाए तो इनमें से अधिकांश मौतें रोकी जा सकती हैं।
पर्यावरणीय प्रदूषण से होने वाली मौतों के बारे में कुछ और बातें:
पर्यावरणीय प्रदूषण से होने वाली मौतों में वायु प्रदूषण का योगदान सबसे ज़्यादा है.
वायु प्रदूषण से होने वाली ज़्यादातर मौतें निम्न और मध्यम आय वाले देशों में होती हैं.
वायु प्रदूषण से होने वाली मौतों में दिल का दौरा, स्ट्रोक, और फेफड़ों से जुड़ी बीमारियां शामिल हैं.
पर्यावरणीय प्रदूषण से होने वाली मौतों में घरेलू वायु प्रदूषण का भी योगदान है.
पर्यावरणीय प्रदूषण से होने वाली मौतों में पेड़ों की कटाई, दूषित पानी, और गैसों का उत्सर्जन भी शामिल है.
पर्यावरणीय प्रदूषण को कम करने के लिए ये कदम उठाए जा सकते हैं: अपशिष्ट कम करना, कम मांस खाना, ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन कम करना, कीटनाशकों के इस्तेमाल में कमी लाना.
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