छोटी आयु में विवाह के प्रभाव :
Effects of early marriage:
छोटी आयु में ही विवाह हो जाने के कारण बहुत सी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है,जोकि
निम्नानुसार हैं:
1 . छोटी आयु में विवाह हो जाने से लड़कों और लड़कियों को मानसिक और भावनात्मक समस्याओं का सामना करना पड़ता है , जैसे कि ब्लॉत शारीरिक संबंध बनाना, स्वतंत्रता पर रोक आदि के कारण उनकी मानसिक स्थिति अत्यधिक प्रभावित होती है।
2 . शीघ्र विवाह हो जाने के कारण लड़के या लड़की के व्यक्तित्व और शैक्षणिक स्तर का विकास नहीं हो पाता।
3 . छोटी आयु की लड़कियों को बाल विवाह के कारण स्वास्थ्य से संबंधित अनेक कठिनाइयों या रोगों का सामना करना पड़ता है।
4 . लड़कियों के छोटी आयु में विवाह के शीघ्र गर्भवती हो जाने का भय बढ़ जाता है, जिसके कारण मां और बच्चे दोनों को प्रसव के दौरान स्वास्थ्य संबंधी कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।
5 . छोटी आयु में विवाहोपरांत लड़कियों को जल्दी ही बच्चों की देखभाल में लग जाना पड़ता है, किंतु आयु कम होने के कारण वह अपने बच्चों की उचित देखभाल नहीं कर पाती ।6 . बाल्यावस्था में विवाह के कारण लड़कियों में यौन रोगों (STD) Sexually transmitted diseases) का खतरा बढ़ जाता है ।
7 . छोटी आयु की लड़कियां या बच्चे हमारे समाज का मुख्य अंग हैं, परंतु फिर भी इन्हें शीघ्र विवाह हो जाने के कारण घरेलू हिंसा, अत्याचार और शर्मिंदगी का सामना करना पड़ता है ।
8 . छोटी आयु की दुल्हन को मानसिक और भावनात्मक तनाव का सामना करना पड़ता है, क्योंकि वह अभी इतनी बड़ी नहीं हुई होती कि अपने साथ साथ बच्चे और ससुरालियों से संबंधित सभी विषयों को नियंत्रित कर सके ।। छोटी आयु में विवाह या बाल- विवाह को रोकने के लिए सरकार की ओर से कठोर कानून बनाए गए हैं और सामाजिक संगठनों की ओर से भी इसके विरोध अभियान चलाए जाते हैं ताकि सामाजिक कलंक को समूल नष्ट किया जा सके।
डॉ रणबीर
जन स्वास्थ्य अभियान हरयाणा ।
Effects of early marriage:
छोटी आयु में ही विवाह हो जाने के कारण बहुत सी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है,जोकि
निम्नानुसार हैं:
1 . छोटी आयु में विवाह हो जाने से लड़कों और लड़कियों को मानसिक और भावनात्मक समस्याओं का सामना करना पड़ता है , जैसे कि ब्लॉत शारीरिक संबंध बनाना, स्वतंत्रता पर रोक आदि के कारण उनकी मानसिक स्थिति अत्यधिक प्रभावित होती है।
2 . शीघ्र विवाह हो जाने के कारण लड़के या लड़की के व्यक्तित्व और शैक्षणिक स्तर का विकास नहीं हो पाता।
3 . छोटी आयु की लड़कियों को बाल विवाह के कारण स्वास्थ्य से संबंधित अनेक कठिनाइयों या रोगों का सामना करना पड़ता है।
4 . लड़कियों के छोटी आयु में विवाह के शीघ्र गर्भवती हो जाने का भय बढ़ जाता है, जिसके कारण मां और बच्चे दोनों को प्रसव के दौरान स्वास्थ्य संबंधी कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।
5 . छोटी आयु में विवाहोपरांत लड़कियों को जल्दी ही बच्चों की देखभाल में लग जाना पड़ता है, किंतु आयु कम होने के कारण वह अपने बच्चों की उचित देखभाल नहीं कर पाती ।6 . बाल्यावस्था में विवाह के कारण लड़कियों में यौन रोगों (STD) Sexually transmitted diseases) का खतरा बढ़ जाता है ।
7 . छोटी आयु की लड़कियां या बच्चे हमारे समाज का मुख्य अंग हैं, परंतु फिर भी इन्हें शीघ्र विवाह हो जाने के कारण घरेलू हिंसा, अत्याचार और शर्मिंदगी का सामना करना पड़ता है ।
8 . छोटी आयु की दुल्हन को मानसिक और भावनात्मक तनाव का सामना करना पड़ता है, क्योंकि वह अभी इतनी बड़ी नहीं हुई होती कि अपने साथ साथ बच्चे और ससुरालियों से संबंधित सभी विषयों को नियंत्रित कर सके ।। छोटी आयु में विवाह या बाल- विवाह को रोकने के लिए सरकार की ओर से कठोर कानून बनाए गए हैं और सामाजिक संगठनों की ओर से भी इसके विरोध अभियान चलाए जाते हैं ताकि सामाजिक कलंक को समूल नष्ट किया जा सके।
डॉ रणबीर
जन स्वास्थ्य अभियान हरयाणा ।
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