Monday, 2 March 2020

(Frostbite)

****त्वचा का ठंड से जम जाना या सुन्न हो जाना तुषार- उपघात (Frostbite) :
लक्षण/ चिन्ह
* पहले शरीर के किसी भाग का सुन्न हो जाना तथा उसमें तेज दर्द होना।
* फिर शरीर के भाग का और अधिक ठंडा होने के कारण पूरी तरह सुन्न हो जाना।
* यह भाग पीला पड़ जाता है तथा छूने पर कठोर लगता है।
मंद( हल्के) तुषार- उपघात की **प्राथमिक चिकित्सा(Mild frosbite First Aid):
* यदि छूने पर त्वचा मुलायम लगे तो शायद व्यक्ति को हल्का तुषार -उपघात लगा है
* शरीर के ठंड से प्रभावित भाग को सूखे कपड़े से लपेटें और उसे अन्य व्यक्ति या प्रभावित व्यक्ति के ही दूसरे किसी भाग द्वारा गर्म करें।
* व्यक्ति या उसके शरीर के प्रभावित भाग को चलाते रहना चाहिए और ठंड के प्रभाव से जल्द से जल्द छुटकारा पाने का प्रयास करें ।
* हाथों और पैरों को गर्म करें। मुंह तथा कानों को ढकने का प्रयास करें।
** तेज (भारी) तुषार-उपघात(Severe Frostbite) :
भारी सन्निपात की स्थिति में इलाज तब तक शुरू न करें जब तक कि आपको ऐसा स्थान न मिले जहां पर प्रभावित व्यक्ति के पूरे शरीर को इलाज के पहले तथा उपरांत गरम न रखा जा सके। एक
हाथ या पैर को काफी घंटों तक सुन्न रखना, उसके गर्म हो जाने तथा फिर से सुन्न हो जाने से कहीं अधिक बेहतर है।
* जब आपको कोई गर्म और सुरक्षित स्थान मिल जाए तो निम्नलिखित क्रियाएं करें :-
*एक बर्तन में गुनगुना गर्म पानी( अधिक गर्म नहीं) भरें ।
*पीड़ित व्यक्ति के सुन्न भाग को गुनगुने पानी में तब तक रखें जब तक कि वह गर्म ना हो जाए ।
*यदि पानी ठंडा हो जाता है तो उसमें और गर्म पानी मिलाएं। परंतु ऐसा करते समय व्यक्ति के शरीर के पानी में डूबोये हुए भाग, हाथ या पैर को बाहर निकाल दें । याद रखें कि पानी कितना गर्म है इसका व्यक्ति को अंदाज न होने की वजह से वह जल सकता है।
*गर्म होने पर शरीर के सून्न पड़े भाग में काफी दर्द होता है। दर्द को कम करने के लिए रोगी को एस्प्रीन या कोडीन दें।
* जब व्यक्ति के शरीर का प्रभावित भाग सुन्न न रहे तो व्यक्ति को चाहिए कि वह इस भाग को गर्म रखे और विश्राम करें ।
*सुन हो गए भाग के ठीक( सामान्य) हो जाने पर इसे सहजता से रखें जैसा की आप तेज घाव या जलने की स्थिति में करते हैं ।

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