*कोरोना से अभी भी सावधान रहना होगा*
22 मई तक के कोरोना अपडेट से मालूम होता है कि अब तक कोरोना वायरस 216 देशों को प्रभावित कर चुका है। 16,51,58,285 लोगों को संक्रिमित कर चुका है । कोरोना से दुनिया के स्तर पर अब तक 34,25,017 मौतें हो चुकी हैं। सबसे ज्यादा प्रभावित देश हैं अमेरिका, भारत, ब्राज़ील, फ्रांस , टर्की, रसियन फेडरेसन आदि।भारत में अब तक 2,62,89,290 लोग संक्रमित हो चुके हैं जिनमें से 2,95,525 लोगों की मौत हो चुकी हैं।
22 मई को हरियाणा का कोरोना का स्टेटस क्या है यह देखते हैं तो पता चलता है कि
-अभी तक 8639800 टेस्ट सैम्पल्स भेजे गए हैं।
-अभी तक पॉज़िटिव सैम्पल्स जो पाये गए हैं वो हैं 733628 जिनमें 448352 पुरुष हैं , 285239 महिलाएं हैं और 17 ट्रांसजेंडर हैं।
-अभी तक कोरोना पॉजिटिव केस जो ठीक हो गए या डिस्चार्ज हुए हैं वे हैं 678220
-अब कुल एक्टिव पॉजिटिव केस हैं 47993 इनमें से 41668 होम इसोलेसन में हैं। -अभी तक कि कुल मौतें जो हुई हैं वे हैं 7415 जिनमें 4662 पुरुष हैं और 2752 महिलाएं हैं । ट्रांसजेंडर एक है। -अब तक 5256988 लोगों का वैक्सीनेसन हो चुका है ।
*--मृत्यु दर 1.01% है*
*ये सरकारी बुलेटिन के आंकड़े हैं जिनपर बहुत से वैज्ञानिकों की रेजेर्वेसन हैं या असहमतियां हैं । और यह वाजिब भी हैं ।
*जन स्वास्थ्य अभियान हरियाणा के सुझाव और मांगें इस प्रकार हैं:-*
1. अपने नागरिकों को सस्ता, सुलभ व मुफ्त इलाज दिलाना समाज और सरकार की जिम्मेदारी है। कोई भी सरकार इससे भाग नहीं सकती।
2.भारत में कोरोनावायरस की दूसरी लहर बेहद मारक, विस्तृत और अनियंत्रित होकर हमारे सामने आई है इसे सरकार और समाज दोनों भौंचक्के और सकते में हैं।
3. सरकार पहली लहर के बाद लापरवाह और उदासीन हो गई थी, समाज का भी यही हाल था। अभी पहली लहर खत्म भी नहीं हुई थी कि सरकार ने इस ओर से अपनी आंखें मूंद ली, इस दौरान वह विदेशी वाहवाही लूटने के लिए लग गई और लोगों की बीमारी के उपचार पर ध्यान नहीं दिया।
4. अब सरकार के पास न तो पर्याप्त दवाइयां हैं, ना वेंटिलेटर्स हैं, ना बेड हैं, ना मेडिकल ऑक्सीजन है। न ग्राउंड की सही रिपोर्टिंग है।
5.अब लगता है जैसे सरकार ने लोगों को राम भरोसे छोड़ दिया है। उसने इस और ज्यादा ध्यान ही नहीं दिया जा रहा है।
6. सरकार ने इस बीमारी के पर्याप्त इलाज के लिए जो व्यापक स्तर पर करना चाहिए थी वह नहीं किया गया।
7. क्या किसी सरकारी एजेंसी जैसे डब्ल्यूएचओ ने या सरकार के प्रमुखों ने यह घोषित कर दिया था कि अब कोरोनावायरस की बीमारी खत्म हो गई है, अतः इस ओर ध्यान देने की जरूरत नहीं है।
8. ऐसा दुनिया में किसी संस्था ने या किसी सरकार ने नहीं किया, मगर हमारी सरकार ने इस ओर से पूरी गम्भीरता नहीं दिखाई ।
9. अब अस्पतालों में जगह नहीं है, बेड की दिक्कत है वेंटिलेटर की दिक्कत है, दवाइयां भी पर्याप्त मात्रा में नहीं हैं।
10. दवाइयों की कालाबाजारी हो रही है, इन लोगों के खिलाफ सरकार कोई समुचित कानूनी कार्यवाही नहीं की जा रही है।
11. सरकार जैसे लाचार और बेबस हो गई है। सरकार के पास पर्याप्त संख्या में डॉक्टर्स, नर्स, मेडिकल स्टाफ और अस्पताल नहीं हैं। जो हैं उन पर काम का बोझ बहुत ज्यादा है।
12. इस बीच न्यायालय को हस्तक्षेप करना पड़ा और बहुत सी राज्य सरकारों को लताड़ पिलाई और यहां तक कहना पड़ा कि राज की जनता का इलाज राम भरोसे है।
13. गांव में तो जैसे स्वास्थ्य विभाग का बुरा हाल है। वहां सरकारी अस्पताल की कमी हैं, डॉक्टर्स की कमी हैं ,नर्सों की कमी हैं, दूसरे मेडिकल स्टाफ की कमी है, ना ही प्रभावी और पर्याप्त मात्रा में दवाइयां हैं, ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य को लेकर सबसे ज्यादा दिक्कतें है।
14. वैज्ञानिक तीसरी लहर का भी जिक्र कर रहे हैं कि उसके लिए भी हमें तैयार रहने की जरूरत है। उस बारे ठोस योजना नजर नहीं आ रही है ।
15. कोरोना के अलावा दूसरी बीमारियों टीबी , कैंसर, कार्डियक बीमारियां, मानसिक अवसाद आदि के इलाज में जो कमी आई है , उसके लिए भी उचित प्रबंध किए जाने की जरूरत है।
डॉ रणबीर सिंह दहिया
*सेवानिवृत सीनियर प्रोफेसर सर्जरी ,
पीजीआई एम एस रोहतक*
राज्य कोर कमेटी सदस्य
*जन स्वास्थ्य अभियान हरियाणा।*
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