Sunday, 19 April 2020

जनता के स्वास्थ्य एवं अधिकारों की सुरक्षा के लिए तुरंत उपाय किये जाएं।

जनता के स्वास्थ्य एवं अधिकारों की सुरक्षा के लिए तुरंत उपाय किये जाएं।

            हम इस मुश्किल समय में संघर्ष करने वाले डॉक्टर्स, नर्सों, अस्पतालों और स्वास्थ्य ईकाईयों को दिल की
गहराईयों से धन्यवाद देते हैं। हम उनके प्रति अपनी एकजुटता जाहिर करते हैं जो कोविड-19 महामारी से पीडित हैं और उनके जल्दी ठीक होने की कामना करते हैं। हम उन देशों को सलाम करते हैं जिन्होंने सबसे प्रभावित देशों के लिए एकजुटता एक्शन किये, जैसे सुरक्षात्मक सामान और स्वास्थ्य पेशेवरों को भेजना, जिसे भेजने वाले में चीन, क्यूबा और रूस शामिल थे, यह यूरोपीय यूनियन की अनुपस्थिति के बाद किया गया।
कोविड-19 महामारी ने पूंजीवादी देशों में स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को त्रासद रूस से सामने ला दिया, उनकी कमी
को हम कोरोना वायरस के फूटने से पहले से ही जानते थे। यह कमी कोई दुर्घटनावश नही हुई है, ये सरकारों के
द्वारा अपनायी जा रही जन विरोधी नीतियों और बडे सरमायदारों के हितों को साधने का नतीजा है, जिसके लिए
उन्होंने एकाधिकारी समूहों के मुनाफे को बढाने के लिए स्वास्थ्य सेवा प्रणाली का नीजिकरण और व्यवसायिकरण कर डाला। इन नीतियों ने जनता की जरूरतों के लिए जरूरी सभी उपलब्ध बचाव की वैज्ञानिक और प्रोद्यौगिकी क्षमतओं को कमजोर कर डाला। आज का अनुभव पूजीवाद की परजीवीता और समाज विरोधी प्रकृति को सामने ले आता है और समाजवाद की श्रेष्ठता और सामायिकता और लोकप्रिय जरूरतों पर आधारित एक केन्द्रीय वैज्ञानिक योजना जोकि प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं और रोकथाम, अस्पतालों, मेडिकल, नर्सिंग स्टॉफ, इवाईयों, लैब, मेडिकल परीक्षाओं और उन सभी जरूरी चीजों का बचाव कर सके जो जनता की निरंतर और आपातकालीन स्वास्थ्य जरूरतों को पूरा कर सके।
           वैश्विक अर्थव्यवस्था में पहले से मौजूद मंदी अब कोरोना वायरस के फैलने और ज्यादा बढेगी और आने
वाले दिनों में नये संकट पैदा करेगी। सरकारों में एकता के प्रचार के बावजूद वे सरकारें जो बडे पूंजीपतियों की सेवा में लगी हैं, उनका फोकस उन वित्तीय  उपायें पर होगा जो एकाधिकारी समूहों की सहायता करें और एक बार फिर चाहेंगी कि इस संकट का बोझ मजूदरों और अन्य सामान्य जनता पर लाद दिया जाए। मजदूर और जनता इसका  भुगतान नही कर सकती हैं और ना ही उन्हें करना चाहिए। व्यक्तिगत जवाबदेही राज्य और
सरकार की जवाबदेही को कवर करने के लिए इस्तेमाल नही हो सकती है।
            आज जिन उपायो को करने की जरूरत है उन्हें करते हुए, एकाधिकरी समूहों को सहयोग करने के खिलाफ जनता के संघर्ष की आवश्यकता है, जनता जोकि पूंजीवादी मुनाफे की वेदी पर अपने संतोष और जरूरतों का त्याग करती आयी है।
                       कम्युनिस्ट और वर्कर्स पार्टियां महामारी से निपटने के लिए तुरंत सभी जरूरी उपाय करने की मांग करती है जिसमें निम्नलिखित शामिल हैंः
1 -तुरंत स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को राज्यश् की फंडिंग द्वारा मजबूत किया जाए, नियमित मेडिकल स्टॉफ की भर्ती
और नर्सिंग स्टॉफ की भर्ती पूरे श्रम अधिकारों के साथ। इंटेंसिव केयर यूनिट की सभी जरूरतों को पूरा किया जाए और साथ ही पूर्णतया संचालित स्वास्थ्य सेवा प्रणाली के लिए जरूरी ढांचागत सुविधाओं और शोध सेवाओं को उपलब्ध कराया जाए।
2 -तमाम सुरक्षा साधनों ;मास्क, दस्ताने, एन्टीसेप्टिक आदि का राज्य जनता के लिए मुफ्त इंतजाम करें और
मुनाफाखोरी के खिलाफ संघर्ष  करें ।
इस लडाई में सभी अस्पतालो में लगे स्वास्थ्यकर्मियों के लिए सभी सुरक्षा के सामानों का प्रावधान करें।
3 -सभी कामकाजी सामान्य जनों की आय और अधिकारों की रक्षा की जाए।
कोविड-19 महामारी के तहत पूंजी की दायित्वहीनता पर एक रोक लगाने के लिए फालतूपन और वेतन अधिकारों, काम के समय, काम से छुट्टी, और दूसरे श्रम अधिकारों को बचाने के लिए प्रक्रिया शुरू करे। मजदूर वर्ग की उनके कार्यस्थलों पर सुरक्षा के तुरंत कार्यवाही हो।
4 -कोरोना के नाम पर जनता के किसी भी प्रकार के जनवादी अधिकारों में कटौती को ना करें ।
5 -सभी प्रतिबंधों और आर्थिक रूप से अलग करने के उपायों को खत्म करें, जोकि इन हालात में अधिक
अन्यायपूर्ण, अपराधिक है और देश की जनता के जीवन को और अधिक मुश्किल बना देगी। जनता के जीवन
और स्वास्थ्य कही रक्षा के लिए सभी आवश्यक उपाय किये जाएं।
6 -हम नाटो जैसे, साम्राज्यवादी दखल और सैनिक अभ्यास का विरोध करते हैं और मांग करते हैं कि
सार्वजनिक संसाधनों को जनता की जरूरतों के लिए उपयोग किया जाए, जैसे सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा प्रणाली
और समाजिक सुरक्षा व्यवस्था का वित्त पोषण करना।

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